कोरोना के चलते भारत में तीन महीने का लॉकडाउन रहा। मार्च के आखिरी हफ्ते से लेकर जून तक लोगों की डिजिटल डिपेंडेंसी और भी बढ़ गई। लोगों ने इंटरनेट के जरिए घर से ही सारा काम किया और इससे टाइम पास भी किया। इस बात की चर्चा भी थी कि लॉकडाउन के चलते, इंटरनेट यूज बढ़ेगा और टेलीकॉम कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ेगा।
हाल ही में रिलायंस जियो और एयरटेल ने वित्त वर्ष 2020-2021 के पहले तिमाही के लिए अपने आंकड़े जारी किए। जियो को लॉकडाउन में नए यूजर भी मिले और हर यूजर से उसकी कमाई भी बढ़ी। इसके साथ ही उसका फायदा भी बढ़ा।
लेकिन, एयरटेल के साथ ऐसा नहीं हुआ। लॉकडाउन में बीती इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसके यूजर घट गए। एयरटेल का बिजनेस 18 देशों में है उसके बाद भी उसका ये हाल है। वहीं, जियो सिर्फ भारत में बिजनेस करके भी एयरटेल के 18 देश के यूजर बेस के लगभग बराबरी पर आ खड़ी हुई है। एयरटेल को हर यूजर से उसकी कमाई में थोड़ा इजाफा तो हुआ लेकिन, उसका घाटा दो गुने से ज्यादा बढ़ गया।
अप्रैल-जून तिमाही इन दोनों कंपनियों की परफॉर्मेंस कैसी रही? दोनों कंपनियों के यूजर्स का डेटा कंजम्पशन कितना बढ़ा? दोनों के यूजर्स कितने बढ़े या घटे? लॉकडाउन में लोगों की कॉलिंग कितनी बढ़ी? इस रिपोर्ट में हम इन सभी सवालों का जवाब देंगे।
कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए राजधानी में सीरो सर्वे का दूसरा चरण शनिवार से शुरू होगा। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से किए जा रहे 1 अगस्त से 5 अगस्त तक चलने वाले सीरो सर्वे में 15 हजार लोगों के ब्लड सैंपल की जांच की जाएगी। इसमें पता लगाया जाएगा कि कितने लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बनी है। यानी की कोरोना संक्रमित होकर लोग ठीक हो चुके है।
इस सर्वे की रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर आने की बात कही जा रही है। बता दें इससे पहले राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और दिल्ली सरकार ने 27 जून से 10 जुलाई के बीच दिल्ली में सीरो सर्वे कराया था। इससें दिल्ली के करीब 23 प्रतिशत लोगोें में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बनने की बात सामने आई थी। इस रिपोर्ट के बाद दिल्ली सरकार ने लगातार तीन माह तक सीरो सर्वे कराने का निर्णय लिया था।
आबादी के अनुसार जिलों से लिए जाएंगे सैंपल
दिल्ली सरकार के एक अधिकरी ने बताया कि सैंपल लेने के लिए आबादी के अनुसार संख्या तय की गई है। इसमें जिस जिले में आबादी ज्यादा होगी, उस जिले से सैंपल ज्यादा लिए जाएंगे। इसमें 5 साल से ऊपर के सभी आयु और वर्ग के लोगों को समान संख्या में शामिल किया जाएगा। जिसमें महिला, पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे शामिल होगे। इसमें पहले चररण के सर्वे में शामिल लोगों को शामिल नहीं किया जाएगा। साथ ही बिना लक्षण वाले लोगों के सैंपल लिए जाएंगे।
जिले की ही लैब में होगी जांच | सभी 11 जिलो में एक साथ शनिवार से सर्वे शुरू होगा। इन सैंपल की जांच जिलों में ही चयनित लैबों में की जाएंगे। सैंपल लेने के लिए दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक और डिस्पेंशरी के लैब टेक्शनियन की सेवा ली जाएगी। साथ ही उनके साथ आशा कार्यकर्ता और एएनएम भी उपस्थित रहेंगी।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के बालकराम अस्पताल में दीनदयाल कोविड केयर केंद्र का उदघाटन शुक्रवार को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू और उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने किया। इस केयर केंद्र में 100 बैड है, जहां पर कोविड मरीजों को आइसोलेशन किया जाएगा। इस अवसर पर निगम के नेताओं समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। बता दें इस कोविड केयर केंद्र का उदघाटन गत दिनों केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री हर्ष वर्धन करने वाले थे, लेकिन कुछ घंटे पहले ही इसे कैंसल कर दिया गया था।
इस अवसर पर भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने कहा कि निगम आर्थिक संकट के बावजूद नागरिकों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि इस आइसोलेशन केंद्र में 100 बेड की सुविधा नागरिकों के लिए उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में काफी नागरिक ऐसे हैं, जिनके घर काफी छोटे हैं, जो संक्रमण की स्थिति में आइसोलेशन में नहीं रह सकते हैं।
उनके लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने दीनदयाल कोविड केयर केंद्र की सुविधा विकसित की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा था कि 31 जुलाई तक दिल्ली में 5 लाख 50 हजार कोरोना के मरीज हो जाएंगे, जिसकी वजह से अस्पतालों में बेड, डॉक्टरों और नर्सों की कमी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने दिल्ली में एक भय का माहौल पैदा कर दिया था। जिसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने नेतृत्व में दिल्ली की कमान संभाली।
महापौर जयप्रकाश ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में भी उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने आर्थिक संकट के बावजूद नागरिकों के लिए दिन-रात कार्य किया है। निगम ने दिल्ली सरकार का हर प्रकार से सहयोग किया लेकिन दिल्ली सरकार ने निगम को किसी भी प्रकार की सहायता नहीं की। उन्होंने कहा कि निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों ने स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंस पर कार्य करते हुए कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कार्य किए हैं।
दिल्ली में लगातार घट रही कोरोना मरीजों की संख्या का श्रेय लेने को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा में जुबानी जंग जारी है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने शुक्रवार को मीडिया प्रमुख अशोक गोयल के साथ प्रेसवार्ता कर दिल्ली सरकार पर हमला बोला। गुप्ता ने कहा कि कोरोना संक्रमण पर काबू करने में दिल्ली सरकार शुरू से ही नाकाम साबित हुई है।
जब दिल्ली में कोरोना का संख्या बढ़ रही थी तब दिल्ली सरकार ने जनता को भाग्य भरोसे छोड़ दिया था। गुप्ता ने बताया कि तब गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिल्ली में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए खुद पहल कर सबकुछ अपने हाथ में लिया। तब से दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार तेजी से घटती गई। कोरोना मरीजों की रिकवरी में तेजी से वृद्धि आई जिससे अस्पतालों में बेड खाली होते गए।
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के लोगों के सामने केजरीवाल सरकार के बड़े-बड़े दावों की पोल खोलने के लिए आज का ही दिन हमने इसलिए चुना क्योंकि 9 जून को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक गैर जिम्मेदाराना बयान दिया था। और कहा था कि 31 जुलाई तक दिल्ली में 5.5 लाख कोरोना मामले होंगे। जिसके बाद दिल्ली में डर और भय का माहौल उत्पन्न हो गया था। उससे पहले उन्होंने भूमिका बनाई और केंद्र से 5000 करोड रुपए की मांग की। उन्होंने कहा कि जब लोग परेशान थे इलाज के लिए दर-दर भटक रहे थे।
राजधानी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के फरवरी में हुए दंगे के मामलों में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में पैरवी करने के लिए दिल्ली सरकार ने वकीलों की नियुक्ति कर दी है। इस संबंध में गुरुवार को दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने उपराज्यपाल अनिल बैजल की सहमति के बाद अधिसूचना जारी कर दी। इसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू, एडवोकेट अमित महाजन और रजत नायर शामिल है।
इनका काम नागरिता संशोधन कानून और उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में दायर 85 एफआईआर को लेकर आरोपियों और एनजीओ की तरफ से अलग-अलग कोर्ट दायर याचिका के साथ ही बेल, ट्रायल, अपील समेत अन्य मामलों में सरकार की तरफ से पैरवी करना होगा। बता दें उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली के गृहमंत्री के साथ वकीलों के पैनल की नियुक्त को लेकर सहमति नहीं बनने पर मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल को पत्र लिखकर एक सप्ताह में निर्णय लेने को कहा था। इसके बाद दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने निर्णय लिया, जिसे उपराज्यपाल ने खारिज कर दिल्ली पुलिस के पैनल को मंजूरी देने के आदेश जारी किए।
ऑनलाइन शिक्षा की चौथी समीक्षा बैठक के लिए शुक्रवार को चिराग दिल्ली में मनीष सिसोदिया ने कोरोना संकट में ऑनलाइन शिक्षा की सफलता का श्रेय अभिभावकों और शिक्षकों को देते हुए कहा कि सरकार ने सिर्फ सुविधा बढ़ाई है, सारी मेहनत तो आपने की है। सिसोदिया ने कहा कि कोरोना महामारी मानव जाति का सबसे बड़ा संकट है।
जब सारी चीजें बंद हैं, तब भी हमें बच्चों को पढ़ाना है। उन्होंने कहा कि कोरोना का वैक्सीन बन जाएगा, लेकिन शिक्षा में नुकसान की भरपाई किसी वैक्सीन से नहीं हो सकती। इसलिए हम अपने अन्य खर्च कम करके किसी भी तरह बच्चों की पढ़ाई जारी रखें। अगर पढ़ाई में नुकसान हुआ तो यह बच्चे या परिवार का नहीं, बल्कि पूरे देश का नुकसान होगा। हमारी समझदारी की पहचान यह है कि कितनी भी मुश्किल क्यों न हो, हम अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएंगे।
अपने घर को स्कूल बना दिया, यह बड़ी बात
सिसोदिया ने पैरेंट्स से मिले सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने अपने घर को स्कूल बना दिया, यह बड़ी बात है। सिसोदिया ने कहा कि जिन बच्चों के पास ऑनलाइन साधन नहीं थे, उनके लिए सेमी ऑनलाइन व्यवस्था करते हुए स्कूल में मटेरियल दिया गया, फोन पर संपर्क किया गया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल का कोई विकल्प नहीं है। स्कूल जाने से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है।
इसलिए हम चाहते हैं कि स्कूल जल्द से जल्द खुले। अभी बच्चों को नुकसान ना हो, इसके लिए हमने यह प्रयोग किया। उन्होंने ऑनलाइन शिक्षा में एक्टिविटीज का महत्व भी बताया। उन्होंने कहा कि फिनलैंड की दुनिया में सबसे अच्छा माना जाता है।
हाल में नियमित हुई अनाधिकृत काॅलोनियों में विकास कार्याें के लिए एनओसी जारी करने की मांग को लेकर दक्षिणी दिल्ली की महापौर अनामिका ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को को पत्र लिखा है। अनाधिकृत काॅलोनियों में विकास कार्य कराने के लिए दिल्ली सरकार से एनओसी की आवश्यकता होती है।
महापौर ने पत्र लिखकर दिल्ली सरकार से यह मांग की कि अनाधिकृत काॅलोनियों में विकास कार्य के लिए संबंधित विभागों को दिशा निर्देश जारी करे, ताकि वे जल्द ही इसकी अनुमति निगम पार्षदों को दे सकें। उन्होंने कहा कि एनओसी लेने के बाद ही पार्षद अपने क्षेत्र में निगम द्वारा प्राप्त फंड से विकास कार्यों और योजनाओं को पूरा कर सकते है। अनामिका ने अनाधिकृत काॅलोनियों में निगम पार्षद के फंड से विकास कार्य न होने से दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया। महापौर ने बताया कि तीनों निगमों की आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब है।
उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली सरकार के बीच शुक्रवार को एक फिर टकराव जैसे स्थिति सामने आई जब उपराज्यपाल ने केजरीवाल सरकार के अनलॉक-3 के दो अहम फैसले पर एक दिन बाद ही रोक लगा दी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अनलॉक-3 में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए होटल को शनिवार से खोलने और ट्रायल बेसिस पर एक सप्ताह के लिए साप्ताहिक बाजार खोलने के अनुमति दी थी, लेकिन इन दोनों ही फैसले को दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (डीडीएमए) के अध्यक्ष और उपराज्यपाल अनिल बैजल ने खारिज कर दिया है। बता दें शनिवार को दिल्ली सरकार ने नाइट कर्फ्यू खत्म करने, रेहड़ी पटरी वालों के लिए ट्रायल बेस पर काम करने की समयसीमा समाप्त करने, ट्रायल बेस पर साप्ताहिक बाजार शुरू करने और होटल को शुरू करने की अनुमति दी थी।
होटल और साप्ताहिक बाजारों को फिर से खोलने के आप सरकार के फैसले को खारिज कर भाजपा ने दिल्ली के 20 लाख लोगों को धोखा दिया है। चड्ढा ने कहा कि केन्द्र तुरंत अपना आदेश वापस लें।
-राघव चड्ढा, आप प्रवक्ता
हरियाणा की तहसीलों में हुए रजिस्ट्री घोटाले में प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की। गुड़गांव के छह रेवन्यू अधिकारियों एक तहसीलदार और पांच नायब तहसीलदारों को एक साथ सस्पेंड किया गया है। जबकि एक सेवानिवृत्त तहसीलदार पर भी कार्रवाई हुई है। सीएम मनोहर लाल के आदेश पर इन अधिकारियों को फाइनेंशियल कमिश्नर रेवेन्यू विजय वर्धन ने सस्पेंड किया है। हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन अधिनियम 1975 का उल्लंघन कर डीड का पंजीकरण करने के मामले में यह कार्रवाई हुई है।
सस्पेंड किए गए अधिाकारियों में गुड़गांव जिले के सोहना के तहसीलदार बंसी लाल और नायब तहसीलदार दलबीर सिंह दुग्गल, बादशाहपुर के नायब तहसीलदार हरि कृष्ण, वजीराबाद के नायब तहसीलदार जय प्रकाश, गुड़गांव के नायब तहसीलदार देश राज कांबोज व मानेसर के नायब तहसीलदार जगदीश शामिल हैं। यही नहीं इन्हें नियम 7 के तहत चार्जशीट किया गया है।
कादीपुर के सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार ओम प्रकाश को भी चार्जशीट किया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन कर दस्तावेजों का पंजीकरण करने के लिए इन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।
कोरोना महामारी ने इस बार रक्षाबंधन पर भाई-बहन के बीच दूरी बना दी है। इसका असर यह हुआ कि 14 साल बाद इस बार महिलाओं को रक्षाबंधन पर हरियाणा रोडवेज की बसों में फ्री में सफर करने की सुविधा नहीं मिलेगी। सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए बस में फ्री में सुविधा देने में असमर्थता जताई है। इसके अलावा जो बसें विभिन्न रूटों पर चलेंगी उसमें भी 30 से अधिक यात्री नहीं बैठ पाएंगे।
जो महिलाएं सफर करेंगी उन्हें भी मास्क लगाना भी अनिवार्य होगा। हरियाणा सरकार के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने खुद इस बात को माना है कि लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा जब हम लोग सुरक्षित रहेंगे तभी त्यौहार मना पाएंगे। मंत्री ने महिलाओं से बसों में सोशल डिस्टेंसिंग को मेनटेन करते हुए सफर करने की अपील की है।
वर्ष 2006 में हुड्डा सरकार ने रक्षाबंधन और भैयादूज पर शुरू की थी मुफ्त सेवा
वर्ष 2006 में तत्कालीन हुड्डा सरकार ने रक्षाबंधन और भैयादूज पर दो दिन हरियाणा रोडवेज की बसों में राज्य की सीमा तक फ्री में सफर करने की सुविधा शुरू की थी। लगातार 14 साल से यह सुविधा चली आ रही थी। लेकिन इस बार कोरोना महामारी ने इस सुविधा के लिए संकट पैदा कर दिया है। इसके अलावा रोडवेज का करीब 850 करोड़ रुपए लॉकडाउन के कारण घाटे में चलना भी एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।
रोडवेज अधिकारियों ने बताया यदि किसी महिला को फरीदाबाद से मथुरा और आगरा तक आना जाना है तो उसे हरियाणा की सीमा तक ही किराए में छूट मिलती थी। लेकिन यदि कोई महिला हरियाणा की सीमा में सफर करना चाहती है तो उसे फ्री में सुविधा मिलती थी।
इन रूटों पर महिलाएं अधिक करतीं सफर
रोडवेज अधिकारियों की मानें तो फरीदाबाद से पलवल, होडल, हथीन, मथुरा, आगरा, वृंदावन, गोवर्धन, गुड़गांव, सोहना, नूंह, रेवाड़ी, भरतपुर, अलवर, पुन्हाना, अलीगढ़, बुलंदशहर, रेवाड़ी, फिरोजपुर झिरका, नजफगढ़, बादली, भिवानी, झज्जर बसें आती जाती हैं।
इसके अलावा लोकल में जवां, फतेहपुर, सरूरपुर, तिगांव, चांदपुर, अरुआ, मंझावली, कोराली, मोहना, छांयसा, हीरापुर, पन्हेड़ा आदि रूट पर महिलाएं अधिक सफर करती हैं। इन रूटों पर रक्षाबंधन से एक दिन पहले और भैयादूज की रात तक बड़ी संख्या में महिलाओं की भीड़ रहती है। रोडवेज प्रशासन के तमाम दावों के बाद भी महिलाओं को पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पाती।
परिवहन मंत्री बोले जान है तो जहान है
महिलाओं को इस बार बसों में फ्री सेवा दिए जाने के सवाल पर परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि जान है तो जहान है। यदि भाई-बहन दोनों सुरक्षित रहेंगे तभी वे त्यौहार मना पाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने इस बार फ्री सेवा न देने का निर्णय लिया है। जिससे बसों में भीड़ न हो। क्योंकि फ्री सेवा होने से लोगों की भीड़ बढ़ने की संभावना है। मंत्री ने कहा बहनें इस बार मैसेज, डाक और पार्सल के माध्यम से त्यौहार मना सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से रोडवेज को करीब 850 करोड़ का नुकसान हुआ है। सरकार को इस ओर भी देखना है।
ओल्ड फरीदाबाद निवासी एक व्यक्ति ने अपने निगम पार्षद को फोन कर गली में स्ट्रीट लाइट खराब होने की शिकायत की तो पार्षद आग बबूला हो गए। उन्होंने युवक से गाली गलौच करते हुए कहा कि वह शिकायत नगर निगम से करें या फिर अपने विधायक से। उनके पास कोई शिकायत रजिस्टर थोड़ी रखा है जो आपकी शिकायत दर्ज करेंगे।
पार्षद की इस बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पार्षद की गाली गलौच का यह ऑडियो शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या जनप्रतिनिधि इस तरह लोगों की समस्याएं सुनते हैं। इस बारे में संबंधित पार्षद को फोनकर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।
शुक्रवार को अमित कुमार ने अपनी गली में खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट को ठीक कराने के लिए अपने निगम पार्षद को फोन किया। उन्होंने स्ट्रीट लाइट ठीक कराने का अनुरोध किया। समस्या सुनते ही पार्षद आग बबूला हो गए और गाली गलौच करते हुए जमकर खरी खोटी सुनाई।
विधायक नयनपाल रावत ने कहा कि प्रदेश में मॉडल संस्कृति स्कूल खोले जाएंगे। इनमें बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति के बारे में भी पूर्ण जानकारी दी जाएगी। रावत शुक्रवार को पृथला क्षेत्र के गांव देवली में लायंस क्लब की ओर से आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर रहे थे। कार्यक्रम की शुरूआत पौधरोपण के साथ हुई। इस दौरान 265 पौधे रोपे गए।
विधायक ने कहा सीएम शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं जिससे हरियाणा के सरकारी व मॉडल संस्कृति स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे किसी से पीछे न रहें। इसको लेकर 5 अगस्त को 90 विधायकों की मीटिंग हो रही है। इसमें सीएम भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान लायंस क्लब की गवर्नर नरगिस गुप्ता ने कहा आज विभिन्न किस्म के 265 पौधे लगाए गए। पेड़ बनने तक इनकी देखभाल भी की जाएगी।
तिगांव में अपने घर के बाहर खड़े एक युवक को कार सवार बदमाशो ने गोली मार दी। इससे युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ित की शिकायत पर तिगांव पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है लेकिन अभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
पुलिस को दी शिकायत में पवन कुमार ने कहा कि वह गुरुवार शाम करीब पौने सात बजे अपने घर के गेट पर खड़े थे। इस दौरान एक बुलेट मकान के नजदीक आकर रुकी। उस पर शाहाबाद निवासी कपिल और उसके दो अन्य साथी बैठे थे। इनके आने के करीब 5-7 मिनट बाद एक ब्रेजा कार आकर रुकी। उसमें से तीन व्यक्ति नीचे उतरे। इनकी पहचान शाहाबाद निवासी दीपक और हरेन्द्र के रूप में हुई।
पवन का आरोप है कि हरेन्द्र के हाथ में पिस्टल थी और दीपक के पास कट्टा था। हरेन्द्र ने पिस्टल से 2-3 राउंड हवाई फायर किए। इसी दौरान दीपक ने कट्टे से गोली चलाई जो उसके दाहिने पैर पर लगी। चीख पुकार सुन जब तक गांव के लोग पहुंचते तब तक हमलावर फरार हो गए। पवन को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
इस समय राहत की खबर यह है कि कुछ दिन से कोरोना के बड़ी संख्या में मरीज ठीक हो रहे हैं। रोज जितने कोरोना के मरीज आ रहे हैं उससे कहीं ज्यादा ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो रहे हैं। शुक्रवार को 24 घंटे में जहां 176 नए केस आए, वहीं 380 मरीज ठीक होकर अपने घर पहुंच गए। इस दौरान एक मरीज की मौत भी हुई है। शुक्रवार को पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 8655 और ठीक होने वालों का आंकड़ा 7295 तक पहुंच गया।
नोडल अधिकारी डॉ. रामभगत ने बताया कि जिले में अभी तक 75055 लोगों के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए। इनमें से 65880 की निगेटिव रिपोर्ट आई। जबकि 520 की रिपोर्ट आनी शेष है। अभी तक 8655 लोगों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से 285 लोग अस्पताल में दाखिल हैं। जबकि 945 पॉजिटिव मरीजों को घर पर आइसोलेट किया गया है। हेल्थ विभाग के मुताबिक 48 मरीजों की हालत गंभीर है। जबकि 7 को आईसीयू में रखा गया है। लक्कड़पुर निवासी 51 वर्षीय पुरुष की मौत हुई है।
गुड़गांव के सदर बाजार में ईद से ठीक पहले आपसी सौहार्द को खराब करने वाली वारदात हुई। बकरीद को देखते हुए पिकअप में मीट लेकर पहुंचे एक चालक को शुक्रवार दिनदहाड़े सदर बाजार के पास ट्रंक मार्केट में बाइक सवार युवकों ने घेरकर जानलेवा हमला कर दिया। हमलवारों ने गाड़ी के शीशे तोड़ते हुए चालक को उसी की गाड़ी में अगवा कर ले गए। भोंडसी जेल मोड़ के पास पुलिस को देखकर हमलावर गाड़ी छोड़कर फरार हो गए। पुलिस की मदद से घायल चालक को अस्पताल में दाखिल कराया गया। पुलिस अभी बीफ जैसी बात से इनकार कर रही है।
सब इंस्पेक्टर रोहताश ने बताया कि घायल के बयान पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मीट का नमूना लेकर लैब में जांच के लिए भेज दिया गया है। वहीं आरोपियों व हमले के कारणों को लेकर भी जांच की जा रही है। नूंह के घासेड़ा निवासी लुकमान शुक्रवार सुबह करीब 9.30 बजे गुड़गांव सदर बाजार स्थित मीट मार्केट स्थित ताहिर को मीट सप्लाई करने गया था। रास्ते में उसके पीछे 4-5 बाइक पर सवार युवक लग गए।
मस्जिद के पास स्थित ट्रंक मार्केट में आरोपियों ने उसकी गाड़ी को घेरते हुए लोहे की रॉड़ व लाठी-डंडों से हमला कर दिया। आरोपियों ने चालक से मारपीट करते हुए उसकी गाड़ी में अपहरण कर सोहना रोड की तरफ ले गए। इस दौरान चालक ने रास्ते से अपने भाई को फोन कर दिया। भाई ने पुलिस को सूचना दी, जिस पर बादशाहपुर थाना पुलिस सतर्क हो गई। जेल मोड़ के पास पुलिस बैरिकेडिंग देखकर आरोपियों ने उससे पहले गाड़ी रोककर फरार हो गए।
सोहना रोड के वाटिका चौक से पीछा करते हुए सदर बाजार तक पहुंचे आरोपी
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की| गंभीर हालत में चालक को सेक्टर-10ए स्थित नागरिक अस्पताल एडमिट कराया गया, जहां से आर्टिमिस अस्पताल रैफर कर दिया। वहीं पुलिस आरोपियों की बाइक के नंबर व पहचान के लिए आसपास के सीसीटीवी की फुटेज भी खंगाल रही है। पुलिस ने बीफ के अंदेशे से पिकअप में मिले मीट का नमूना लैब में जांच के लिए भेजा है। बादशाहपुर थाना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शिकायतकर्ता लुकमान ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि शुक्रवार सुबह जब मेवात की तरफ से गुड़गांव जा रहा था तो वाटिका चौक के नजदीक से कुछ बाइक सवार युवकों ने पीछा करना शुरू कर दिया था। लेकिन उसने गाड़ी नहीं रोकी और सदर बाजार तक पहुंच गया। लेकिन वहां जाते ही आरोपियों ने उस पर हमला करते हुए उसकी गाड़ी में ही अपहरण कर लिया। पुलिस प्रवक्ता सुभाष बोकन ने बताया कि इस सारे मामले की जांच की जा रही है।
सरकारी स्कूलों में नियुक्त कंप्यूटर टीचर और लैब असिस्टेंट का अनुबंध बढ़ा दिया गया है। जिससे हजारों शिक्षकों को राहत ली है। प्रदेश के 4399 शिक्षकों में से गुड़गांव के करीब 120 शिक्षकों को अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। क्योंकि इस दौरान शिक्षकों को पूरी सैलरी दी जाएगी। कोरोना के कारण स्कूल बंद होने पर अनुबंध बढ़ाने को लेकर संशय बना हुआ था। जिसे लेकर 1 महीने से कंप्यूटर व लैब सहायक संघ के अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल अधिकारियों और मंत्रियों से गुहार लगा रहे थे।
कंप्यूटर शिक्षक नीरज और अरुण का कहना है कि अनुबंध करने पर हजारों कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है। वित्त विभाग में अनुबंध बढ़ाने को अपनी मंजूरी दे दी है। अन्य विषयों की तरह कंप्यूटर शिक्षा में छात्रों के लिए बहुत आवश्यक है। ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा के तहत बच्चों को घर बैठे कंप्यूटर शिक्षा भी दी जा रही है ताकि बेसिक नॉलेज छात्रों का बना रहे।
कर्मियों का कार्यकाल पहले 30 जून 2020 को खत्म हो चुका था
यह अनुबंध 21 मई 2021 तक बढ़ा दिया गया है। इन सभी कर्मचारियों का कार्यकाल पहले 30 जून 2020 को खत्म हो चुका था। लेकिन शिक्षा निदेशालय ने 2184 कंप्यूटर शिक्षकों और 2215 लैब असिस्टेंट का कार्यकाल एक बार फिर से बढ़ा दिया है। अब यह नया कार्यकाल 1 जुलाई 2020 से 21 मई 2021 तक किया गया है। शिक्षकों को 15 हजार व सहायकों को 9 हजार मासिक मानदेय मिलेगा। सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी दोनों ही स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। किसी भी स्कूल में स्थाई पोस्ट न होने की वजह से अनुबंध पर शिक्षक नियुक्त हैं।
शुक्रवार को गुड़गांव में कोरोना वायरस के 78 पॉजिटिव केस मिले, जबकि 107 पेशेंट रिकवर होकर घर लौट गए। हालांकि एक पेशेंट की उपचार के दौरान मौत हो गई। इसके साथ ही जुलाई महीने में कुल 32 पेशेंट की मौत हो चुकी हैं। वहीं अब तक गुड़गांव में कुल 123 पेशेंट की मौत हुई हैं। गुड़गांव में जुलाई महीने में तेजी से की गई सैंपलिंग से संक्रमण पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। हालांकि खतरा अभी टला नहीं माना जा सकता।
गुड़गांव में अभी भी एक्टिव केस 961 हैं, जिनमें से 184 पेशेंट अस्पतालों में एडमिट हैं, जबकि 777 पेशेंट होम आइसोलेट किए गए हैं। लेकिन पिछले दो दिन में पिछले दो महीने से कम केस सामने आए हैं। शुक्रवार को पॉजिटिव मिले 78 केस में से नगर निगम के जोन-1 में 10, जोन-2 में 16, जोन-3 में 24 व जोन-4 में 11 केस मिले। जबकि पटौदी में 9, सोहना में 7 व फर्रुखनगर ब्लॉक में एक पॉजिटिव केस मिला।
अलग-अलग तरीके से झांसा देकर ठगों ने दो लोगों से 38 हजार रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने दोनों मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। संजय ग्राम कॉलोनी निवासी सतीश कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कुछ समय पहले अपनी बाइक बेचने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन पोस्ट किया था। सागर नामक युवक ने बाइक के लिए बातचीत की। आरोपी ने पीड़ित को अग्रिम भुगतान के लिए पेटीएम नम्बर मांगा।
पीड़ित ने अपने पिता का नम्बर उसे दिया। आरोपी ने पीड़ित के पिता को कहा कि वो रुपए ट्रांसफर कर रहा है और आपको बटन दबाकर पेटीएम ऐप से रुपए लेने होंगे। तभी ये रुपए खाते में आएंगे। बुजुर्ग उसकी बातों में आ गया। उन्होंने जैसे ही क्लिक किया उनके खाते से 20 हजार रुपए निकल गए। इसके बाद आरोपी ने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिया।
दूसरे मामले में सेक्टर-48 निवासी नवीन बिष्ट ने बताया कि 14 मार्च को मेरे एसबीआई खाते से तीन बार में 18 हजार 46 रुपए निकल गए। जबकि उसने कहीं भी कोई ट्रांजेक्शन नहीं की। पीड़ित का कहना है कि उनके पास रुपये ट्रांसफर के लिए कोई ओटीपी भी नहीं आई। पुलिस ने जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया।
आर्थिक अपराध शाखा ने एक जालसाज को गिरफ्तार किया है, जिसने एक बुजुर्ग महिला की लगभग बीस करोड़ की प्रॉपर्टी और 20 लाख की एफडी को हड़पने की कोशिश की थी। महिला की मौत हो चुकी है, जिसकी आरोपी ने फर्जी वसीहत बनायी थी। आरोपी की पहचान साउथ एक्सटेंशन पार्ट वन निवासी अरविंद ढींगरा (51) के तौर पर हुई। आरोपी को दो दिन के रिमांड पर लेकर पुलिस उससे गहन पूछताछ कर रही है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त ओपी मिश्रा ने बताया वर्ष 2014 में दिल्ली सरकार के एडमिनिस्ट्रेशन जनरल ऑफिशयल ट्रस्टी संजय दीवान ने शिकायत दी थी। पुलिस को बताया गया था ईस्ट ऑफ कैलाश निवासी 64 साल की कृष्णा खन्ना की 24 जनवरी को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। महिला के तीन अविवाहित बेटों की भी मौत हो चुकी है। बुजुर्ग महिला की दिल्ली में कई जगह करोडों रुपए की प्रॉपर्टी पर कुछ लोग कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।
मामले की जांच के दौरान पुलिस ने पाया साकेत कोर्ट में भक्ती वेदांता महाराज और स्टेट का केस चल रहा है। महिला का लाखों रुपए की एफडी भी थी। उसके बैंक अकाउंट को फ्रीज किया गया। साथ ही रवेनयू डिपार्टमेंट को विकासपुरी, सराय जुलैना, उतम नगर और ईस्ट ऑफ कैलाश की चार प्रॉपर्टी पर नजर रखने के लिए कहा गया था। पुलिस ने कोर्ट से बुजुर्ग महिला की वसीयत की फॉरेसिंक जांच के लिए भिजवाया, जो फर्जी पायी गई।
इसके बाद खुलासा हुआ यह वसीयत ईस्ट ऑफ कैलाश के एक दुकानदार अरविंद कुमार ढिंगरा ने बनवायी थी। चश्मदीद के तौर पर वह खुद गवाह बना था। जिसके हस्ताक्षर भी हैं। उतम नगर की चार प्रॉपर्टी को तिलक नगर निवासी कंवलजीत सिंह ने फर्जी जीपीए के माध्यम से अपने नाम करवा लिया था। बाद में ये प्रॉपर्टी बिल्डर को बेच दी गयीं। इस मामले में अब पुलिस को कवंलजीत सिंह की तलाश है।
प्रदेश कांग्रेस में गुटवाजी रूकने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस आलाकमान भले ही चौधरी अनिल कुमार को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया हो पर प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के लगातार उपेक्षा के कारण पार्टी द्वारा शक्ति परीक्षण के दौरान लगातार अलग-थलग पड़ते जा रहे है। विरोधी पाटिर्यों को शक्ति प्रदर्शन कर एक जुटता दिखाने के दौरान भी बड़े नेता के साथ कार्यकर्ताओं की भीड़ भी कम होती जा रही है। शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा दक्षिणी निगम द्वारा प्रोफेशनल टैक्स लगाने और अन्य टैक्सों में बढ़ौतरी के खिलाफ सिविक सेन्टर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान भी यही नजारा देखने को मिला।
इस प्रदर्शन के दौरान भी उन्हें वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं का साथ उन्हें नहीं मिल रहा है। प्रदर्शन में उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष जय किशन, अभिषेक दत, मुदित अग्रवाल, , पूर्व विधायक अमरीश गौतम, भीष्म शर्मा जैसे नेताओं का साथ तो मिला। पर इस बार भी भाजपा शासित दक्षिण निगम के विरूद्ध प्रदर्शन के दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन, जयप्रकाश अग्रवाल, अरविंदर सिंह लवली, डा. वालिया, मुकेश शर्मा जैसे अग्रिम पंक्ति के नेता उनसे दूरी बनाए रखी। हाथों में भाजपा विरोधी बैनर और प्लेकार्ड लिए नारे लगाते प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में कार्यकर्ता सिविक सेन्टर की ओर बढ रहे थे उन्हें पुलिस ने रोक दिया।
अनिल कुमार ने अपने प्रदर्शनकारियों को कहा कि मोदी-शाह की जोड़ी शांति पूर्वक विरोध प्रदर्शन के लोकतांत्रिक अधिकार को दबाने का हर संभव प्रयास कर रही है, परंतु कांग्रेस किसी भी दवाब में नही आएगी। निगम असंवेदनशील तरीके से काम करके व्यावसायिक कर, अनधिकृत कॉलोनी टैक्स और स्टैंप ड्यूटी टैक्स लगाकर लोगों पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है जबकि लोगों को इस कोरोना काल में अपनी जीविका चलाने में मुश्किले हो रही है। टैक्स में संशोधित बढ़ौत्तरी करने की बजाय मोदी सरकार और अरविन्द सरकार से उन्हें स्पेशल वित्तिय पैकेज की मांग करनी चाहिए ताकि दिल्ली नगर निगम को दिल्लीवालों पर कोई नया टैक्स न थोपना पड़े।
पर इस बारे में प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक दत्त ने बताया कि ऐसी बात नहीं है, अजय माकन राजस्थान है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए 65वर्ष से अधिक नेताओं को पब्लिक फोकस में पार्टी नहीं ला रही है। वंही सूत्रों का कहना है किसी तरह से पद पाने में कामयाब हो गए पर उन्हें पार्टी के बड़े नेता तबज्जो नही दे रहे है।
अब नाइजीरियन मूल के नागरिक ड्रग रैकेट या जालसाजी का ही धंधा नहीं कर रहे, बल्कि लूटपाट की वरदात को भी अंजाम देने लगे हैं। साउथ दिल्ली के तिगड़ी इलाके में हुई लूट की एक वारदात में शामिल दो विदेशी नागरिकों को पुलिस ने अरेस्ट किया है। दोनों भारत में अवैध रुप से रह रहे थे। आरोपियों की पहचान उसमान और इमका के तौर पर हुई। पुलिस ने इनके पास से लूटे गए दोनों मोबाइल बरामद कर लिए हैं।
डीसीपी साउथ डिस्ट्रिक अतुल कुमार ठाकुर ने बताया 30 जुलाई को तड़के पौने तीन बजे मोबाइल झपटमारी की सूचना मिली। पुलिस ने देवली रोड निवासी पीड़ित के पास पहुंच बात की। जिसने बताया वह अपने दोस्त के साथ उक्त रोउ पर एक दोस्त के साथ टहल रहा था। तभी वहां आए दो लोगों ने उन पर हमला कर दिया और जबरन दो मोबाइल लूट लिए। इसके बाद वे फरार हो गए। उन्होंने बदमाशों का पीछा भी करने का प्रयास किया लेकिन वे हाथ नहीं आ सके। इस घटना की बाबत तिगड़ी थाने में लूट का केस दर्ज किया गया।
संगम विहार सब डिवीजन एसीपी अखिलेश स्वरुप की देखरेख में पुलिस टीम ने ममले की जांच शुरु की। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चैक की गई, लोकल मुखबीर तंत्र के जरिए बदमाशों के बारे में जानकारी जुटायी गई। जानकारी मिली इस वारदात में विदेशी नागरिकों का हाथ शामिल है। पुलिस ने दो संदिग्धों को चिन्हित किया।
जांच उन पर केंद्रित हुई, टैक्नीकल सर्वलांस की मदद ली गई, जिसके बाद पुलिस ने कृष्णा पार्क एरिया से कुछ ही घंटों में दोनों आरोपियों को दबोच लिया। आरोपी भारत में वैध तरीके से रहने को लेकर कोई प्रूफ नहीं दिखा सके। दोनों ही आरोपी नाइजीरियन मूल के नागरिक हैं, जो यहां कृष्णा पार्क एरिया में किराए के मकान में रह रहे थे।
पूर्वी दिल्ली के वेलकम इलाके में एक महिला एंकर ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। लॉक डाउन के वक्त उसकी नौकरी छूट गयी थी। मृतका की पहचान प्रिया जुनेजा उर्फ पूजा जुनेजा (24) के तौर पर हुई। मामले की सूचना के बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जांच के दौरान पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। प्रिया ने कई टीवी न्यूज चैनल में एंकर के रूप में काम किया था। उनकी कई बॉलीवुड स्टार के साथ तस्वीरें भी हैं। पुलिस का कहना है कि लॉकडाउन में नौकरी जाने के बाद से वह काफी हताश थी, जिसकी वजह से उसने यह कदम उठाया।
पुलिस ने बताया प्रिया टी ब्लॉक वेलकम में परिवार के साथ रहती थी। परिवार में पिता पवन कुमार जुनेजा, मां अनीता के अलावा दो बहने हैं। बृहस्पतिवार को वह खाना खाने के बाद सोने के लिए चली गई। शुक्रवार सुबह करीब 5:00 बजे परिजनों ने उसे चुन्नी के सहारे फंदे से लटके हुए देखा, जिसे नीचे उतार अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद उसकी बॉडी परिवार के हवाले कर दी।
स्वरुप नगर इलाके में प्लॉट के दरवाजे के सामने रेहडी खड़ा करने से मना किया ताे दबंगों ने घर में घुसकर लाठी-डंडों से पिटाई। घायल की पहचान निखिल मल्होत्रा (32) के रुप में हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। निखिल मलहोत्रा परिवार के साथ शक्ति नगर में रहता है। वह खुद का प्राइवेट परफ्यूम का काम करता है। निखिल ने पुलिस को बताया कि गली नंबर-5 में उनका एक प्लॉट है। उसके सामने एक युवक जितेंद्र अपनी रेहडी खडी करता था।
उन्होंने प्लॉट पर काम कराया तो निखिल ने बुधवार को उसे गेट के सामने रेहडी खडा करने से मना किया। इस की जितेंद्र ने गाली गलौच शुरु कर दी और पास ही पडी ईंट उठाकर निखिल काे मार दी। इसके बाद जितेंद्र ने अपने भाई समेत दो तीन लोगों को और बुला लिया। निखिल बचने के लिए घर में घुस गया तो दबंगों ने उसके घर में ही घुसकर उसे लाठी-डंडों से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया।
कंझावला इलाके में नीतू दाबोदिया नामक गैंगस्टर के करीबी बदमाश को अज्ञात बदमाशों ने बीती रात अंधाधुंध गोलियां चलाकर गंभीर रुप से घायल कर दिया। वारदात के बाद आरोपी मौके पर से फरार हो गए। परिवार वालों ने उसे घायलावस्था में अस्पताल में भर्ती कराया। जहां हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उसे सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। घायल की पहचान संदीप के रुप में हुई है। पुलिस अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर तलाश कर रही है। शुरूआती जांच में पुलिस गैंगवार और वारदात का तिहाड़ जेल से लिंक की आशंका से इंकार नहीं कर रही है।
जानकारी के मुताबिक बुधवार रात करीब 9 बजे पुलिस को कंझावला तटेसर श्मशान घाट के पास संदीप नामक बदमाश को गोली मारने की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस को संदीप सड़क पर खून से लथपथ हालत में पड़ा मिला था। पास ही उसकी बाइक और आधा दर्जन से ज्यादा कारतूस के खोल पड़े थे। संदीप को तुरंत नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया और उसके परिवार वालों को वारदात की जानकारी दी। डॉक्टरों ने संदीप की हालत बिगड़ता देखकर उसे सफदरजंग अस्पताल में शिफ्ट कर दिया। संदीप कंझावला इलाके का बीसी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि संदीप कंझावला पुलिस का घोषित बदमाश है। वह बवाना में अजय उर्फ सोनू दादा के अपहरण और उसकी हरियाणा में ले जाकर हत्या के बाद शव को जलाने की वारदात समेत आधा दर्जन से ज्यादा वारदातों में शामिल रहा है। बीती रात वह अपने खेत से बाइक से घर की तरफ जा रहा था। तभी अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने उसपर 2 पिस्टल से अंधाधुंध गोलियां चलाई। करीब 3 से 4 गोली संदीप को लगी, जिससे वह वहीं पर गिर गया। गोलियों की आवाज सुनकर जब तक आसपास के लोग मौके पर पहुंच पाते। बदमाश मौके पर से अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। गैंगस्टर नीतू का करीबी रह चुका है संदीप
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि संदीप गैंगस्टर नीतू दाबोदिया का करीबी रह चुका है। जबकि नीतू की तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर नीरज बवानिया से दुश्मनी है। दोनों की दुश्मनी काफी समय से चली आ रही है। सूत्रों की मानें तो संदीप नीरज बवानिया के साथी अजय उर्फ सोनू उर्फ पंडि़त उर्फ दादा की सुल्तानपुर डबास से अपहरण कर हरियाणा में पहले गोली मारकर हत्या की बाद में लाश को जला दिया था।
नंद नगरी इलाके में मां-बेटे को बंधक बनाकर डकैती की वारदात करने वाले तीन बदमाश गिरफ्तार कर लिए गए हैं। पुलिस ने इनके पास से लूटी गई रकम में 3.77 लाख रुपए बरामद किए हैं। आरोपियों की पहचान मोहम्मद चांद, जावेद और सलीम के तौर पर हुई, जो लोनी गाजियाबाद के रहने वाले हैं। पुलिस को इस केस में अभी दो अन्य आरोपियों की तलाश है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक 26 जुलाई पौने चार बजे सुनील शर्मा ने इस घटना की सूचना दी थी। पुलिस को बताया गया वह घर में बुजुर्ग मां के साथ मौजूद थे। तभी पांच हथियारबंद बदमाश घर में घुसकर 35 से 40 तोला सोना और लगभग सवा 14 लाख रुपये कैश और आधा किलो चांदी लूट ली। उनका मोबाइल भी बदमाश साथ ले गए।
घटना का विरोध करने पर बदमाशों ने उनकी मां को भी चोट पहुंचाई। इस घटना की बाबत दयालपुर थाने में डकैती का केस दर्ज किया गया। स्थानीय थानाध्यक्ष वेद प्रकाश से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली गई और टेक्नीकल सर्विलांस की मदद से संदिग्धों के मोबाइल नंबर को जांच के दायरे में लिया। पुलिस ने मामले की जांच के दौरान 30 जुलाई को वजीराबाद रोड पर चांद बाग के नजदीक ट्रैप लगाकर तीन बदमाशों को लूट के सामान के साथ दबोच लिया। आरोपियों से हुई पूछताछ में पता चला मोहम्मद चांद जुए का आदि है। उस पर काफी कर्ज हो चुका था। कर्जदाता रकम का तकाजा कर रहे थे। यही कर्ज उतारने के लिए उसने अपने दोस्तों जावेद, सलीम और राजू के साथ मिलकर लूट की योजना बनाई। राजू ने बाद में शरीक और रहीस को भी अपने साथ मिला लिया था। 26 जुलाई को सभी नेहरू विहार की गली नंबर छह के मकान नंबर बी-46 पहुंचे और वारदात को अंजाम देकर फरार हो गये थे।
फैक्ट्री से तिजोरी तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार
आउटर नार्थ जिला के स्पेशल स्टॉफ ने बवाना स्थित एक फैक्ट्री से तिजोरी तोड़कर ले जाने वालों में से एक बदमाश को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान नरेश खत्री उर्फ गोलू के रूप में हुई है। आरोपी की निशानदेही पर तिजोरी और 2 मोबाइल फोन जब्त किए हैं। आरोपी की निशानदेही पर उसके सरगना को पकडऩे की कोशिश की जा रही है। दरअसल बवाना स्थित एक फैक्ट्री में कुछ समय पहले बदमाशों ने एक तिजोरी लूटने की कोशिश की थी। जब तिजोरी नहीं खुली तो बदमाश उसे काटकर ही साथ ले गए थे। लेकिन जब बदमाशों ने तिजोरी को ठिकाने पर ले जाकर खोला। उसमें कुछ ही हजार रुपए थे। जिसके बाद बदमाशों ने एक दूसरे को काफी खरी खोटी सुनाई थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी नरेश खत्री पंजाब खोड़ का रहने वाला है। जबकि उसका सरगना पारूल जयखेड़ा का रहने वाला है, जो कई वारदातों में शामिल रहा है। स्पेशल स्टॉफ को नरेश के बारे में जानकारी मिली थी।
साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक के साइबर सेल ने एक जालसाज को गिरफ्तार किया है, जिसने एक बुजुर्ग को एक लाख पांच हजार रुपए की चपत लगाई थी। उसने बुजुर्ग के सामने खुद को पेटीएम का एग्जीक्यूटिव ऑफिसर बताकर जाल में फंसाया था। आरोपी की पहचान सूरत, गुजरात निवासी अब्दुर रहमान है। अभी तक की जांच में पुलिस को उसका कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है। फिलहाल पुलिस उसके साथ को तलाश रही है। डीसीपी आरपी मीणा ने बताया पिछले साल 14 नवंबर को एक स्कूल से वाइस प्रिंसिपल पद से रिटायर 70 वर्षीय सिद्दिकी ने खुद के साथ धोखाधडी की शिकायत दी थी। यह मामला जामिया नगर थाने में दर्ज किया गया।
पीड़ित ने पुलिस को बताया आरोपी ने उन्हें पेटीएम केवाईसी के नाम पर क्विक सपोर्ट एप्लिकेशन डाउनलोड करने की बात कहीं थी। उन्होंने अपना कार्ड व सीवीवी नंबर उक्त शख्स से शेयर किया था। इसके बाद उनके पेंशन अकाउंट से एक लाख रुपये कट गये। पुलिस ने आरोपी को सूरत से गिरफ्तार किया है। आरोपी महज नौंवी पास है। आरोपी ने पुलिस को बताया उसके पास कोई नौकरी नहीं थी। दो साल पहले वह ताहिर के संपर्क में आया और फिर ऑनलाइन फ्रॉड करने लगा। उसका साथी भी सूरत का रहने वाला है। ठगी के धंधे में इन दोनों की बराबर की हिस्सेदारी था।
टेक टाइटंस अमेजन, फेसबुक, गूगल और एपल के सीईओ अमेरिकी कांग्रेस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश हुए। ये ऑनलाइन मार्केट में ताकत का बेजा इस्तेमाल, कारोबारी प्रतिस्पर्धा खत्म करने के आरोपों पर सुनवाई का सामना कर रहे हैं।
4 घंटे से ज्यादा चली सुनवाई के दौरान दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस स्नैक्स खाते रहे। दो घंटे तक वह सवाल टालते रहे। इसी तरह सांसदों के डेटा सिक्योरिटी को लेकर तीखे सवालों पर बाकी को भी जवाब नहीं सूझा। कमेटी की जांच में पाया गया कि ये कंपनियां विस्तार के लिए प्रतिस्पर्धियों को दबा रही हैं। सभी ने दलील दी कि उन्होंने कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया है।
5 घंटे सुनवाई: कठघरे में 360 लाख करोड़ रु. की कंपनियों के अधिकारी, सांसदों के तीखे सवालों का नहीं सूझा सीधा जवाब
इंस्टाग्राम खरीदने संबंधी 8 साल पुराने ईमेल पर पैनल ने घेरा
फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्ग 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के प्रभाव के सवाल पर बचाव की मुद्रा में दिखे। डेटा चोरी और इंस्टाग्राम खरीदने संबंधी अपने 8 साल पुराने ईमेल पर भी वह घिरे। ईमेल में कहा गया था कि फेसबुक के लिए इंस्टाग्राम बहुत ही विध्वंसकारी हो सकता है। उन्होंने कहा, फेडरल ट्रेड कमीशन ने उस डील को अपनी स्वीकृति दी थी।
‘प्राइवेसी-डेटा सिक्योरिटी पर यूजर्स के हाथों में कंट्रोल दिया’
दूसरी साइटों से आइडिया-सूचनाएं चुराकर उसे अपना बताने, फिर मोटा लाभ कमाने संबंधी सवाल पर सीईओ सुंदर पिचई ने कहा, ‘गूगल सरल तरीके से उपयोगी सूचनाएं लोगों तक पहुंचाता है। प्राइवेसी-सिक्योरिटी पर हमने यूजर्स के हाथों में पूरा कंट्रोल दिया है।’ एड कंपनी से डेटा लेने के सवाल पर पिचई बोले- यूजर्स के फायदे के लिए ज्यादा से ज्यादा डेटा कलेक्ट कर रहे हैं।
‘स्मार्ट फोन बिजनेस में मार्केट शेयर हासिल करना गली की लड़ाई जैसा’
एपल प्ले स्टोर पर कंपनी के खुद के पूर्ण नियंत्रण संबंधी सवाल पर सीईओ टिम कुक ने कहा, ‘सॉफ्टवेयर मार्केट में बहुत कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। डेवलपर्स के सामने भी उतनी ही प्रतिस्पर्धा है जितनी कि कस्टमर्स के लिए। मैं इसे इस तरह से समझाना चाहूंगा कि स्मार्ट फोन के बिजनेस में मार्केट शेयर हासिल करना गली की लड़ाई जैसा हो गया है।’
‘गारंटी नहीं दे सकता कि पॉलिसी का उल्लंघन नहीं हुआ होगा’
कांग्रेस में पहली बार पेश हुए बेजोस से प्राइसिंग, अधिग्रहण और थर्ड पार्टी सेलर्स के डेटा इस्तेमाल पर सवाल किए गए। इस पर उन्होंने कहा, ‘डेटा इस्तेमाल रोकने को पॉलिसी है, लेकिन मैं गारंटी नहीं दे सकता कि उसका उल्लंघन नहीं हुआ।’ ज्यादातर सवालों पर जवाब था, ‘मैं इसका उत्तर नहीं दे सकता है, मुझे वो वाकया याद नहीं।’ बेजोस ने बड़ी कंपनी की पैरवी की।
अमेरिका में 70% शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर कोरोना काल के दौरान स्कूल खोले गए तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे। ये सभी विभिन्न शिक्षक संगठनों के सदस्य हैं। इन संगठनों ने बयान जारी कर हड़ताल की चेतावनी की पुष्टि की है। ऐसा तब हो रहा है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प स्कूल खोलने पर जोर दे रहे हैं।
अमेरिकन फेडरेशन ऑफ टीचर्स के अध्यक्ष रैंडी वेनगार्टन ने कहा कि स्कूलों में कोरोना की रोकथाम के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। ज्यादातर कक्षाओं में वेंटिलेशन नहीं हैं। मास्क भी कम पड़ रहे हैं। शिक्षकों की मांग है कि ऑनलाइन पढ़ाई भी सीमित की जाना चाहिए।
उधर, एक संगठन ने स्कूल खोलने के आदेश के खिलाफ फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसैंटिस पर मुकदमा कर दिया है। जबकि जन शिक्षा केंद्र के प्रमुख रॉबिन लेक ने कहा कि पूरे मामले में बच्चों को मोहरा बनाकर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी महीने हुए सर्वे में 60% अभिभावकों ने शिक्षकों की मांग का समर्थन किया है। अमेरिका में कोरोना के अब तक 45,68,375 मरीज मिले हैं। जबकि 1,53,848 मौतें हुई हैं।
ऑस्ट्रेलिया: विक्टोरिया राज्य में 723 नए मरीज, इतने देशभर में भी एक दिन में नहीं आए; मेलबर्न में सख्ती
ऑस्ट्रेलिया में विक्टोरिया राज्य कोरोना का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बन गया है। यहां 24 घंटे में 723 नए मरीज मिले हैं। यह सिर्फ एक राज्य का नहीं, पूरे ऑस्ट्रेलिया का एक दिन के मरीजों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। विक्टोरिया के मुख्यमंत्री डेनियल एंड्रयू ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मेलबर्न में बेहद गंभीर हालात होते जा रहे हैं। ऐसे में हमें हर दिन नए-नए इलाकों में सख्त लॉकडाउन करना पड़ रहा है।
दुनिया: इटली में 15 अक्टूबर तक इमरजेंसी बढ़ाई, उत्तर कोरिया में 696 लोगों को क्वारैंटाइन में भेजा
इटली ने 15 अक्टूबर तक स्टेट इमरजेंसी बढ़ा दी है। इटली में 31 जनवरी से स्टेट इमरजेंसी लागू है। यह इस महीने खत्म होने वाली थी। यहां अब तक 2,46,776 मरीज मिले हैं। जबकि 35,129 मौतें हुई हैं। उधर, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि उत्तर कोरिया में अब तक 1211 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया है। इनमें से कोई संक्रमित नहीं मिला है। यहां अभी 696 नागरिक क्वारैंटाइन में रखे गए हैं।
4 मई को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक स्पेशल रिपोर्ट छापी थी। इस रिपोर्ट में चीन की सरकार की एक इंटरनल रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि दुनिया भर में एंटी-चाइना सेंटीमेंट्स यानी चीन विरोधी भावना 1989 में थियानमेन चौक पर हुए नरसंहार के बाद से सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट को चीन के गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को सौंपा था।
दुनिया में एंटी-चाइना सेंटीमेंट्स बढ़ने की वजह कोरोनावायरस बताई गई थी। इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि कोरोनावायरस के कारण चीन के खिलाफ माहौल बनेगा और अमेरिका से सीधे टकराव होगा।
लेकिन, सिर्फ कोरोनावायरस ही नहीं बल्कि और भी कई कारण हैं, चाहे हॉन्गकॉन्ग का मुद्दा हो या शिन्जियांग में उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों का मसला। चाहे सीमा विवाद। इन वजहों से चीन दुनिया में चारों तरफ से घिरता जा रहा है। लेकिन, चौंकाने वाली बात ये भी है कि घिरने के बाद भी चीन पर इसका ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
सबसे पहले बात, उन 6 कारणों की, जिनकी वजह से चीन घिरा 1. हॉन्गकॉन्ग : चीन ने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया। इसमें हॉन्गकॉन्ग में देशद्रोह, आतंकवाद, विदेशी दखल और विरोध प्रदर्शन जैसी गतिविधियां रोकने का प्रावधान है। कानून तोड़ने पर तीन साल की सजा से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान भी है। कानून 1 जुलाई से लागू है और अब वहां चीनी सुरक्षा एजेंसियां काम कर सकेंगी। अभी तक ऐसा नहीं था।
2. शिन्जियांग : चीन के कब्जे वाले इस प्रांत में 45% से ज्यादा आबादी उइगर मुसलमानों की है। चीन पर उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप है। कुछ रिपोर्ट्स में सामने आया है कि चीन उइगर महिलाओं की जबरन नसबंदी करवा रहा है, ताकि जनसंख्या पर काबू पाया जा सके।
3. ताइवान : चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और जब हॉन्गकॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने की तैयारी चल रही थी, तब चीन में ताइवान को लेकर भी चर्चा थी कि उसे ताइवान की मिलिट्री टेकओवर कर लेनी चाहिए। हालांकि, चीन के लिए ये उतना आसान नहीं है। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन कहती हैं कि ताइवान दूसरा हॉन्गकॉन्ग नहीं बनेगा। ताइवान का दावा है कि चीन अक्सर मिलिट्री प्लेन भेजता रहता है।
4. सीमा विवाद : भारत के साथ चीन का सीमा विवाद चल ही रहा है। जून में लद्दाख सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी हो चुकी है। लेकिन, सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों के साथ भी चीन का सीमा विवाद जारी है। इसके अलावा चीन दक्षिणी चीन सागर पर भी अपना हक जताता है। हाल ही में यहां अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने भी अपने जहाज तैनात कर दिए हैं।
5. जासूसी : अमेरिका में पिछले हफ्ते ही सिंगापुर के एक नागरिक को गिरफ्तार किया गया है। इसे अमेरिका में चीन के जासूस के तौर पर काम करने का दोषी ठहराया गया है। इसके अलावा एक चीनी रिसर्चर को भी हिरासत में लिया गया है, जिस पर चीनी सेना के साथ अपने संबंधों को छिपाने का आरोप है। इसके अलावा चीन की टेक कंपनियां हुवावे और जेडटीई को भी अमेरिका सुरक्षा के लिए खतरा मानता है।
6. कोरोनावायरस : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प तो कई बार सार्वजनिक तौर से कोरोनावायरस को 'चीनी वायरस' कह चुके हैं। कोरोनावायरस कहां से निकला? इसकी जांच के लिए मई में 73वीं वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में एक प्रस्ताव पेश हुआ। इस प्रस्ताव का भारत ने भी समर्थन किया था। भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, न्यूजीलैंड, कनाडा, कतर, सऊदी अरब, अफ्रीकी देश, यूरोपियन यूनियन, यूक्रेन, रूस और ब्रिटेन समेत 100 से ज्यादा देशों के नाम हैं।
अमेरिका-ब्रिटेन-भारत जैसे देश चीन के खिलाफ
1. अमेरिका : चीन की 11 कंपनियों पर प्रतिबंध, दोनों देशों ने एक-दूसरे के कॉन्सुलेट बंद किए
अमेरिका और चीन के बीच तनाव कोई नई बात नहीं है, लेकिन कोरोनावायरस के इस दौर में पिछले 7 महीनों में दोनों देशों की ये तकरार खुलकर सामने आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प तो कोरोनावायरस के लिए सीधे तौर पर चीन को ही जिम्मेदार ठहराते हैं। वो तो ये तक कह चुके हैं कि कोरोनावायरस को छिपाने में डब्ल्यूएचओ ने भी चीन की मदद की। ट्रम्प अक्सर कोरोनावायरस को 'चीनी वायरस' कहते हैं।
जुलाई की शुरुआत में ही अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने चीन को अमेरिका के लिए सबसे बड़ा 'खतरा' बताया। उससे पहले 30 जून को अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन यानी एफसीसी ने भी चीन की हुवावे और जेडटीई को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए 'खतरा' बताया था।
जुलाई में ही अमेरिका ने टेक्सास के ह्यूस्टन स्थित चीनी कॉन्सुलेट को बंद करने का आदेश दे दिया था। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि चीन 'इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी' चुरा रहा था। बदले में चीन ने भी चेंगड़ू स्थित अमेरिकी कॉन्सुलेट को बंद कर दिया।
अमेरिका ने 7 जुलाई को उन चीनी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया, जो अमेरिकी पत्रकार, टूरिस्ट्स, डिप्लोमैट्स और अफसरों को तिब्बत जाने से रोकने के लिए जिम्मेदार थे। जवाब में चीन ने भी कुछ अमेरिकी अफसरों पर वीजा प्रतिबंध लगा दिया।
इसके अलावा चीन के शिन्जियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के मामले में अमेरिका ने 11 चीनी कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया। अमेरिकी अफसरों के मुताबिक, ये कंपनियां 10 लाख उइगर मुसलमानों का शोषण करती थीं।
इतना ही नहीं, हॉन्गकॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के फैसले का अमेरिका ने भी विरोध किया था। अमेरिका का कहना था कि इस नए कानून से हॉन्गकॉन्ग के लोगों की आजादी पर खतरा पैदा हो गया है। इस पर चीन ने जवाबी कार्रवाई करने की धमकी भी दी थी।
इन सबके अलावा दक्षिण चीन सागर में भी अमेरिका ने जहाज भेजे थे। कुछ दिन पहले ही चीन की कम्युनिस्ट सरकार समर्थित थिंक टैंक स्ट्रेटेजिक सिचुएशन प्रोबिंग इनिशिएटिव ने दावा किया था कि अमेरिका के पी-8ए (पोसाइडन) और ईपी-3ई एयरक्राफ्ट्स ने साउथ चाइना सी से चीन के झेजियांग और फुजियान तक उड़ान भरी। कुछ देर बाद पी-8ए वापस लौटा और फिर यह शंघाई से 76.5 किलोमीटर दूर तक उड़ान भरता रहा।
2. ब्रिटेन : 5जी नेटवर्क से चीनी कंपनी को हटाया, हॉन्गकॉन्ग पर भी विरोध
मई के आखिर में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने डी-10 ग्रुप बनाने का आइडिया दिया था। उनका कहना था कि इस ग्रुप में जी-7 में शामिल सभी सातों देशों के अलावा भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को भी जोड़ा जाए। इस ग्रुप का मकसद चीन के खिलाफ रणनीतिक एकजुटता बनाना होगा। जॉनसन का मानना था कि सभी देश 5जी टेक्नोलॉजी पर मिलकर काम करें, ताकि चीन की डिपेंडेंसी खत्म हो।
बोरिस जॉनसन ने मई में ये आइडिया दिया और जुलाई में ब्रिटेन के 5जी नेटवर्क से चीन की हुवावे कंपनी को हटाने का फैसला ले लिया। जॉनसन के इस फैसले के बाद ब्रिटेन के सर्विस ऑपरेटर्स को हुवावे के नए 5जी इक्विपमेंट खरीदने पर पाबंदी लग गई। साथ ही ऑपरेटर्स को अपने नेटवर्क से 2027 तक हुवावे की 5जी किट भी हटानी होगी।
जॉनसन का ये फैसला चीन और हुवावे के लिए बहुत बड़ा झटका है। अमेरिका पहले ही आरोप लगा चुका है कि हुवावे के 5जी नेटवर्क के जरिए चीन जासूसी करता है।
इससे पहले चीन ने जब हॉन्गकॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया, तो बोरिस जॉनसन ने चीन के इस फैसले का विरोध करते हुए हॉन्गकॉन्ग के 30 लाख लोगों को ब्रिटेन में बसने का प्रस्ताव दे दिया। उन्होंने कहा कि नया कानून हॉन्गकॉन्ग की आजादी का उल्लंघन है। हॉन्गकॉन्ग पहले ब्रिटेन का ही उपनिवेश था, लेकिन 1997 में ब्रिटेन ने इसे चीन को लौटा दिया।
इसके साथ ही हॉन्गकॉन्ग में नया कानून लागू होने के बाद ब्रिटेन ने हॉन्गकॉन्ग के साथ अपनी प्रत्यर्पण संधि सस्पेंड करने की घोषणा कर दी। इस संधि के तहत हॉन्गकॉन्ग में अपराध करने वाले अगर ब्रिटेन भाग जाते थे, तो उन्हें पकड़कर हॉन्गकॉन्ग भेजा जा सकता था। नए कानून पर ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमनिक रॉब ने कहा कि चीन की तरफ से हॉन्गकॉन्ग पर नया कानून थोपना, ब्रिटेन की नजर में अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का गंभीर उल्लंघन है।
इन सबके अलावा चीन के शिन्जियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों का मुद्दा भी ब्रिटेन ने उठाया था। ब्रिटेन का कहना था कि शिन्जियांग में उइगर महिलाओं की जबरन नसबंदी की जा रही है।
3. भारत : 100 से ज्यादा चीनी ऐप्स बैन कीं, कारोबार के लिए नए नियम बनाए
मई की शुरुआत में लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया। दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। इसी महीने भारत ने अपने एफडीआई नियमों में बदलाव कर दिया। नए नियमों के तहत जिन देशों की सीमाएं भारत से लगती हैं, अगर वो भारत के किसी कारोबार या कंपनी में इन्वेस्ट करते हैं, तो इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार की मंजूरी लेनी होगी। पहले ये पाबंदी सिर्फ पाकिस्तान और बांग्लादेश के इन्वेस्टर्स पर ही थी।
इसके बाद हाल ही में सरकार ने जनरल फाइनेंशियल नियम 2017 में भी बदलाव किया कि जो भी देश भारत के साथ सीमा साझा करते हैं, वो सरकारी खरीद में बोली नहीं लगा सकते। हालांकि, इसमें ये भी जोड़ा गया कि अगर कोई देश बोली लगाना चाहता भी है, तो उसे डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) की रजिस्ट्रेशन कमेटी में रजिस्टर्ड कराना होगा। इसके अलावा इन्हें विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से भी मंजूरी लेनी होगी।
इन दोनों ही नियमों में बदलावों का सबसे ज्यादा असर चीन पर ही होगा। हालांकि, नियमों में चीन का नाम नहीं लिया गया था। लेकिन, ये दोनों ही बदलाव चीन को मैसेज देने के लिए किए गए थे।
इसके अलावा जब लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी में जब भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, तो उसके बाद सरकार ने टिकटॉक, यूसी ब्राउजर समेत 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया। उसके बाद कुछ दिन पहले ही सरकार ने चीन की 47 ऐप्स और बैन कर दीं। अब तक सरकार 106 चीनी ऐप्स पर बैन लगा चुकी है।
4. ताइवान : चीन से निपटने के लिए दक्षिण चीन सागर में मिलिट्री ड्रिल की
चीन और ताइवान के बीच अलग ही तरह का रिश्ता है। 1911 में चीन में कॉमिंगतांग की सरकार बनी। 1949 में यहां गृहयुद्ध छिड़ गया और माओ त्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्टों ने कॉमिंगतांग की पार्टी को हराया। हार के बाद कॉमिंगतांग ताइवान चले गए।
1949 में चीन का नाम 'पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना' पड़ा और ताइवान का 'रिपब्लिक ऑफ चाइना' पड़ा। दोनों देश एक-दूसरे को मान्यता नहीं देते।
चीन अक्सर ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहता है। लेकिन, ताइवान खुद को अलग देश मानता है। मई में ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने खुलेआम चीन को चुनौती दे दी थी। उन्होंने कहा था, 'ताइवान कभी चीन के नियम-कायदे नहीं मानेगा। चीन को इस हकीकत के साथ शांति से जीने का तरीका खोजना होगा।'
इसके अलावा दक्षिण चीन सागर को लेकर भी चीन और ताइवान के बीच तनातनी होती रहती है। दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दखलंदाजी के बीच ताइवान ने 5 दिन की मिलिट्री ड्रील की। इसमें चीन की मिसाइलों को मार गिराने पर फोकस था। इसके अलावा यहां मिराज 2000, एफ-16 फाइटर जेट और पी-3 सी एंटी सबमरीन फाइटर जेट तैनात किए जा चुके हैं। ताइवान की सेना के मुताबिक, इन फाइटर जेट्स को यहां तब तक रखा जाएगा, जब तक चीन के हमले का खतरा है।
इसके साथ ही हॉन्गकॉन्ग के प्रदर्शनकारियों को भी ताइवान का समर्थन मिला है। जब चीन ने हॉन्गकॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया, तो हॉन्गकॉन्ग के लोगों की मदद करने के लिए ताइवान ने राजधानी ताइपे में ऑफिस भी खोल दिया। इस ऑफिस से उन लोगों को मदद मिलेगी, जो नया कानून लागू होने के बाद हॉन्गकॉन्ग से ताइवान आ रहे हैं।
5. ऑस्ट्रेलिया : कोरोना की जांच का समर्थन किया, हॉन्गकॉन्ग के लोगों को नागरिकता का प्रस्ताव
ऑस्ट्रेलिया का नाम भी उन देशों में शामिल है, जिसके रिश्ते पिछले कुछ महीने में चीन से खराब हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया ने काफी पहले ही कोरोनावायरस की जांच की मांग का समर्थन कर दिया था। इससे चीन ऑस्ट्रेलिया से चिढ़ गया था। इसके बाद चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर कुछ प्रतिबंध भी लगा दिए थे।
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने आधिकारिक रूप से दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों को खारिज कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया ने यूएन में कहा था कि दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों का कोई 'कानूनी आधार' नहीं है।
इन सबके अलावा ऑस्ट्रेलिया ने शिन्जियांग और हॉन्गकॉन्ग में मानवाधिकारों का मसला भी उठाया था। चीनी कंपनी हुवावे को ऑस्ट्रेलिया के 5जी नेटवर्क के निर्माण से रोक दिया था। ऑस्ट्रेलिया अक्सर चीन पर अपने घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप भी लगाता रहता है।