ऑनलाइन शिक्षा की चौथी समीक्षा बैठक के लिए शुक्रवार को चिराग दिल्ली में मनीष सिसोदिया ने कोरोना संकट में ऑनलाइन शिक्षा की सफलता का श्रेय अभिभावकों और शिक्षकों को देते हुए कहा कि सरकार ने सिर्फ सुविधा बढ़ाई है, सारी मेहनत तो आपने की है। सिसोदिया ने कहा कि कोरोना महामारी मानव जाति का सबसे बड़ा संकट है।
जब सारी चीजें बंद हैं, तब भी हमें बच्चों को पढ़ाना है। उन्होंने कहा कि कोरोना का वैक्सीन बन जाएगा, लेकिन शिक्षा में नुकसान की भरपाई किसी वैक्सीन से नहीं हो सकती। इसलिए हम अपने अन्य खर्च कम करके किसी भी तरह बच्चों की पढ़ाई जारी रखें। अगर पढ़ाई में नुकसान हुआ तो यह बच्चे या परिवार का नहीं, बल्कि पूरे देश का नुकसान होगा। हमारी समझदारी की पहचान यह है कि कितनी भी मुश्किल क्यों न हो, हम अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएंगे।
अपने घर को स्कूल बना दिया, यह बड़ी बात
सिसोदिया ने पैरेंट्स से मिले सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने अपने घर को स्कूल बना दिया, यह बड़ी बात है। सिसोदिया ने कहा कि जिन बच्चों के पास ऑनलाइन साधन नहीं थे, उनके लिए सेमी ऑनलाइन व्यवस्था करते हुए स्कूल में मटेरियल दिया गया, फोन पर संपर्क किया गया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल का कोई विकल्प नहीं है। स्कूल जाने से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है।
इसलिए हम चाहते हैं कि स्कूल जल्द से जल्द खुले। अभी बच्चों को नुकसान ना हो, इसके लिए हमने यह प्रयोग किया। उन्होंने ऑनलाइन शिक्षा में एक्टिविटीज का महत्व भी बताया। उन्होंने कहा कि फिनलैंड की दुनिया में सबसे अच्छा माना जाता है।
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