उत्तरी दिल्ली नगर निगम से सेवानिवृत्त कर्मियों एवं वरिष्ठ नागरिक वेलफेयर एसोसिएशन दिल्ली एवं नगर निगम सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति ने कहा कि पेंशन और मेडिकल सुविधाएं नहीं मिलने से सेवानिवृत्त कर्मचारी बहुत परेशान हैं।
गत दिनों पेंशन और समय पर मेडिकल सुविधाएं नहीं मिलने के चलते करीब 10 से अधिक सेवानिवृत्त कर्मियों की मृत्यु हो चुकी है और 30 से अधिक लोगों की हालत बीमारी के चलते गंभीर हैं।सेवानिवृत्त निगम कर्मियों के परिजनों का कहना है कि पेंशन और सरकारी सुविधाएं नहीं मिलने के चलते उनके बुजुर्ग परेशान हैं।
सेवानिवृत्त कर्मियों एवं वरिष्ठ नागरिक वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव मनमोहन भारद्वाज ने बताया कि कुछ दिनों पहले निगम सेवानिवृत्त कर्मियों की समस्याओं पर बैठक हुई। बैठक में कहा गया कि दिल्ली नगर निगम प्रशासन कोर्ट के आदेशों की अवमानना कर रहा हैं।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कर्मियों को जल्द से जल्द पेंशन और मेडिकल सुविधाएं दिलाई जाए। साथ ही अधिक से अधिक सदस्यों को अपने अभियान में जोड़ें और जो पेंशन धारकों की इलाज और पैसे की कमी, पेंशन समय पर न मिलने के कारण समस्याओं से अवगत कराया जाए।
नरेला इलाके में कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार को उसी के 2 कर्मचारियों ने शराब के नशे में ड्रिल मशीन और पत्थर से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। वारदात के बाद कमरे का दरवाजा बंद कर कर्मचारी फरार हो गए। घायल की पहचान नंदलाल के रुप में हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर फरार दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान दीपक और दीपांशु के रूप में हुई है।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से पीड़ित ठेकेदार की बाइक, मोबाइल फोन व अन्य सामान बरामद कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ठेकेदार अपने दोनों कर्मचारियों को शराब पिलाकर अन-नैचुरल सेक्स करना चाहता था। जिसको लेकर कर्मचारियों ने मना किया था। जिसके बाद आरोपियों ने ठेकेदार से बचने के लिए वारदात को अंजाम दिया था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नरेला पुलिस को जयपुर गोल्डन अस्पताल से सिर्के कंपनी के ठेकेदार नंद लाल को खून से लथपथ हालत में उसी के कर्मचारियों द्वारा भर्ती करवाने की जानकारी मिली थी। पुलिस मौके पर पहुंची। नंदलाल के बयान दर्ज करने की कोशिश की। पुलिस ने हत्या की कोशिश का मामला दर्ज कर लिया।
एसएचओ की देखरेख में पुलिस टीम को आरोपियों की धड़पकड़ का जिम्मा सौंपा गया। पुलिस वारदात वाली जगह पर पहुंची। लेबर रूम में काफी ज्यादा खून पड़ा था। फर्श पर ही शराब की बोतल, गिलास, कुछ खाना, टूटा हुआ पत्थर और ड्रिल मशीन पड़ी हुई थी। जिन पर खून लगा हुआ था। पुलिस ने सभी को सबूत के तौर पर कब्जे में ले लिया।
दिल्ली पुलिस में तैनात एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर से धोखाधड़ी करने वाले एक जालसाज को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने तीन गोदाम किराए पर लेने के बाद फर्जी दस्तावेज बना बैंक से ढाई करोड़ रुपए का लोन ले लिया था। बाद में वह लोन चुकाए बिना अंडरग्राउंड हो गया, जिसका खामियाजा प्रॉपर्टी मालिक को भुगतना पड़ा। बैंक ने उस प्रॉपर्टी को ही सील कर दिया था।
आरोपी पेशेवर जालसाज है, जिस पर कई आपराधिक केस पहले से दर्ज हैं। आरोपी की पहचान नोएडा यूपी निवासी बृज गोपाल (40) के तौर पर हुई। आर्थिक अपराध शाखा के एक पुलिस अधिकारी ने बताया साल 2009 में पीड़ित पुलिसकर्मी से आरोपी ने कोंडली गांव में तीन गोदाम किराए पर लिए थे। बकायदा, इसका रैंट एग्रीमेंट भी हुआ था।
विला व फ्लैट बेचने के नाम पर धोखाधड़ी कर 5.17 करोड़ रुपए की लगाई चपत गुड़गांव. विला व फ्लैट बेचने के नाम पर एक बिल्डर द्वारा एक व्यक्ति से करीब 5.17 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। डीएलएफ फेज-2 थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया है। वहीं पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गुड़गांव डीएलएफ फेज-2 निवासी सतीश सक्सेना ने बताया कि उन्होंने साल 2018 में खोमस रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड व एमके जैन इंटरप्राइजेज के मोहित जैन व कुसुम जैन से फ्लैट व बंगले के लिए सौदा किया था। फ्लैट उन्हें डीएलएफ फेज-2 में दिया जाना था, जबकि विला सेक्टर-106 की इंटरनेशनल सिटी में दिया जाना था।
आरोप है कि बिल्डर ने निर्धारित 5.05 करोड़ रुपए की राशि से करीब 12 लाख रुपए अधिक 5.17 करोड़ रुपए ले लिए। यह राशि लेने के बाद भी उसने फ्लैट और मकान पर कब्जा नहीं दिया।
कोरोना से 24 घंटे में शनिवार को दो मरीजों की मौत हो गई। जबकि 282 नए केस भी आए। इस दौरान ठीक होने वाले 212 मरीजों को घर भेज दिया गया। अब जिले में संक्रमितों का आंकड़ा 25295 व ठीक होने वालों का आकड़ा 23794 तक पहुंच गया। डिप्टी सीएमओ डॉ. रामभगत के अनुसार जिले में अभी तक 248785 लोगों के सैंपल लैब भेजे गए। इनमें से 223200 की निगेटिव रिपोर्ट आई है। जबकि 290 की रिपोर्ट आनी शेष है। इस समय 295 लोग अस्पतालों में दाखिल हैं। जबकि 958 पॉजिटिव मरीज घरों पर आइसोलेट हैं।
पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर तीन वाहन चोरी की वारदातें सुलझाई हैं। क्राइम ब्रांच ऊंचा गांव ने यूपी के हरदोई निवासी आरोपी राहुल हाल निवासी आदर्श नगर बल्लभगढ़ व आदर्श नगर निवासी साहिल पुत्र किरण पाल को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से देसी कट्टा व एक कारतूस भी बरामद किया है। आरोपियों के खिलाफ सेंट्रल थाने में केस दर्ज किया गया है।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने सेक्टर 7 थाना क्षेत्र से दो मोटरसाइकिल और आदर्श नगर से एक मोटरसाइकिल चोरी की है। इस संबंध में आरोपियों के खिलाफ तीनों मामले दर्ज हैं। पुलिस ने आरोपियों से तीनों मोटरसाइकिल बरामद कर ली हैं।
पुलिस ने अवैध हथियार सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान अब्दुल करीम निवासी सूर्य विहार पार्ट 2 फरीदाबाद, राहुल उर्फ हैप्पी निवासी मीठापुर बदरपुर दिल्ली, राजू उर्फ राजू डांसर पल्ला फरीदाबाद के रूप में हुई है। क्राइम ब्रांच सेंट्रल ने तीनों आरोपियों को फरीदाबाद के अलग-अलग जगह से गिरफ्तार किया है।
अब्दुल करीम के खिलाफ थाना सेंट्रल, राहुल के खिलाफ थाना पल्ला, एवं राजू के खिलाफ थाना पल्ला में आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपियों से दो देसी कट्टे, एक देसी पिस्तौल, चार कारतूस बरामद किए हैं। आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
पलवल-सोहना मार्ग पर घुघेरा गांव के पास वाहन की टक्कर से मिनी ट्रक चालक की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। यूपी के बुलंदशहर जिले के कलैना निवासी शिव कुमार ने शिकायत में कहा है कि उनके ताऊ का लड़का कलैना निवासी राज कुमार मिनी ट्रक चलाता था। वह वाहन में सामान लेकर बुलंदशहर से गुड़गांव गया था।
बाइक सवार बदमाशों ने पलवल-अलीगढ़ मार्ग पर हथियार के बल पर दो वाहन चालकों से 68 हजार 400 रुपए लूट लिए। पुलिस ने अज्ञात लुटेरों के खिलाफ केस दर्ज कर इनकी तलाश शुरू कर दी है। यूपी के आगरा जिले के शमशाबाद गांव निवासी छतर सिंह ने शिकायत में कहा कि वह 29 अक्टूबर को बोलेरो पिकअप व दूसरी गाड़ी में फिरोजाबाद जिले के फरोल निवासी सोनू फिरोजाबाद से गुड़गांव सब्जी मंडी गोभी लेकर गए थे। 30 अक्टूबर को सुबह सब्जी खाली करने के बाद पेमेंट लेकर घर के लिए चल दिए।
बाजरे की खरीद में फर्जीवाडा की शिकायत पर थाना फर्रुखनगर पुलिस व मार्केट कमेटी की खुफिया टीम ने शनिवार को अनाज मंडी छापामारी की। टीम ने एक व्यापारी को बिना बिल, स्टोक रजिस्टर के बाजरे से भरी एक कैंटर को जब्त किया है। मार्केट कमेटी के सचिव मनिष रोहिल्ला के बयान में दो व्यापारी भाईयों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
मामले की जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली की फर्रुखनगर अनाज मंडी में फर्जीवाड़े से बाजरा लाया व गोदाम में उतारा जा रहा है। 30 अक्टूबर को सांय करीब तीन बजे सूचना के उपरांत पुलिस टीम ने मार्केट कमेटी की टीम को साथ लेकर कर छापेमारी की तो दुकान नंबर 25 फर्रुखनगर के सर्विस रोड पर गाडी अशोका लिलेंड केंटर फर्जी फर्म बिल पर 301 कट्टा बाजरा में से आधा कट्टा उतार चुके थे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार को हरियाणा दिवस के मौके पर गुड़गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 48 पर डीएलएफ फेस 2 के पास नवनिर्मित यू टर्न फ्लाई ओवर का करनाल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उद्घाटन करेंगे। दोपहर 12 बजे शंकर चौक पर एलईडी स्क्रीन लगाकर उद्घाटन कार्यक्रम किया जाएगा।
शहर के डीपीजी डिग्री कॉलेज की स्टूडेंट स्वाति शर्मा ने बीएससी फाइनल ईयर की परीक्षा में एमडी यूनिवर्सिटी में पहली रैंक हासिल कर कॉलेज व जिला का नाम रोशन किया है। जबकि परा-स्नातक (पीजी) में बॉटेनी से एमएससी की स्टूडेंट नेहा ठाकरान ने यूनिवर्सिटी में दूसरा स्थान हासिल किया है।
बीकॉम के स्टूडेंट गौरव राय और खुशी कुमारी ने क्रमशः पांचवां और आठवां स्थान प्राप्त करके अपने कॉलेज और प्राध्यापकों को गौरवान्वित कर दिया है। एमएससी बॉटनी की स्टूडेंट सेफाली यादव ने छठवां और एमकॉम की स्टूडेंट कविता ने दसवां स्थान हासिल कर अपनी मेहनत का लोहा मनवाया।
नगर निगम की मेयर मधु आजाद व विधायक सुधीर सिंगला ने शनिवार को वार्ड-14 के अंतर्गत सेक्टर-9 में अंबेडकर भवन एवं बैडमिंटन हॉल का शिलान्यास किया। भीम राव अंबेडकर भवन पर 2.18 करोड़ की लागत आएगी, वहीं बैडमिंटन कोर्ट 2.42 करोड़ रुपए में तैयार होगा
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में चौथी दाखिला काउंसलिंग के तहत मेरिट सूची 10 नवंबर को शाम पांच बजे विभाग की वेबसाइट पर जारी की जाएगी। छात्र विभाग की www.itiharyana.gov.in पर मेरिट सूची देख सकेंगे। सूची में शामिल छात्रों के मूल दस्तावेजों का सत्यापन 12 नवंबर तक किया जाएगा। सूची में शामिल छात्र 14 नवंबर तक ऑनलाइन दाखिला फीस जमा करवा सकेंगे। इसके बाद 16 नवंबर तक सूची में शामिल छात्रों को ट्रेड बदलने का मौका दिया जाएगा।
हरियाणा दिवस पर खेलों के आयोजन को लेकर शनिवार को शहर के अलग-अलग खेल मैदानों में खेल ट्रायल किया गया। जिसके लिए सभी 8 खेलों के लिए फाइनल खिलाड़ियों का चयन किया गया। दरअसल, कोविड-19 प्रोटोकॉल को देखते हुए खेल मैदानों में कम ही खिलाड़ियों को एकत्रित होने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
ऐसे में खिलाड़ियों की संख्या अधिक होने के चलते एक दिन पहले ट्रायल किया गया। देवी लाल स्टेडियम में आयोजित एथलेटिक्स खेल में खिलाड़ियों की बड़ी संख्या में प्रतिभागीता देखने को मिली। एथलेटिक्स कोच रामनिवास ने बताया कि केवल चुनिंदा गर्ल्स और बॉयस खिलाड़ियों का ही चयन किया जाना है। ऐसे में पहले खिलाड़ियों के बीच ट्रायल किया गया।
बेस्ट खिलाड़ियों का चयन खेल दिवस पर होने वाली प्रतियोगिता के लिए हुआ है। अब रविवार को सभी इवेंट के फाइनल राउंड खेले जाएंगे। जिला खेल अधिकारी जेजी बनर्जी ने बताया कि हॉकी टूर्नामेंट के लिए गुड़गांव गांव की टीम का चयन भी किया गया है।
(शरद पाण्डेय) कोरोना काल में इस बार त्योहारों के बावजूद मात्र 10 फीसदी ट्रेन चल रही हैं। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक सामान्य दिनों में लोकल, पैसेंजर, मेल, एक्सप्रेस, राजधानी, शताब्दी और दूरंतो मिलाकर करीब 13 हजार गाड़ियों का संचालन होता था, इस बार अभी केवल 1308 ट्रेनें चल रही हैं।
रेलवे बोर्ड के एडीजी जेडी नारायन ने भास्कर को बताया कि रेलवे जरूरत के अनुसार रोजाना ट्रेनों की समीक्षा कर रहा है। दिवाली और छठ के लिए सोमवार को अतिरिक्त ट्रेनों की घोषणा की जा सकती है। सफर के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रेनें उपलब्ध होंगी।
रेलवे ने सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए वेटिंग टिकट पर सफर की अनुमति नहीं दी है, इसलिए रेलवे विभिन्न रूटों पर 40 क्लोन ट्रेन चला रहा है, जिससे वेटिंग लंबी नहीं जा रही है। दूसरी तरफ हवाई किराया सामान्य के मुकाबले पांच गुना तक अधिक पहुंच गया है। हालांकि सरकार ने किराए पर कैपिंग लगा रखा रखी है, जिससे दूरी के अनुसार 7 श्रेणियों में किराया तय किया गया है।
एयर लाइंस को 40 फीसदी सीटें औसत किराए से कम पर बुक करनी होती हैं। बाकी 60 फीसदी सीटों का किराया तय अधिकतम सीमा तक बढ़ गया है। जिन हवाई रूटों पर अधिक किराया बढ़ा है, उनमें सबसे अधिक दिल्ली से वाराणसी का है जो करीब पांच गुना है।
दिल्ली से पटना और दिल्ली से लखनऊ का किराया करीब चार गुना अधिक हुआ है। मेकमाय ट्रिप के सीओओ विपुल प्रकाश कहते हैं कि ‘दिवाली के कारण 6 नवंबर से 16 नवंबर के बीच ट्रेनों और फ्लाइट पर बुकिंग 20 फीसदी बढ़ी है। दिल्ली, पटना और कोलकाता के लिए अभी सर्वाधिक बुकिंग हो रही है।
कोरोना ने बदला ट्रैवलिंग ट्रेंड : दिवाली के वक्त भी तेजस में सीटें खाली, यात्रियों के लिए फ्लाइट पहली पसंद
पिछली बार तेजस का किराया फ्लाइट से डेढ़ गुना ज्यादा था
लोग ट्रेन के बजाय फ्लाइट से सफर करना पसंद कर रहे हैं। यही वजह है कि दिवाली के आसपास तेजस (दिल्ली से लखनऊ) में सीटें है और डाइनमिक किराया केवल 315 रुपए है, जबकि हवाई किराया तेजस से करीब पांच गुना तक अधिक है। पिछली दिवाली तेजस का किराया फ्लाइट से डेढ़ गुना अधिक था।
21 लाख
लोग सफर करेंगे इस बार दिवाली और छठ के आसपास 1308 ट्रेन
औसतन प्रति ट्रेन 15 सौ यात्रियों के हिसाब से रोजाना 19 लाख लोगों के ट्रेन से सफर करने की उम्मीद है।
सामान्य स्थितियों में दिवाली के तीन-चार दिन पहले तक रोजाना 2.80 करोड़ यात्री ट्रेनों में होते थे।
3.25 लाख
यात्री फ्लाइट से सामान्य दिनों में और दिवाली के आसपास 3.50 लाख यात्री तक आंकड़ा पहुंचता था बीते सालों में। 2 लाख
यात्री के आसपास रहेगा इस बार काेरोना के कारण यह आंकड़ा।
त्योहारी दिनों की सबसे व्यस्त फ्लाइट्स और ट्रेनों की स्थिति
फ्लाइट में यूं किराया बढ़ा
फ्लाइट वर्तमान सामान्य दिनाें में
कोरोना से बचने देश में इम्यूनाइजेशन, वैक्सीनेशन की बात हो रही है। इसी बीच भारत सहित यूके, आस्ट्रेलिया की 6 यूनिवर्सिटी के 7 प्रोफेसर्स का चिल्ड्रन फुल इम्यूनाइजेशन पर एक चौंकाने वाला शोध सामने आया है। उसकी तीन महत्वपूर्ण बातें हैं। पहली, टीकाकरण के मामले में बिहार का हेल्थ मॉडल गुजरात से बेहतर है।
चिल्ड्रन फुल इम्यूनाइजेशन (सीएफआई) यानी बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले टीकाकरण में गुजरात अपने समकक्ष राज्यों में नीचे से दूसरे पायदान पर है। आर्थिक रूप से सक्षम गुजरात मॉडल में आधे बच्चों का यानी केवल 50 फीसदी का ही फुल इम्यूनाइजेशन हो पाता है, जबकि पिछड़े राज्यों में गिने जाने वाले बिहार में 62 फीसदी बच्चों का टीकाकरण होता है। दूसरी बात, इस दौरान देश का पूर्ण टीकाकरण प्रतिशत 44 से बढ़कर 62 हो गया। वहीं गुजरात 45 से 50% पर ही पहुंचा।
तीसरी और महत्वपूर्ण बात ये है कि स्वास्थ्य में पीपीपी मॉडल बुरी तरह फेल हुआ है और सरकारी मॉडल के बेहतर रिजल्ट आए हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न आस्ट्रेलिया के रिसर्चर और जेएनयू के प्रोफेसर श्रीनिवास गोली बताते हैं कि यहां निजीकरण के कारण सरकारी योजनाएं असफल हो रही हैं।
श्रीनिवास बताते हैं कि यूनिवर्सिटी के 7 प्रोफेसर्स ने नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे, हेल्थ इंफार्मेशन ऑफ इंडिया, हेल्थ इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम, सभी राज्य सरकारों के डेटा आदि का अध्ययन करने पर देखा कि गुजरात को हेल्थ मॉडल फेल है। यहां निजीकरण के कारण सरकारी योजनाएं असफल हो रही हैं। हमारे सर्वे में सामने आया कि आर्थिक रूप से सक्षम और बड़ी जीडीपी वाले राज्यों में आर्थिक विषमता है।
गरीबों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर नहीं हैं, जबकि आर्थिक रूप से पिछड़े राज्यों में सरकारी अस्पतालों की सुविधाएं बेहतर हो रही हैं और टीकाकरण जैसी बुनियादी जरूरतों पर सरकार खर्च कर रही है। आर्थिक रूप से सक्षम महाराष्ट्र, गुजराज जैसे राज्यों का मॉडल हर तबके को दी जाने वाली स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में फेल है, जबकि सामाजिक रूप से सुदृढ़ केरल, बिहार का मॉडल बेहतर काम कर रहा है।
एससी(55%) और एसटी(51%)टीकाकरण का प्रतिशत बेहतर है। वहीं सामान्य जाति का (48%) है। ज्यादातर एससी, एसटी के लोग ग्रामीण क्षेत्रों मे रहते हैं और वहां टीकाकरण का ध्यान रखा जाता है। इस रिसर्च में केंद्र शासित सहित सभी राज्यों के 640 जिलों का भी डेटा देखा गया।
(पवन कुमार) पिछले महीने सरकार की एक कमेटी ने मैथमेटिकल मॉडलिंग करके बताया कि भारत की 30% आबादी कोरोना से संक्रमित हो चुकी है। फरवरी तक यह प्रतिशत 50% तक पहुंच जाएगा, जिसके बाद हर्ड इम्युनिटी जैसी स्थिति हो जाएगी। हालांकि पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट का मत इस पर अलग-अलग है।
नेशनल कोविड टास्क फोर्स के सदस्य प्रोफेसर डीसीएस रेड्डी बताते हैं कि अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, सूरत, कोलकाता, जैसे हाई डेंसिटी वाले शहरों में अगले 4 से 6 माह में 40-50% लोगों में यह संक्रमण हो चुका होगा। ऐसे समय में यहां के लोग हर्ड इम्युनिटी के स्तर पर पहुंच सकते हैं। वहीं गांवों में हर्ड इम्युनिटी आने में एक साल लग सकता है। वहां संक्रमण भी कम है।
वहीं नेशनल कोविड टास्क फोर्स के सदस्य प्रो. के. श्रीनाथ रेड्डी का कहना है कि अभी यह स्पष्ट तौर पर नहीं पता है कि कितनी फीसदी आबादी संक्रमित हो जाए तो हर्ड इम्युनिटी कही जा सकती है। यह प्रतिशत 40 से लेकर 80% तक हो सकता है।
डब्ल्यूएचओ ने अभी तक किसी भी देश में हर्ड इम्युनिटी जैसी स्थिति की न तो घोषणा की है और न ही ऐसी कोई बात की है। प्रो.रेड्डी कहते हैं कि हर्ड इम्युनिटी आने के बाद भी खतरा रह सकता है। वे बताते हैं कि यदि यह मान लिया जाए कि किसी शहर की 60% आबादी संक्रमित हो गई है और अब वहां की 40% आबादी खतरे से बची रह सकती है।
हर्ड इम्युनिटी भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है
क्या होता है हर्ड इम्युनिटी
हर्ड इम्युनिटी उस स्थिति को कहते हैं जब वहां रह रहे लोग या तो प्राकृतिक तौर पर वायरस से संक्रमित होकर इम्युनिटी हासिल कर लें या उन्हें रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी टीके से मिल जाए। इसमें जनसंख्या का एक बड़ा भाग संक्रमित हो जाता है और वायरस का प्रसार धीमा पड़ जाता है।
क्या हर्ड इम्युनिटी का समय आ गया है?
किसी भी देश में अभी हर्ड इम्युनिटी नहीं आई है। वैज्ञानिक कह रहे हैं कि 50% लोगों के संक्रमित होने पर भी हर्ड इम्युनिटी आ सकती है। ब्राजील के मनाउस में मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद कम हुई। कहा गया कि यहां 66% लोग संक्रमित हुए और लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो गई। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने ऐसा नहीं कहा।
क्या इसमें मौत का खतरा नहीं है?
अमेरिका में ग्रेट बैरिंगटन डेक्लेरेशन हुआ है। इसमें कहा है कि जिन लोगों को मौत का खतरा कम है, उन्हें बिना डरे सामान्य जीवन जीना चाहिए। इससे हर्ड इम्युनिटी जल्दी आएगी। सवाल है कि क्या स्वस्थ्य व्यक्ति संक्रमित होगा तो खतरा नहीं है।
प्रतिष्ठित जामा कार्डियोलॉजी द्वारा 100 रिकवर मरीजों पर किए अध्ययन में कहा है कि 78 लोगों को किसी तरह का हर्ट डैमेज हुआ है। ऐसे में कहा नहीं जा सकता कि भविष्य में नुकसान कितना बड़ा हो सकता है। इसके अलावा वायरस रिकवर हो चुके व्यक्ति को दूसरे नुकसान कर सकता है।
(धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया) वैश्विक अनिश्चिता भरा माहौल, कोविड-19 की दूसरी लहर और निवेश के अन्य माध्यमों के मुकाबले सोने के अधिक तेजी से बढ़ने के कारण दीपावली के मौके पर सोने के बाजार में रौनक लौट आई है। बीती दीपावली के मुकाबले वर्तमान में सोना के भाव करीब 32 फीसदी अधिक चल रहे हैं। एमसीएक्स में सोने का भाव प्रति 10 ग्राम 50,699 रुपए के स्तर पर है।
सोने के भावों में यह तेजी वर्ष 2011 के बाद सर्वाधिक है, 2010 की तुलना में 2011 में सोने ने दीपावली पर 38 फीसदी का रिटर्न दिया था। विशेषज्ञों के मुताबिक सोने की यह तेजी अस्थाई नहीं है, बल्कि अगले दो वर्ष तक सोने के भावों में छोटी-मोटी गिरावट को छोड़ दें तो तेजी का रुख देखा जा सकता है। अगली दीपावली तक सोना के भाव में 18 से 20 फीसदी की तेजी देखी जा सकती है।
यानी कि इस दीपावली पर निवेश करने वालों को अगली दीपावली पर 20 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है। सोने की तेजी से सिर्फ फिजिकल गोल्ड में ही निवेश नहीं बढ़ रहा है बल्कि गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड बॉन्ड में भी निवेश बढ़ा है। कारोबारियों के मुताबिक नवरात्र से दीपावली तक देश में करीब सौ टन सोने का कारोबार होने की उम्मीद है।
रिद्दी-सिद्दी बुलियन के एमडी और इंडियन बुलियन एण्ड ज्वैलर्स एसोसिएशन के नेशनल प्रेसीडेंट पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि बीते वर्ष के मुकाबले सोने के भाव करीब 40 फीसदी बढ़ने के बावजूद त्योहार और शादी सीजन में सोने की ग्राहकी अब दुकानों पर बढ़ने लगी है।
किस प्रकार की मांग अधिक है, पूछने पर विश्व के सबसे बड़ी गोल्ड रिफाइनरी के मालिक और राजेश एक्सपोर्ट्स के चेयरमैन राजेश मेहता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों और सुरक्षित निवेश के विकल्प के कारण सोने की मांग बढ़ रही है। ईटीएफ के साथ ही बिस्किट, सिक्के और प्लेन ज्वैलरी की मांग बढ़ रही है।
मेहता ने कहा कि सामान्य तौर पर देश में हर वर्ष 800-900 टन सोने का कारोबार होता है। नवरात्र से दीपावली तक के महीने में करीब 20 फीसदी कारोबार हो रहा है। अभी बीते वर्ष के मुकाबले करीब 70 फीसदी कारोबार लौट आया है। ऐसे में उम्मीद है कि देश में एक महीने के दौरान करीब सौ टन सोने का कारोबार होगा। सोने के भावों में तेजी का फायदा गोल्ड ईटीएफ को भी हुआ है।
देश में मरीजों का आंकड़ा 82 लाख के करीब पहुंच गया है। राहत इस बात की है कि 28वें दिन भी नए मरीजों से ज्यादा लोग ठीक हुए। साथ ही तीन महीने बाद ऐसा हुआ जब सक्रिय मरीज घटकर 5,74,906 हो गए। सबसे बड़ी राहत महाराष्ट्र से है, जहां चार महीने बाद नए मरीज 6 हजार से कम मिले।
वहां शनिवार को 5,548 नए मरीजों के साथ कुल संक्रमित 16,78,406 हो गए। उधर, अमेरिका और यूरोप में हालात बिगड़ते जा रह हैं। अमेरिका में 24 घंटे में 101,461 मरीज मिले। ऐसा पहली बार है जब किसी एक दिन में नए संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख पार हुआ। वहीं दुनिया में भी पहली बार एक दिन में 5 लाख से ज्यादा नए मरीज मिले।
आयुर्वेदिक दवा से 6 दिन में रिपोर्ट कोरोना नेगेटिव हुई
आयुर्वेद की 4 दवाओं से कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों का इलाज संभव है। आयुष मंत्रालय के दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की केस स्टडी में ये दावा किया गया है। स्टडी में कहा गया है जिन दवाओं से कोरोना मरीज का उपचार किया गया है उसमें शामिल है आयुष क्वाथ, संशमनी वटी, फीफाट्रोल और लक्ष्मीविलास रस।
30 वर्षीय कोरोना पाॅजिटिव मरीज को 3 बार 10 मिली लीटर आयुष क्वाथ, दो बार 250 मिली ग्राम संशमनी वटी और लक्ष्मीविलास रस दिया गया है। फीफाट्रोल की 500 मिलीग्राम की गोली दो बार दी गई। छठे दिन टैस्ट किया तो रिपोर्ट निगेटिव आई।
सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर फरीदाबाद पटेल सभा ने सोहना रोड स्थित पटेल चौक पर उनकी 31 फुट की प्रतिमा स्थापित की। इसका अनावरण केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, प्रदेश के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा व मेयर सुमन बाला ने किया। नेताओं ने सरदार पटेल को नमन करते हुए उन्हें राष्ट्र का जननायक बताया।
केंद्रीय राज्यमंत्री व परिवहन मंत्री ने कहा कि लौह पुरुष पटेल नवीन भारत के निर्माता थे। उन्होंने हमेशा देश को जोड़ने का काम किया। आज हर देशवासी को सरदार पटेल के पदचिह्नों पर चलने की जरूरत है। इस मौके पर पटेल सभा के अध्यक्ष विनोद कुमार, महासचिव एसएन सिंह, मनोज पटेल आदि मौजूद थे।
ओल्ड फरीदाबाद सेक्टर-17 में बाइक सवार युवकों ने मामूली कहासुनी में एक ऑटो चालक को चाकुओं से गोद दिया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिर उसे दिल्ली के सफदरजंग के लिए रेफर कर दिया गया। जहां उसकी हालत गंभीर है। इस घटना में चालक का साथी भी घायल हो गया है। पुलिस ने बाइक सवारों के खिलाफ हत्या का प्रयास समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार सेक्टर-29 के ट्यूबवेल नंबर-2 निवासी नारायण ऑटो चलाते हैं। बसेलवा कालोनी निवासी कन्हैया उसका साथी भी ऑटो चलाता है। शुक्रवार शाम दोनों ऑटो से गोवर्धन मथुरा जाने के लिए निकले थे। बताया जाता है सेक्टर-17 बाइपास पर गलत दिशा से आ रहे बाइक सवार से उनकी टक्कर हो गई।
इसके बाद दोनों बाइक सवार नारायण और कन्हैया के साथ गाली-गलौच करने लगे। आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए और बीच-बचाव कर दोनों पक्षों को वापस भेज दिया। विवाद के बाद नारायण और कन्हैया गोवर्धन जाने के बजाय ऑटो में सीएनजी डलवाकर वापस घर जाने लगे।
रंजिश में मच्छगर गांव में एक रिटायर्ड सूबेदार के बेटे की ईंट व पत्थर मार-मारकर हत्या कर दी गई। सूचना मिलने पर पहुंची सदर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। हत्यारोपी फरार हैं। जानकारी के अनुसार मच्छगर निवासी चंदरपाल सेना से रिटायर सूबेदार हैं। इनके दो बेटे भूषण और अक्षय हैं। दोनों अविवाहित हैं।
पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि करीब 5-6 साल पहले अक्षय पर उसके भतीजे राहुल और अरुण प्रताप ने हमला किया था। इसमें अक्षय की आंख में गोली लगी थी। इस मामले में केस दर्ज कराया था। कोर्ट ने राहुल व अरुण को दोषी मानते हुए 7-7 साल की सजा सुनाई थी। वर्तमान में दोनों हाईकोर्ट से जमानत पर हैं।
उन्होंने बताया अक्षय का 25 मई को सौराज से भी किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। अक्षय के खिलाफ केस दर्ज था। अभी अक्षय कोर्ट से जमानत पर है। सूबेदार का आरोप है कि इस बात को लेकर राहुल, अरुण प्रताप, अजब सिंह, दीपक, हेमपाल आदि उनसे रंजिश रखते हैं। शुक्रवार रात अक्षय घर नहीं आया तो परिवार के लोग उसे तलाशने लगे।
चंदरपाल जब बेटे अक्षय को तलाशने जोहड़ की ओर गए तो देखा कि वहां राहुल, अरुण प्रताप, दीपक, हेमपाल, विजय पाल व आकाश उसे ईंट पत्थरों से मार रहे थे। जब तक वह मौके पर पहुंचते हमलावर फरार हो गए। घायल अक्षय को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। थाना प्रभारी सुभाष का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
दस लाख रुपए का लोन दिलाने की बात कह महिला से कागजों पर हस्ताक्षर करा 98 लाख रुपए का लोन पास कराकर धोखाधड़ी करने के मामले में शहर थाना पुलिस ने बैंक मैनेजर सहित चार के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस की इकोनामिक सेल के इंचार्ज सत्यनारायण के अनुसार पलवल के श्याम नगर तुहीराम कॉलोनी निवासी शिकायतकर्ता गीता रानी गर्ग ने शिकायत दर्ज कराई है कि कुछ समय पहले उन्हें मकान मरम्मत के लिए लोन की जरूरत थी।
उनके पति राजेंद्र प्रसाद गर्ग की मुलाकात फरीदाबाद के सेक्टर-14 निवासी सूबे मलिक से हुई। वह बागपत स्थित पीएनबी शाखा के मैनेजर अनिल शर्मा को लेकर उनके घर आया और दस लाख रुपए का लोन दिलाने की बात कही।
क्राइम ब्रांच सेक्टर-85 ने छीना झपटी व चोरी करने वाले दो आरोपियों को पकड़ा है। इनमें से एक की पहचान सूर्य विहार पल्ला निवासी आकाश के रूम में हुई है। जबकि दूसरा आरोपी नाबालिग है। इन्होंने दो मोबाइल फोन हाल ही में सेक्टर-31 थाना क्षेत्र में झपटे थे। इसके अलावा थाना सराय ख्वाजा क्षेत्र में भी इसी माह एक मोबाइल फोन चोरी किया था। ये सभी मामले थाने में दर्ज हैं।
एक युवक ने 25 वर्षीय महिला की पहले बातें रिकॉडिंग कीं। फिर उसे वायरल करने की धमकी देकर महिला के साथ दुष्कर्म किया। 50 हजार रुपए भी ऐंठ लिए। महिला की शिकायत पर पुलिस ने अब आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जांच अधिकारी अमलेश के अनुसार महिला ने शिकायत दर्ज कराई है कि दो-ढाई साल से पैठ मोहल्ला निवासी विष्णु का उसके घर आना-जाना था।
महिला की परचून की दुकान है। इस पर उनकी सास बैठती हैं। लेकिन सास की गैरहाजिरी में वह भी दुकान पर बैठती है। पहचान होने के कारण विष्णु ने एक दिन उसे बहाने से अपने घर बुलाया और छेड़छाड़ की। इसके बाद वह फोन पर उनसे बातें करने लगा।
किसी ने फोन कर जजपा नेता जितेंद्र रावत उर्फ जीतू दीघौट से 50 लाख रुपए की रंगदारी मांगी है। आरोपी ने उसे एक सप्ताह का समय दिया है। रुपए न देने पर जान से मारने की धमकी दी है। पुलिस ने रावत की शिकायत पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ओमेक्स सिटी पलवल निवासी रावत ने शिकायत में कहा है कि 28 अक्टूबर की रात करीब साढ़े 8 बजे वह घर पर थे।
इसी दौरान उनके मोबाइल पर व्हाट्सअप कॉल आई। उसे रिसीव करते ही पूछा कि आप जीतू बोल रहे हैं। उन्होंने जब हां कहा तो उसने सवाल किया कि क्या आप जिला परिषद का चुनाव लड़ रहे हैं। इस पर उन्होंने हां कहा। इस वह फोन करने वाले ने कहा कि वह गाडोलिया बोल रहा है। सप्ताहभर में 50 लाख रुपए दे देना नहीं तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना।
जान की सलामती चाहते हो तो रुपयों का इंतजाम कर लेना। इसके बाद उन्होंने तुरंत 100 नंबर पर फोन कर सूचना देने के साथ ही कैंप थाने में लिखित शिकायत दी। साथ ही वह एसपी दीपक गहलावत से मिले। इसके बाद एसपी ने उन्हें सुरक्षा के लिए गनमैन दे दिया।
जीतू दीघौट जजपा में प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रह चुके हैं और वह डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के करीबी भी हैं। कैंप थाना प्रभारी यादराम के अनुसार केस दर्ज कर लिया गया है। साइबर सेल आरोपी के नंबर की जांच कर रही है। प्रथम जांच में सामने आया है कि जिस नंबर से कॉल आई है वह नंबर विदेश का है। पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद शिक्षा निदेशक हरियाणा की ओर से 10 अक्टूबर को निकाले गए आदेश की पालना न होने पर एफएफआरसी के चेयरमैन कम मंडल कमिश्नर ने शुक्रवार को एक आदेश निकाल कर सभी स्कूल प्रबंधकों से कहा है कि वे अभिभावकों से सिर्फ बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस ही मासिक आधार पर वसूल करें। इसके अलावा अन्य कोई फंड न लें।
यह ट्यूशन फीस भी वही स्कूल ले सकेंगे जो अपने विद्यार्थियों को रेगुलर ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। पत्र में चेतावनी दी गई है कि ऐसा न करने वाले स्कूलों के खिलाफ शिक्षा नियमावली की धारा 158ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। उधर इस आदेश के बाद हरियाणा अभिभावक एकता मंच का कहना है कि इससे पहले एफएफआरसी के चेयरमैन ने यह आदेश निकाला थे।
जिन स्कूलों ने अभिभावकों से बढ़ी हुई ट्यूशन फीस व अन्य फंडों में फीस वसूली है स्कूल प्रबंधक उसे वापस करें या आगे की फीस में एडजस्ट करें। लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने न फीस वापस की और न एडजस्ट किया। ऐसी हालात में स्कूल प्रबंधक इस आदेश का कितना पालन करेंगे यह देखने की बात है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व जिला सचिव डॉ. मनोज शर्मा ने कहा है कि कई स्कूल शुरू से ही शिक्षा विभाग के आदेश का उल्लंघन कर अभिभावकों से बढ़ी हुई ट्यूशन फीस, एनुअल चार्ज, ट्रांसपोर्ट फीस, कंप्यूटर फीस आदि कई फंडों में तिमाही आधार पर अभिभावकों से फीस वसूल रहे हैं।
जो पैरेंट्स इस मनमानी का विरोध कर रहे हैं उनके बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बंद कर दी गई है। मंच ने एफएफआरसी के चेयरमैन कम मंडलायुक्त संजय जून को पत्र लिख मांग की है कि ऑनलाइन क्लास देने वाले जिन प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों से बढ़ी हुई ट्यूशन फीस, ट्रांसपोर्ट, एनुअल चार्ज व अन्य फंड में फीस वसूली है उसे फीस में एडजस्ट किया जाए।
जिले में स्वामित्व योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तहत 11 गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के बाद अब दूसरे चरण की शुरूआत हो चुकी है। इस दूसरे चरण में सोहना तहसील क्षेत्र के 49 गांवों में ‘सर्वे ऑफ इंडिया’ की मदद से ड्रोन से सर्वे करवाकर मैपिंग की जा रही है। उसके बाद ये गांव भी लाल डोरा मुक्त हो जाएंगे।
यह जानकारी उपायुक्त अमित खत्री ने शुक्रवार को स्वामित्व योजना के तहत जिला के गांवो को लाल डोरा मुक्त बनाने के लिए करवाए जा रहे ड्रोन सर्वे कार्य की समीक्षा को लेकर चंडीगढ़ मुख्यालय से आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दी। यह वीडियों काॅन्फे्रंसिंग राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। बैठक में उपायुक्त खत्री ने बताया कि स्वामित्व योजना के तहत गांवों को लाल डोरा मुक्त बनाने का कार्य गुड़गांव जिला में सोहना तहसील क्षेत्र से शुरू किया गया है, जिसमें कुल 60 गांव आते हैं।
बैठक में उपस्थित विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल ने सभी जिला उपायुक्तों से कहा कि वे अपने-अपने जिला के गांवों को लाल डोरा मुक्त बनाने के लिए चरणबद्ध तरीके से तेजी से ड्रोन सर्वे करवाकर मैपिंग का कार्य करवाना सुनिश्चित करें।
गांवों में सर्वे के अंतर्गत चूना मार्किंग का सही तरीके से लगाया जाना आवश्यक है जिससे एक बार में ही सर्वे का कार्य पूरा हो सके। गांवों में ड्रोन से सर्वे तथा मैपिंग का कार्य सर्वे ऑफ इंडिया की मदद से किया जा रहा है।
जींद में 5 कर्मियों की बर्खास्तगी और उन पर झूठे आरोप लगाकर केस दर्ज कराने के विरोध में शुक्रवार को बिजली कर्मचारियों ने दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर्स यूनियन के बैनरतले फरीदाबाद सर्कल की चारों डिवीजनों के तहत आने वाली सभी सबडिवीजनों पर सर्कल सचिव संतराम लांबा के नेतृत्व में निगम मैनेजमेंट व जींद के एसडीओ की तानाशाही रवैए के खिलाफ घंटेभर प्रदर्शन कर नारेबाजी की गई।
ओल्ड फरीदाबाद डिवीजन के प्रधान लेखराज चौधरी व सचिव जयभगवान अंतिल ने कहा कि जींद की एचएसईबी वर्कर्स यूनियन अपने कर्मियों की जायज मांगों को लेकर जब कर्मचारी नेता एसडीओ से मिली तो उनके ग़ैर जिम्मेदाराना रवैए को देख वह हैरत में पड़ गई।
कोरोना महामारी के दौरान तमाम ऐसे किस्से सामने आए, जिनमें संतानों ने पिता को और भाई ने भाई को छूने से इनकार कर दिया। नेता भी दूर-दूर से कोरोना की लड़ाई लड़ते नजर आए। ऐसे लोगों और नेताओं के लिए भी सरदार पटेल एक नजीर हैं। उन्होंने अंग्रेजों से ही नहीं, बल्कि कोरोना जैसी तब की महामारी, प्लेग से भी जबरदस्त जंग लड़ी। दहशत भरे माहौल के बावजूद बेखौफ पटेल प्लेग के मरीजों के बीच जा पहुंचे। पेड़ के नीचे तंबू गाड़ दिया। आम लोगों को जमा किया और उनके बूते ही प्लेग को मात दे दी।
आम के पेड़ के नीचे पंडाल, वही घर था और वही दफ्तर
बात 1935 की है। गुजरात के मौजूदा आणंद जिले के बोरसद तालुका में प्लेग महामारी बन चुका था। सैकड़ों लोगों की मौत के बाद भी अंग्रेज सरकार इसे लेकर जरा भी गंभीर नहीं थी। तब तक खेड़ा और बारडोली आंदोलन के जरिए सरदार अंग्रेजों को आम लोगों की ताकत का स्वाद चखा चुके थे। मगर इस बार यही आम लोग मुसीबत में थे।
यों तो बोरसद में 1932 से ही प्लेग के मामले सामने आ रहे थे, लेकिन 1935 का जून आते-आते इस इलाके के 27 गांवों में 450 से ज्यादा लोग प्लेग का शिकार हो गए। यह खबर लगते ही पटेल ने सबसे पहले भास्कर पटेल नाम के डॉक्टर से हालात को गहराई से समझा। उन्होंने पता किया कि वहां मौजूद संसाधनों के हिसाब से वैज्ञानिक आधार पर क्या किया जा जाना चाहिए।
इसके बाद पटेल खुद बोरसद पहुंच गए। चारों ओर हाहाकार मचा था। तमाम गांववाले चूहों और बीमारों के डर से अपने घर छोड़कर खेतों में किसी तरह बसर कर रहे थे। ऐसे माहौल में पटेल ने एक आम के पेड़ के नीचे पंडाल लगा लिया। यही तंबू उनका दफ्तर और घर बन गया। पटेल ने यहीं से वॉलंटियर्स को भर्ती किया। उन्हें प्लेग के खिलाफ लड़ाई में शामिल जोखिम के बारे में बताया। यहीं से उन्होंने आस-पास के अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कराने का इंतजाम किया। प्रभावित गांवों में बड़े स्तर पर सफाई अभियान चलाए। गांववालों को प्लेग के खतरों, उससे बचने के तरीकों और बीमार होने पर सावधानियों के बारे में बताने के लिए पर्चे बांटने शुरू किए।
एक-एक गांव में खुद गए पटेल
इस लड़ाई के दौरान सरदार पटेल एक-एक प्रभावित गांव में खुद पहुंचे। एक ऐसे समय में जब बीमारों के घरवाले ही मारे खौफ के इलाज कराने को तैयार नहीं थे, बीच मैदान-ए-जंग से पटेल की सरदारी ने लोकल वॉलेंटियर्स में ऐसा जोश भरा कि प्लेग की हार तय हो गई। और हुई भी।
महात्मा गांधी भी पहुंचे और सरदार की मदद करने को कहा
कुछ दिनों बाद ही महात्मा गांधी भी बोरसद पहुंचे। वे भी सरदार पटेल के साथ पेड़ के नीचे वाले तम्बू में रहे। गांधी भी प्रभावित गांवों में पहुंचे। घर-घर जाकर लोगों से मिले। गांधी ने लोगों से सफाई का ध्यान रखने और सरदार पटेल का साथ देने को कहा।
सरकार जांच को राजी नहीं हुई तो सरदार ने कमेटी बनाई, पता चला- ब्रिटिश इलाकों के गांवों में 4% टीके लगे, वहीं बड़ौदा राज में 60%
बोरसद में प्लेग के लगातार बढ़ते मामलों के बीच तत्कालीन बॉम्बे प्रांत सरकार ने अफसरों की अनदेखी की जांच कराने से इनकार कर दिया। जवाब में सरदार पटेल ने अपनी ओर से एक विशेषज्ञ कमेटी बनाकर जांच कराई। कमेटी ने सरदार पटेल के सरकार पर लगाए आरोपों और उसके जवाब में प्रांत सरकार के कांग्रेस पर लगाए प्रत्यारोपों की जांच की। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सरदार पटेल के आरोपों को सही पाया। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि प्लेग प्रभावित ब्रिटिश इलाकों के गांवों में केवल 4% और शहरों में 25% लोगों की टीके लगा गए थे, जबकि बड़ौदा राज के दोनों इलाकों में 60% लोगों को टीके लग चुके थे।
ब्रिटिश सरकार ने किए बड़े-बड़े दावे, 5 हजार टीके लगाए, 2500 रुपए किए खर्च
सरदार पटेल और इस लड़ाई में उनका साथ दे रहे दरबार गोपाल दास देसाई ने मार्च 1935 में महामारी के खिलाफ काम शुरू किया। इस बारे में अखबारों में खबरें छपी तो बॉम्बे सरकार ने 27 अप्रैल 1935 को पहली बार बयान जारी कर बड़े-बड़े दावे किए।
- प्लेग के मामलों का पता चलते ही सितंबर 1934 में ही चूहे पकडऩे के लिए लोकल बोर्ड ने प्लेग ड्यूटी अफसर तैनात कर दिया था।
- इसरामा नाम के गांव में सफाई और टीके लगाने के लिए इंस्पेक्टर को भेजा गया।
- फरवरी में एक और प्लेग ड्यूटी अफसर तैनात किया गया।
- इससे पहले 1932, 1933 और 1934 में भी कई बार स्पेशल प्लेग ड्यूटी अफसर भेजे गए।
- 5000 लोगों को टीके लगाए गए। मार्च तक बोर्ड ने बचाव कार्यों में 2,500 रुपए खर्च किए।
पटेल ने चुन-चुनकर दिए जवाब- एक डॉक्टर 5 हजार टीके कैसे लगाता, सिर्फ 1699 रुपए किए खर्च
सरदार पटेल और उनकी जांच कमेटी ने सरकार के सभी दावों के चुन-चुनकर जवाब दिए। उन्होंने लिखा, बोरसद में 1932 से ही प्लेग के मामले में सामने आ रहे हैं और सरकार को तीन साल बाद बयान देने की फुर्सत मिली। सरकार ने प्रभावित गांवों की संख्या नहीं बताई। 1932 में केवल एक गांव में प्लेग फैला था। 1933 में ऐसे गांव 10 हो गए। 1934 में संख्या बढ़कर 14 हो गई और 1935 तक 27 गांवों तक यह बीमारी फैल गई। मरने वालों की संख्या 52 से बढ़कर 589 हो गई। सरदार ने पूछा, अगर सरकार सही कदम उठाए होते तो क्या ऐसा होता?
- 1932 में तैनात स्पेशल मेडिकल अफसर के पास उपकरण ही नहीं थे। उसे सितंबर में भेजा गया, जबकि अप्रैल तक बड़ी संख्या में प्लेग के मामले सामने आ चुके थे।
- दिसंबर 1933 में प्लेग फैला लेकिन तब स्पेशल अफसर को मार्च 1934 में भेजा गया।
- टीकाकरण की जानकर अनदेखी की गई। एक ही मेडिकल अफसर को पूरे देहात की जिम्मेदारी दे दी गई।
- विरसद में एक ही मेडि़कल अफसर ने छह महीनों में 3 हजार टीके लगाए। इनमें भी 2 हजार टीके केवल पांच सप्ताह में ही लगाए गए।
- बोरसद में एक ही डॉक्टर तैनात किया गया, वह पांच हजार से टीके नहीं लगा सकता था।
- डॉ. शाह नाम के डॉक्टर ने इतनी खराब तरह से टीके लगा कि लोगों पर इनके बेहद परेशानी उठानी पड़ी, आखिर सरकार को केवल 400 टीके लगाने के बाद ही उन्हें हटाना पड़ा।
- बोरसद में प्लेग से प्रभावित इलाकों से 27 प्रवासियों को हटाने या आइसोलेट नहीं किया गया। जबकि तब तक 300 लोगों की मौत हो चुकी थी।
- महामारी फैलने के पांच महीनों बाद भी कलेक्टर या असिस्टेंट डायरेक्टर पब्लिक हेल्थ ने इलाके का दौरा नहीं किया।
- लोकल बोर्ड ने 2500 रुपए नहीं 2486 रुपए बचाव कार्य में खर्च किए। यह रकम प्रभावित इलाके में नहीं बल्कि पूरे जिले में खर्च की गई। वहीं इसमें 787 रुपए कॉलरा राहत की रकम थी।
महामारी में ऐसी ही अगुवाई कर दोबारा न्यूजीलैंड की पीएम बनीं जैसिंडा, ट्रंप कमजोर साबित हुए तो पिछड़े
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न कोरोना के खिलाफ अपनी जबरदस्त लड़ाई के बूते चुनाव में दोबारा शानदार जीत दर्ज की। वहीं, अमेरिका में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को कोरोना के खिलाफ अपने तौर तरीकों के चलते भारी नाराजगी झेलना पड़ रही है। राष्ट्रपति चुनाव में अब तक सामने आए सर्वे में डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बिडेन राष्ट्रपति ट्रंप से आगे नजर आ रहे हैं। कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता भी काफी तेजी से बढ़ी।
from Dainik Bhaskar /national/news/sardar-patel-jayanti-2020-sardar-vallabhbhai-patels-fight-against-plague-in-borsad-gujarat-in-1935-inspires-to-fight-against-corona-today-camp-under-a-mango-tree-mahatma-gandhi-also-visited-127864551.html