हाईकोर्ट के फैसले के बाद शिक्षा निदेशक हरियाणा की ओर से 10 अक्टूबर को निकाले गए आदेश की पालना न होने पर एफएफआरसी के चेयरमैन कम मंडल कमिश्नर ने शुक्रवार को एक आदेश निकाल कर सभी स्कूल प्रबंधकों से कहा है कि वे अभिभावकों से सिर्फ बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस ही मासिक आधार पर वसूल करें। इसके अलावा अन्य कोई फंड न लें।
यह ट्यूशन फीस भी वही स्कूल ले सकेंगे जो अपने विद्यार्थियों को रेगुलर ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। पत्र में चेतावनी दी गई है कि ऐसा न करने वाले स्कूलों के खिलाफ शिक्षा नियमावली की धारा 158ए के तहत कार्रवाई की जाएगी। उधर इस आदेश के बाद हरियाणा अभिभावक एकता मंच का कहना है कि इससे पहले एफएफआरसी के चेयरमैन ने यह आदेश निकाला थे।
जिन स्कूलों ने अभिभावकों से बढ़ी हुई ट्यूशन फीस व अन्य फंडों में फीस वसूली है स्कूल प्रबंधक उसे वापस करें या आगे की फीस में एडजस्ट करें। लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने न फीस वापस की और न एडजस्ट किया। ऐसी हालात में स्कूल प्रबंधक इस आदेश का कितना पालन करेंगे यह देखने की बात है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व जिला सचिव डॉ. मनोज शर्मा ने कहा है कि कई स्कूल शुरू से ही शिक्षा विभाग के आदेश का उल्लंघन कर अभिभावकों से बढ़ी हुई ट्यूशन फीस, एनुअल चार्ज, ट्रांसपोर्ट फीस, कंप्यूटर फीस आदि कई फंडों में तिमाही आधार पर अभिभावकों से फीस वसूल रहे हैं।
जो पैरेंट्स इस मनमानी का विरोध कर रहे हैं उनके बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बंद कर दी गई है। मंच ने एफएफआरसी के चेयरमैन कम मंडलायुक्त संजय जून को पत्र लिख मांग की है कि ऑनलाइन क्लास देने वाले जिन प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों से बढ़ी हुई ट्यूशन फीस, ट्रांसपोर्ट, एनुअल चार्ज व अन्य फंड में फीस वसूली है उसे फीस में एडजस्ट किया जाए।
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