(धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया) वैश्विक अनिश्चिता भरा माहौल, कोविड-19 की दूसरी लहर और निवेश के अन्य माध्यमों के मुकाबले सोने के अधिक तेजी से बढ़ने के कारण दीपावली के मौके पर सोने के बाजार में रौनक लौट आई है। बीती दीपावली के मुकाबले वर्तमान में सोना के भाव करीब 32 फीसदी अधिक चल रहे हैं। एमसीएक्स में सोने का भाव प्रति 10 ग्राम 50,699 रुपए के स्तर पर है।
सोने के भावों में यह तेजी वर्ष 2011 के बाद सर्वाधिक है, 2010 की तुलना में 2011 में सोने ने दीपावली पर 38 फीसदी का रिटर्न दिया था। विशेषज्ञों के मुताबिक सोने की यह तेजी अस्थाई नहीं है, बल्कि अगले दो वर्ष तक सोने के भावों में छोटी-मोटी गिरावट को छोड़ दें तो तेजी का रुख देखा जा सकता है। अगली दीपावली तक सोना के भाव में 18 से 20 फीसदी की तेजी देखी जा सकती है।
यानी कि इस दीपावली पर निवेश करने वालों को अगली दीपावली पर 20 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है। सोने की तेजी से सिर्फ फिजिकल गोल्ड में ही निवेश नहीं बढ़ रहा है बल्कि गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड बॉन्ड में भी निवेश बढ़ा है। कारोबारियों के मुताबिक नवरात्र से दीपावली तक देश में करीब सौ टन सोने का कारोबार होने की उम्मीद है।
रिद्दी-सिद्दी बुलियन के एमडी और इंडियन बुलियन एण्ड ज्वैलर्स एसोसिएशन के नेशनल प्रेसीडेंट पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि बीते वर्ष के मुकाबले सोने के भाव करीब 40 फीसदी बढ़ने के बावजूद त्योहार और शादी सीजन में सोने की ग्राहकी अब दुकानों पर बढ़ने लगी है।
किस प्रकार की मांग अधिक है, पूछने पर विश्व के सबसे बड़ी गोल्ड रिफाइनरी के मालिक और राजेश एक्सपोर्ट्स के चेयरमैन राजेश मेहता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों और सुरक्षित निवेश के विकल्प के कारण सोने की मांग बढ़ रही है। ईटीएफ के साथ ही बिस्किट, सिक्के और प्लेन ज्वैलरी की मांग बढ़ रही है।
मेहता ने कहा कि सामान्य तौर पर देश में हर वर्ष 800-900 टन सोने का कारोबार होता है। नवरात्र से दीपावली तक के महीने में करीब 20 फीसदी कारोबार हो रहा है। अभी बीते वर्ष के मुकाबले करीब 70 फीसदी कारोबार लौट आया है। ऐसे में उम्मीद है कि देश में एक महीने के दौरान करीब सौ टन सोने का कारोबार होगा। सोने के भावों में तेजी का फायदा गोल्ड ईटीएफ को भी हुआ है।
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