कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट)ने रक्षाबंधन पर चीन को राखी कारोबार पर चार हजार करोड़ रुपए का बड़ा झटका देने के बाद अब 9अगस्त को चीन भारत छेाड़ो दिवस का आयोजन करने जा रही है।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि एक अनुमान के अनुसार देश में प्रतिवर्ष लगभग 50 करोड़ राखियों का व्यापार होता है जिसकी कीमत लगभग 6 हजार करोड़ रुपए है।अनेक वर्षों से चीन से प्रतिवर्ष राखी या राखी के निर्माण में लगने वाली लगभग 4 हजार करोड़ रुपये का समान नियमित रूप से आता था, जो इस वर्ष नहीं आया।
कोरोना के डर के कारण बड़ी मात्रा में लोग बाजारों में नहीं गए हैं और न ही ऑनलाइन से राखियों की खरीददारी की है। कैट के नेताओं ने बताया कि इस बार भारत के लोगों ने 4 हजार करोड़ रुपये के राखी कारोबार को बड़ा झटका देकर इस मिथक को तोड़ दिया हैं कि भारत में चीनी वस्तुओं का बहिष्कार नहीं हो सकता।
चीन की वस्तुओं के बहिष्कार अभियान को और अधिक तेजी से देशभर में चलाए जाने के संकेत देते हुए कैट ने दिए है। भरतिया और खंडेलवाल ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अगले कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि आगामी 9 अगस्तए भारत छोड़ो आंदोलन के दिन को देशभर के व्यापारी इस दिन को चीन भारत छोड़ो अभियान शुरू करेंगे। इस दिन देशभर में 800 से ज्यादा स्थानों पर व्यापारी संगठन शहर के किसी प्रमुख स्थान पर एकत्र होकर चीन भारत छोड़ो के शंखनाद करेंगे। इसके साथ ही 5 अगस्त को व्यापारी सारे देश में अपनी दुकानों और घरों में दीप जलाकर शंखनाद, घंटे-घड़ियाल आदि बजाएंगे।
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