आनंद पवार.राजधानी में 30 हजार कोरोना पॉजिटिव मरीज के इलाज के इंतजाम का दावा करने वाली दिल्ली सरकार के दावे 3 हजार मरीज में ही खोखले नजर आने लगे हैं। शुक्रवार को उत्तरी जिला के धीरपुर गांव का एक कोरोना पॉजिटिव शख्स 8 घंटे तक अस्पताल में भर्ती करने के बस स्टॉप पर बैठे-बैठे गुहार लगाता रहा। न एंबुलेंस आई न ही पुलिस ने कोई मदद की। देर शाम जिला अधिकारियों को मामले की शिकायत के बाद पीड़ित को एंबुलेंस लेने पहुंची। ऐसे कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं।
धीरपुर गांव का 42 वर्षीय विनोद को एक सप्ताह पहले बुखार और खांसी की शिकायत की थी। पीड़ित ने एक निजी लैब से कोरोना जांच कराई। शुक्रवार सुबह उनके वॉट्सएप पर लैब की तरफ से रिपोर्ट भेजी गई, जिसमें उनको कोरोना पॉजिटिव बताया गया। पीड़ित इलाज के लिए लिए एलएनजेपी अस्पताल पहुंचा। यहां पर गुहार लगाने के बावजूद उसे भर्ती करने से मना कर दिया गया।
पीड़ित वापस अपने गांव की तरफ लौट आया। यहां पहुंचने पर दोपहर 12 बजे लोगों ने संक्रमण के डर से उसे गांव में घुसने से ही मना कर दिया। दीपक शिंदे, जिला उपायुक्त, उत्तरी दिल्ली ने बताया कि यह मामला जानकारी में आया है। उसकी मदद करा रहे हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी एलएनजेपी में मरीज को भर्ती करने के लिए बात कर रहे हैं।
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