निजामुद्दीन तब्लीगी मरकज का मुखिया मौलाना साद पिछले 32 दिनों से फरार चल रहा है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच टीम भी मौलाना साद की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। लेकिन अभी भी साद पुलिस की पहुंच से दूर है। पुलिस सूत्राें का कहना है कि जब भी क्राइम ब्रांच की जांच टीम छापेमारी करती है, साद को उसकी सूचना पहले ही मिल जाती है। जिससे वह अपना ठिकाना बदल देता है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस से बचने के लिए साद अपना हुलिया भी बदल सकता है।
हालांकि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अब चौथा नोटिस जारी किया है। जिसमें पूछा गया है कि कोरोना वायरस का सरकारी अस्पताल में टेस्ट कराया है या नहीं। टेस्ट कराया है तो उसकी रिपोर्ट अब तक क्राइम ब्रांच को क्यों नहीं सौपी गई है। जबकि मौलाना साद का दावा है कि उसने 2 बार कोरोना टेस्ट करवाया है, दोनों ही रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। साद के मुतािबक इसमें से एक टेस्ट निजी लैब, लाल पैथोलॉजी में कराई गई है।सूूत्रों का कहना है कि मौलाना साद लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहा है। लॉकडाउन खुलने से सबसे पहले वह कोर्ट से जमानत लेने की कोशिश करेगा।
निजामुद्दीन, शामली, आयानगर, शाहीनबाग सहित कई इलाकों में चलाया गया था सर्च ऑपरेशन
क्राइम ब्रांच की टीम अब तक निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज स्थित ऑफिस के साथ ही कैरोना, जामिया नगर, आयानगर के साथ ही उसके पैतृक आवास शामली में छापे मार चुकी है। दिल्ली में जाफराबाद, जामा मस्जिद एरिया और शाहीनबाग इलाके में भी पुलिस सर्च ऑपरेशन चला चुकी है। पुलिस को अब तक कुछ सीसीटीवी फुटेज, कुछ धार्मिक किताबें व कुछ वीडियो भी बरामद हुए हैंे।
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