देश की सबसे बड़ी आजादपुर मंडी में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार को यहां और 4 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। आधिकारिक तौर पर मंडी में अब तक 15 कारोबारी और मजदूर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जबकि एक व्यापारी के मुताबिक 28 में कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी है। अभी तक 13 दुकानें सील कर दी गई हैं और 43 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। इस बीच मंडी ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, नासिक से आने वाली सब्जियांे और फल की आवक में कमी में देखने को मिली है।
उत्तरी दिल्ली के डीएम दीपक शिंदे ने कहा है कि प्रशासन ने 116 टेस्ट मंडी के कारोबारी व मजदूरों के कराए हैं जिनकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। डीएम के मुताबिक, ये लोग सीधे तौर पर मंडी से नहीं जुड़े थे। मंडी में बड़े स्तर पर कोरोना वायरस को ध्यान में रखकर लोगों की जांच की गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक आदेश जारी कर मंडी में डॉक्टर और स्वास्थकर्मी की टीम को जांच के लिए मंडी में तैनात रहने का आदेश जारी किया गया है।
इसबीच, आजादपुर मंडी को लगातार सेनेटाइज किया जा रहा है। मंडी आने वाले सभी मजदूर, व्यापारी, ड्राइवर और किसानों को मास्क दिया जा रहा है, पूरी मंडी में सफाई अभियान चलाकर मंडी को रोजाना दो समय साफ किया जा रहा है और सभी को सेनिटाइज करने का काम रोजाना जारी है।
मंडी में कोरोना की जांच के लिए डॉक्टर्स की दो टीमें तैनात
दिल्ली सरकार ने मंडी में व्यापारियों के बीच भय को देखते जांच के लिए दो मेडिकल टीमों की तैनाती कर दी है। चार चार सदस्यों की टीम वहां लोगों की जांच करेगी। इससे पहले एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स मार्केटिंग कमेटी आजादपुर ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर मंडी में दहशत की बात कही थी।
तीन केस मिलने पर कॉलोनी सील हो रहीं तो मंडी क्यों नहीं: विज
फल व्यापारी अशोक विज का कहना है कि कॉलोनी में कोरोना पॉजिटिव केस आता है तो कई गलियां तीन केस में बंद कर देते हैं। यहां मंडी में बड़ी संख्या में केस आ रहे हैं तो फिर इसे बंद क्यों नहीं करते। मंडी 14 दिन बंद करके सेनिटाइजेशन करनी चाहिए।
कोरोना संक्रमण के डर के कारण लोग मंडी नहीं आ रहे: फल व्यापारी
आजादपुर मंडी के फल व्यापारी अशोक विज(रिंकू) का कहना है कि 4 दिन बाद गुरुवार को अनार की गाड़ी आई थी। वो भी नहीं बिका। वो कहते हैं कि जब से मंडी में कोरोना पॉजिटिव केस निकला है तब से माल मंगाना कई आढ़तियों ने बंद कर दिया। अनार की कीमत अभी 200-650 पेटी जिसमें 7-9 किलो माल होता है। अंगूर करीब-करीब बंद है जो महाराष्ट्र से आता था। नासिक का जो अंगूर आ रहा है, वो बिक नहीं रहा है। सेब करीब-करीब खत्म हो रहा है।
रमजान के महीने में फ्रूट बिकता था लेकिन इस बार बिक्री कम है क्योंकि लोग पहले घर की बहुत जरूरी चीज खरीद रहे हैं, फल प्राथमिकता में नहीं है। अशोक विज बताते हैं कि डर के कारण व्यापारी व खरीददार मंडी नहीं आ रहे हैं। आलू-प्याज व्यापारी एसोसिएशन के राजेंद्र शर्मा कहते हैं कि नींबू और लहसुन नहीं आ रहा है। नींबू दक्षिण भारत से आ रहा था।
इधर, फल-सब्जियों की आवक के साथ ही खरीददारों की भी कमी
देश की सबसे बड़ी फल-सब्जी मंडी आजादपुर में कोरोना का कहर दिखने लगा है। ना सिर्फ आवक में 2000-3000 हजार टन तक फल-सब्जी की कमी आई है बल्कि खरीददार भी मंडी में घटे हैं। फल में अनार-अंगूर और सब्जी में नींबू-लहसुन ना के बराबर आ रहा है। कई तरह की सब्जी व फल आने के बाद बिक नहीं रहे हैं। गुरुवार को अनार 4 दिन बाद आया था लेकिन पूरा माल नहीं बिका। आलू-प्याज भी आवक कम होने के बावजूद बचा हुआ है।
आलू-प्याज व्यापारी एसोसिएशन के राजेंद्र शर्मा का कहना है कि आलू के 20 ट्रक और प्याज के 22 ट्रक आए जो पहले 25-27 ट्रक दोनों के आते थे। लॉकडाउन के पहले इनकी संख्या 70-90 ट्रक तक रहती थी। प्याज की कीमत में मामूली वृद्धि और आलू में 2-3 रुपए किलो की वृद्धि देखने को मिली है। इसबीच, हरी सब्जियों की कीमतों में इजाफा की खबरें हैं। कई जगहों पर सब्जियां ऊंचे दाम में बिके।
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