दिल्ली के तीनों नगर निगम दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों से कर वसूलने की तैयार कर रहा है। इसके लिए निगम ने उसका आकलन शुरु कर दिया है। यह बात उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर जय प्रकाश, दक्षिणी नगर निगम की महापौर अनामिका और पूर्वी नगर निगम के महापौर निर्मल जैन ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता के समय कही।
उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा 6600 करोड़ रुपए का पानी का बिल बकाया होने की बात कहने के बाद दिल्ली नगर निगम ने भी कर का आकलन शुरू कर दिया है।
दिल्ली सरकार की विभिन्न संपत्तियों पर बकाया संपत्तिकर का आकलन कर दिल्ली की तीनों निगम जल्द कार्यवाही करेंगी।
जय प्रकाश ने कहा कि दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग, दिल्ली सचिवालय, दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड, विद्यालय, अस्पताल, दिल्ली जल बोर्ड सहित अन्य विभाग की संपत्तियों पर निगम को कभी भी संपत्तिकर नहीं दिया है, जिसे वसूलने के लिए निगम जल्द कार्यवाही शुरू करेगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार व दिल्ली की तीनों निगमों पर लगभग 6600 करोड़ रुपए का पानी का बिल बकाया बताया है, जिसमें से उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर लगभग 2466 करोड़ रुपए बकाया बताया गया हैं।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के चुनावों में पानी का बिल माफ करने का वाद नागरिकों से किया था। लेकिन उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत 700 विद्यालयों, 6 अस्पतालों, 17 पॉली क्लीनिक व निगम के सरकारी दफ्तरों पर पानी के बिल पर कमर्शियल रेट लगाया गया है। निगम गरीब नागरिकों को बच्चों को मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि यह दिल्ली सरकार की मानसिकता को दर्शाता है कि कैसे ये दिल्ली में अव्यवस्था को फैलाना चाहते है। इस मौके पर नार्थ एमसीडी में स्थायी समिति के अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी, पूर्वी दिल्ली से सतपाल सिंह, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में नेता सदन नरेंद्र चावला सहित अन्य उपस्थित थे।
पूर्वी दिल्ली का 126 करोड़ बकाया : निर्मल जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर 126 करोड़ रुपए देने को कहा है। उन्होंने कहा कि निगम का 175.52 करोड़ रुपए का बकाया है] इसमें से दिल्ली जल बोर्ड का पूर्वी दिल्ली नगर निगम पर बकाया 49 करोड़ रुपए की राशि काट कर शेष 126 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान करें।
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम का 1050 करोड़ रुपए अभी तक नहीं दिया है] जिसके कारण सभी विकास के कार्य रुक गए है व कर्मचारियों को समय पर वेतन देने में भी परेशानी हो रही है।
जल बोर्ड ने नहीं दिया पैसा
जय प्रकाश ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड पर नार्थ एमसीडी का 216 करोड़ रुपए का संपत्तिकर और रोड कटिंग का 293 करोड़ रुपए बकाया है। साथ ही दिल्ली सरकार पर पहली और दूसरी तिमाही का 955.84 करोड़ रुपए बकाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली वित्तीय आयोग की सिफारिशों के अनुसार 968.91 करोड़ रुपए बकाया है। दिल्ली सरकार पर नार्थ एमसीडी को कुल 1924.81 करोड़ रुपए बकाया है।
सीएम नहीं देते हैं मिलने का समय : अनामिका ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से काफी बार मिलने का समय मांगा, लेकिन मिलने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने बताया की दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत 4 जोन है और प्रत्येक जोन में दिल्ली सरकार की संपत्तियों पर लगभग 2500 करोड़ रुपए का संपत्तिकर बनता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली नगर निगम का फंड ना दे कर विकास कार्यों को रोकना चाहती है।
इधर डीजेबी ने पानी के बकाया बिल माफ करने की योजना 31 दिसंबर तक बढ़ाई
डीजेबी ने पानी के बकाया बिल माफ करने की योजना की समय सीमा 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दी है। इससे पहले यह योजना 30 सितंबर 2020 तक लागू थी। इसके तहत उपभोक्ता 31 मार्च 2020 तक का मूल बकाया 31 दिसंबर 2020 तक जमा करा देते है तो उनको लेट पेमेंट सरचार्ज (एलपीएससी) पर 100 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके लिए उपभोक्ता के घर पर पानी का फंक्शनल मीटर होना जरूरी है।
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