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कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं को लेकर अंदरूनी टकराव बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने शनिवार को राज्यसभा सदस्य राजीव सातव पर नाराजगी दिखाई। तिवारी ने ट्वीट में लिखा, ‘भाजपा 2004 से 2014 के बीच सत्ता से बाहर थी। एक बार भी भाजपा के लोगों ने कभी वाजपेयी या उनकी सरकार को पार्टी की स्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया। दुर्भाग्य से कांग्रेस के कुछ बीमार लोग एनडीए या भाजपा की बजाय डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-2 सरकार से लड़ रहे हैं। अभी जब साथ मिलकर चलने का वक्त है तो विभाजन जैसी सोच पाल रहे हैं।’ दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बैठक में सातव ने इशारों में कहा था कि कांग्रेस की आज की हालत के जिम्मेदार यूपीए-2 के वरिष्ठ मंंत्री हैं। उधर, तिवारी के ट्वीट पर सातव ने शायराना अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहां तक है/तू सितम कर ले, तेरी ताकत जहां तक है/ वफा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी/हमें तो देखना है, तू जालिम कहां तक है।
तिवारी के समर्थन में आगे आए देवड़ा, शर्मा, थरूर: पूर्व मंत्री मिलिंद देवड़ा ने कहा कि मनमोहन सिंह ने 2014 में कहा था कि इतिहास उनके प्रति दयालु होगा। क्या तब उन्होंने कल्पना की होगी कि उन्हीं की पार्टी के लोग उनकी सेवा को खारिज कर देंगे। राज्यसभा सदस्य आनंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेसियों को यूपीए की विरासत पर गर्व होना चाहिए। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि यूपीए के 10 साल परिवर्तनकारी रहे। इसके प्रति दुर्भावनापूर्ण बातें कही जा रही हैं। हार से सीखने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन हमें खुद को अपने वैचारिक दुश्मनों के हाथों का खेल नहीं बनने देना चाहिए।’
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