Monday, August 3, 2020

एक्टिव केस में राजधानी देश में दूसरे से 14वें पायदान पर पहुंची

दिल्ली में कोरोना के संक्रमण के मामलों में तेजी से सुधार हो रहा है। नए मामले और मौतों में तेजी से गिरावट आ रही है। सोमवार को दिल्ली सरकार ने 27 जुलाई से 2 अगस्त तक की कोरोना की साप्ताहिक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार पिछले सप्ताह एक्टिव कारोना मरीजोें की संख्या 11904 थी जो इस सप्ताह घटकर 10356 तक आ गई है। यानी अब 7.5 प्रतिशत ही एक्टिव केस है। दिल्ली देश में एक्टिव केस की संख्या में 14वें स्थान पर आ गया है। वहीं, पिछले सप्ताह कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 87.95 प्रतिश्त था जो इस सप्ताह 89.57 प्रतिशत पहुंच चुका है। राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना का रिकवरी रेट 65.43 प्रतिशत है।

वहीं, पिछले दो सप्ताह से दिल्ली का पॉजिटिव रेट 6 प्रतिशत ही बना हुआ है। यानी 100 लोगों के टेस्ट में अभी सिर्फ 6 लोग पॉजिटिव आ रहे है। जुलाई की शुरुआत में पॉजिटिव रेट 11 प्रतिशत था। दिल्ली के अस्पतालों में 2886 बेड ही भरें हुए। अस्पतालों के 79 प्रतिशत बेड खाली है। इसका कारण दिल्ली में गंभीर मरीजों की संख्या में तेजी से कमी आना है। जबकि जून के पहले और दूसरे सप्ताह में दो से ढाई सौ बेड की रोजाना जरूरत पड़ती थी। इसके अलावा जितने नए मरीज प्रतिदिन आ रहे है, उससे ज्यादा मरीज डिस्चार्ज हो रहे है। दिल्ली में कोरोना से होने वाली मौतों में भी लगातार कमी आ रही है। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में 20 जुलाई से 26 जुलाई के बीच 199 मरीजों की मौत हुई। जबकि इस सप्ताह सिर्फ 177 मरीजों की मौत हुई है।

बता दें दिल्ली में 2 अगस्त तक 1 लाख 37 हजार 677 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके है। इनमें से 1 लाख 23 हजार 317 लोग ठीक/डिस्चार्ज/माइग्रेट हो गए। वहीं, 4 हजार 4 लोगों की कोरोना से जान जा चुकी है। दिल्ली में करीब 10 लाख 63 हजार 669 लोगों के कोरोना सैंपल की जांच की जा चुकी है।

कोरोना के डर को छोड़ बहनों से बांधवाई राखी

दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मरीजो ने इलाज कर रहे डॉक्टरों को राखी बांधी। बता दें कि यह अस्पताल कोविड-19 के लिए सुरक्षित है। यहां पर भर्ती होने की वजह से मरीज घर पर नहीं जा सके। ऐसे में इलाज करने वाले डॉक्टरों की मरीजों ने राखी बांधी। वहीं कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज स्थित कोविड केयर सेंटर में भर्ती महिला मरीजों ने भी डॉक्टरों को राखी बांधी।

आरोग्य ऐप के बिना एंट्री नहीं, हॉट स्पॉट वाले इलाके में नहीं खुल सकेगे

केन्द्र सरकार ने अनलॉक प्रक्रिया के तहत जिम और योग सेंटरों को खोलने के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। जिम और योग सेंटरों में आरोग्य एप के बिना किसी को भी एंट्री नहीं मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिम और योग सेंटरों के लिए कुछ नियम बनाए हैं। इन नियमों का पालन करने के बाद ही जिम या योग सेंटर में जाकर कोई भी एक्सरसाइज कर कसता है। इस नियम के तहत जिम या योगा सेंटर में आने वाले मोबाइल में आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप होना चाहिए। इसके साथ सोशल डिस्टेंसिंग की दूरी का विशेष ख्याल रखना होगा। यह भी हिदायत दी गई है कि जितना ज्यादा जरूरी हो उतना वाइजर पहनें। कोशिश यह करने के लिए कहा गया है कि वायइजर पहन कर ही एक्सरसाइज करें।

कोरोना वॉरियर डॉ. जोगिन्द्र के परिवार से मिले सीएम, 1 करोड़ की सहायता राशि दी

कोरोना वॉरियर 27 वर्षीय डॉ. जोगिन्द्र चौधरी के परिवार से सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुलाकात की और 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी। केजरीवाल ने ट्वीट कर जानकारी दी कि दिल्ली सरकार के अस्पताल में तैनात हमारे कोरोना वॉरियर डॉ. जोगिन्द्र चौधरी ने अपनी जान की बाजी लगातार मरीजों की सेवा की। हाल ही में कोरोना संक्रमण से डॉ. चौधरी का निधन हो गया था। उनके परिजनों से मिलकर 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी। भविष्य में भी परिवार को हर संभव मदद करेंगे।

एम्स आईसीयू में भर्ती मरीजों को स्क्रीन पर लाइव देख सकेंगे तीमारदार

अब एम्स के आइसीयू में भर्ती मरीजों की हालात जानने के लिए उनके तीमारदारों को भटकना नहीं पड़ेगा। लोग एम्स के ट्रामा सेंटर में के आाईसीयू वार्ड में भर्ती मरीजों को उनके तीमारदार सीधा एलईडी स्‍क्रीन पर लाइव देख सकेंगे, इससे तीमारदारों को मरीजों के स्वास्थ्य, स्थिति की सटीक जानकारी मिलती रहेगी। एम्स प्रशासन द्वारा बताया जा रहा है इस सुविधा से उपचार के दौरान पारदर्शिता भी आएगी। एम्स में अक्सर तीमारदारों की शिकायत रहती है कि एम्स प्रशासन द्वारा भर्ती मरीजों को देखने और मिलने नहीं देते और न ही मरीजों हालचाल दिया जाता है। बताया जा रहा है कि एम्स में इस सुविधा के बहाल करने के बाद यह शिकायत दूर हो जाएगी। इसके लिए एम्स प्रसाशन अब अपने यहां आईसीयू में भर्ती मरीजों के लिए खास इंतजाम करने जा रहा है। इसके लिए एम्स प्रशासन वेटिंग हॉल में एलईडी स्क्रीन लगाएगी। आईसीयू वार्ड में सीसीटीवी नाइट विजन कैमरे के सहायता से एलईडी लाइट से जोड़ दिया जाएगा।

दिल्ली को चार माह में 4560 करोड़ राजस्व मिला, पिछले वर्ष आधा रहा

कोरोना के चलते कारोबार ठप होने से आम जनता की आर्थिक स्थिति खराब होने के साथ ही दिल्ली सरकार को भी राजस्व में कमी आई है। पिछले वर्ष की तुलना में दिल्ली में इस वित्तीय वर्ष के शुरूआती चार माह में राजस्व आधा से भी कम प्राप्त हुआ है। इसका असर दिल्ली सरकार की आगामी योजनाओं और विकास कार्यों पर पड़ने की संभावना है। दिल्ली सरकार के राजस्व जुटाने के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और वैट ही मुख्य स्त्रोत है। इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से 31 जुलाई तक सरकार को 4560 करोड़ रुपए ही राजस्व प्राप्त हुआ है। जबकि पिछले वर्ष जुलाई तक सरकार को 8635 करोड़ रुपए राजस्व के रूप में मिले थे। इस वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 30 जून तक 2958 करोड़ रुपये की एकत्रित हो पाए थे। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 6136 करोड़ रुपये एकत्रित हुए थे। यानी यह राशि पिछले साल की अपेक्षा आधे से भी 110 करोड़ कम है।



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राजधानी में कोरोना का रिकवरी रेट पहुंचा 89.57 प्रतिशत


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