Saturday, July 4, 2020

नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुए प्रदर्शन व दंगे थे पूरी तरह सुनियोजित

नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई प्रदर्शन और दंगे कोई अचानक हुई हिंसा नहीं बल्कि यह हिंसा पुरी तरह से सुनियोजित थी। इसका खुलासा दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में सिलसिलेवार तरीके से की है। क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट में लिखा है कि नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई प्रदर्शन और दंगे की पूरी पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। क्राइम ब्रांच चार्जशीट में ये बताया है कि इशरत जहां खालिद शैफी से मंडोली जेल में पूछताछ की गई तो खालिद ने बताया कि उन्होंने इस वारदात को योजना बनाकर अंजाम दिया है।

क्राइम ब्रांच को खालिद ने बताया कि इसमें अमानतुल्लाह और जामिया के कुछ छात्रों ने उनका साथ दिया है। उनको लगता था कि केन्द्र की यह सरकार मुस्लिम विरोधी है। उसने बताया कि इस बात का केन्द्र सरकार के द्वारा कश्मीर में धारा 370 और 35 हटने के बाद उन्हें पक्का यकीन हो गया था। फिर खालिद ने बताया कि बाबरी मस्जिद के जगह पर श्री राम मंदिर के निर्माण को लेकर भी गुस्सा था।

मदरसे में हुई एक मीटिंग में औरतों को इकट्ठा करके धरने के लिए उकसाया

क्राइम ब्रांच के अनुसार खालिद ने पूछताछ में आगे बताया कि तब उन लोगों को लगा कि अब यही मौका है लोगों को भड़काकर इस मुद्दे को इतना बड़ा बना दो की सरकार हमारे सामने झुक जाए। 11 जनवरी 2020 को सीएए, एनआरसी और एनपीआर के पर्चे बंटवाए गए। 12 जनवरी 2020 को इमाम वसीम की सरपरस्ती में मदरसे में एक मीटिंग हुई जिसमें आसपास में रहने वाली औरतों को इकट्ठा करके धरने के लिए उकसाया और मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया। 13 जनवरी को पेट्रोल पंप खुरेजी के पास धरने पर बैठ गए और फिर भाषण देकर लोगों और औरतों को भड़काते रहे।

क्राइम ब्रांच के अनुसार 23 फरवरी को उन लोगों को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने की बात पता चली। उन्‍होंने दिल्ली में अलग-अलग जगह रोड जाम करके प्रोटेस्ट करने का प्लान बनाया और प्रोटेस्ट को हटाने पर दंगों में बदलने की प्लानिंग की ताकि सरकार की विदेशों में इमेज खराब हो जाए। पर इसके लिए फंड की जरूरत थी जो पीएफआई से मिल रहा था। खालिद ने बताया कि इस योजना के तहत 25 फरवरी को खुरेजी में जाम किया और पुलिस के मना करने पर उन पर पथराव किया था।

दिल्ली दंगों में जाकिर नायक का भी हाथ

दिल्ली दंगे मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा की जा रही जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि दिल्ली दंगों से कनेक्शन को लेकर गिरफ्तार किया गया खालिद सैफी मलेशिया में देशद्रोह के आरोप में देश छोड़कर भागे इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक से मिला था।

सैफी पर आरोप है कि वह दिल्ली दंगों को भड़काने के लिए मददगार बना था। सैफी की उमर खालिद और ताहिर हुसैन से भी काफी नजदीकी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली पुलिस द्वारा फाइल की गई स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक, फंड साउदी अरब से सिंगापुर में एक एनआरआई के पास गए थे। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां के पास भी गाजियाबाद में और महाराष्ट्र में उसके कुछ रिश्तेदारों के पास संदिग्ध रुट्स से पैसा आया था। बता दें कि इशरत को भी दिल्ली पुलिस ने मार्च में दिल्ली दंगों के मामले में गिरफ्तार किया था।



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The demonstrations and riots in North East Delhi were well planned


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