कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते राजधानी के अस्पतालों में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए स्नाकोत्तर के छात्रों की सेवाएं लेने पर विचार बना रही है। इसके अलावा दूसरे अस्पतालों के स्टाफ को कोविड अस्पतालों में तैनात किया जाएगा। यह सुझाव दिल्ली सरकार ने पिछले सप्ताह गठित की दो सदस्य कमेटी ने दिए हैं। इस प्रस्ताव को सरकार ने कार्रवाई के लिए कैबिनेट को भेज दिया गया है।
सरकार ने कोविड अस्पतालों में स्टाफ की कमी को दूर करने पर सुझाव देने के लिए इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ महेश वर्मा और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर बीएल सेरवाल की दो सदस्य कमेटी गठित की थी। कमेटी ने अपने सुझाव में कहा है कि कोरोना के खिलाफ लडाई मे जयादा से जयादा अस्पतालों में युवाओं की सेवा ली जानी चाहिए।
वरिष्ठ और दूसरी बीमारी से पीड़ित डॉक्टरों को कोरोना से ज्यादा खतरा है। ऐसे में अस्पतालों मे स्टाफ की कमी को दूर करने स्नातकोत्तर के छात्रों को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तैनात करने को सुझाव कमिटी ने दिया है। इसके अलावा इंटर्न डेंटल सर्जन और आयुष अधिकारियों की भी सेवा लेना का सुझाव दिया गया है। इनको सेवा मे लेने से पहले कोर्स कराने का सुझाव है, जिसके बाद इनको कम गंभीर और बिना लक्षण के मरीजों के इलाज मैं लगाया जा सकता है। कमेटी ने अस्पतालों से भी स्टाफ को लेने का सुझाव दिया गया है। यानी जहां ज्यादा स्टाफ है उन अस्पतालों से स्टाफ को जरूरत वाले अस्पताल मे तैनात करने का भी सुझाव दिया गया है।
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