सुप्रीम कोर्ट ने तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए विदेशी नागरिकों के वीसा स्टेटस पर को लेकर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि अगर मार्च में मरकज में पहुंचे विदेशियों के वीसा रद्द हो चुके हैं, तो यह देश में कैसे रह रहे हैं? सरकार उन्हें देश से बाहर क्यों नहीं कर रही है।
जस्टिस एएम खानविलकर के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय पीठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय काे निर्देश दिया कि वह 35 देशों के करीब 2500 नागरिकों के वीसा पर स्थिति साफ करे। इसी के साथ कोर्ट ने जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 34 विदेशी जमातियों की याचिकाओं की सुनवाई दो जुलाई तक टाल दी। इससे पहले याचिकाकर्ताओं के एक वकील ने दलील दी कि 900 जमातियों को काली सूची में डालने के लिए केवल जनरल नोट जारी किया गया है।
इस पर कोर्ट ने कहा, लेकिन गृह मंत्रालय की अधिसूचना कहती है कि यह फैसला तो अधिकारियों को अलग-अलग मामलों के आधार पर लिया जाना है। हमें यह पता लगाना होगा कि क्या आदेश जारी किए गए? याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि वीसा रद्द किए जाने या काली सूची में डाले जाने को लेकर सरकार ने कोई आधिकारिक आदेश पारित नहीं किया गया है। सिर्फ एक रिलीज के आधार पर पासपोर्ट जब्त कर लिए गए।
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