दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अकादमिक वर्ष 2019 -20 का संशोधित कैलेंडर जारी कर दिया है। इसके अलावा जुलाई से शैक्षणिक संस्थान खुलने के साथ ही डीयू के कॉलेज और विभाग तय कैलेंडर के मुताबिक चलेंगे। इस संबंध में भी प्रशासन की ओर से आदेश जारी किया है।
संशोधित कैलेंडर के मुताबिक 13 जून से 30 जून तक ग्रीष्मावकाश, 1 जुलाई से 31 जुलाई तक परीक्षाएं होंगी तथा तीसरे व पांचवें सेमेस्टर के लिए कक्षा की शुरुआत 1 अगस्त, 2020 और प्रथम सेमेस्टर की कक्षाओं को 1 सितंबर, 2020 से आरंभ करने का निर्णय किया है। डीयू प्रशासन की ओर से आदेश जारी कर यह भी कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने जुलाई से शैक्षणिक संस्थान खोलने की बात की है। इसके तहत डीयू के सभी कॉलेज और विभागों में तय कैलेंडर के मुताबिक जुलाई से कामकाज होगा।
संशोधित अकादमिक कैलेंडर के मद्देनजर डीयू की टीचर्स एसोसिएशन एन डी टी एफ के पूर्व एवं वर्तमान ई सी सदस्यों डॉ ए के भागी और डॉ वी एस नेगी एवं अकादमिक परिषद सदस्यों सुनील शर्मा, अनिल शर्मा, नरेंद्र बिश्नोई और नैना हसीजा चमन सिंह ने कुलपति को पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी में कार्यरत शिक्षकों के कार्यकाल को बढ़ाकर ग्रीष्मावकाश आरंभ होने तक नियुक्ति पत्र देने की मांग की है। साथ ही तदर्थ शिक्षकों के वर्तमान में जारी किए गए पत्र को ही ग्रीष्मावकाश शुरू होने तक बढ़ा देने की अपील की है।
डीयू में ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम के विरोध में एडमिन ब्लॉक के बाहर एसएफआई का प्रदर्शन
दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में हो रहे ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम के विरोध में सोमवार को छात्र संगठन एसएफआई ने दूसरे छात्र संगठनों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन डीयू एडमिन ब्लॉक के सामने छात्रों ने सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर किया। विरोध कर रहे छात्र कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मुंह पर मास्क और कुछ फेस शील्ड पहनकर भी पहुंचे थे।
एसएफआई के मुताबिक दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) ने 51 हजार छात्रों पर सर्वे किया था। इसमें 85 फीसदी छात्रों ने ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम का विरोध किया था। इसकी वजह थी कि सबके पास हाई स्पीड इंटरनेट, लैपटॉप और कम्प्यूटर उपलब्ध नहीं होना था। जोकि इन एग्जाम के लिए बहुत जरूरी है। इस सर्वे के आधार पर हमने डीयू के वाइस चांसलर को 29 मई को ज्ञापन दिया था और यह परीक्षा रद्द करने की मांग की थी।
छात्रों को फ्रॉड से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी
छात्रों को एडमिशन फ्रॉड से बचाने के लिए डीयू प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। प्रशासन ने छात्रों को सलाह दी है कि एडमिशन के संबंध में कोई भी जानकारी वेबसाइट को देखकर ही पुख्ता मानी जाए। अन्य सोर्स से मिली जानकारी का सही न समझा जाए। डीयू के रजिस्ट्रार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, एम फिल और पीएचडी के संबंध में एडमिशन प्रोसेस की जानकारी यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर दी जाएगी।
लॉकडाउन के दौरान 3 अप्रैल के आदेश में भी यह बात कही गई है। किसी अन्य सोर्स से मिली जानकारी को ठीक न समझा जाए। सूत्रों के मुताबिक एडमिशन के वक्त छात्रों से एडमिशन के नाम पर फ्रॉड होता है। ठग छात्रों से एडमिशन के नाम पर मोटी रकम भी वसूलते हैं। ऐसे में प्रशासन को एडवाइजरी जारी करनी पड़ रही है।
जामिया की लाइब्रेरी का हो रहा डिजीटलाइजेशन
जामिया मिलिया इस्लामिया की डॉ जाकिर हुसैन लाइब्रेरी ने ऑनलाइन टीचिंग-लर्निंग रिसर्च को बढ़ावा देने की सुविधाओं को और अधिक मजबूत बनाने के लिए डिजिटलीकरण इकाई को अत्याधुनिक ओवरहेड स्कैनिंग डिवाइस से लैस किया है। इस डिवाइस के आने से कला, इतिहास और संस्कृति के साथ ही विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण पांडुलिपियों एवं अभिलेखीय महत्व के दस्तावेजों के संरक्षण में मदद मिलेगी।
लाइब्रेरी के महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक दस्तावेजों के डिजिटल संरक्षण से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विद्वानों की इन संसाधनों तक पहुंच आसान होने के साथ ही अकादमिकअनुसंधान का दायरा भी बढ़ेगा। फ्रांस में निर्मित स्कैनर एक पेज को एक सेकंड से भी कम समय में स्कैन करने की क्षमता रखता है।
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