Wednesday, April 8, 2020

लॉकडाउन के दौरान 14 दिन के अंदर 4933 केस दर्ज, लोग पार्कों में बिना मास्क लगाकर बैठ रहे, बिना वजह बाहर घूम रहे, कर्फ्यू पास का भी गलत इस्तेमाल

(धर्मेंद्र डागर). कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया है। इस बीच कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ), केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियां चेतावनी के साथ गाइडलाइन भी जारी कर रही हैं। इस सबके बावजूद अधिकतर लाेग नियमाें का पालन नहीं कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस के आंकड़ाें की मानें तो दिल्ली में लॉकडाउन का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ 14 दिन में 4933 केस दर्ज किए गए हैं। जबकि 91589 लोगों को हिरासत में लिया है।

इन पर पार्कों में बिना मास्क लगाकर बैठना, बिना वजह घर से बाहर घूमना, सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करना, क्वारेंटाइन सेंटर में बदततीजी व गंदगी फैलाने के आराेप शामिल हैं। वहीं 12,885 वाहन जब्त किए हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हाेंने परेशानी बताकर कर्फ्यू पास बनवा लिया लेकिन वे इसका गलत इस्तेमाल करते पाए गए। पुलिस ने ऐसे लाेगाें काे भी पकड़ा जाे कर्फ्यू पास पर शराब की तस्करी कर रहे थे। दिल्ली पुलिस के एडिशनल पीआरओ व एसीपी अनिल मित्तल का कहना है कि पुलिस पूरी सख्ती कर रही है। लेकिन लोग बिना वजह घरों से निकलते हैं।

दो तरह के मुकदमें दर्ज होते हैंं, दोनों जमानती
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि लॉकडाउन में दो तरह के मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। पहला आईपीसी की धारा 188 के तहत। दूसरा क्वारेंटाइन से संबंधित, जिसमें सेंटर से भागना, वहां बदतमीजी करना आदि शामिल है। इसमें आईपीसी की धारा 269, 270 और 271 लगती है। दोनों ही जमानती हैं और थाने से जमानत मिल जाती है। इसके बाद पुलिस जांचकर चार्जशीट दाखिल करती है। फिर कोर्ट तय करता है किस पर कितना चार्ज व सजा मिले। इस दौरान ऐसा कोई चालन नहीं किया गया है जिसमें मौके पर जुर्माना भरा जाए। वरिष्ठ वकील मनीष भदौरिया कहते हैं कि नियमों का पालन ही बचाव है।

बचने के लिए तरह-तरह के बहाने

लॉकडाउन में घर से बाहर घूमने वाले लोग पकड़े जाने पर बचने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाते हैं। नार्थ इलाके में एक युवक कार में सवारी ले जा रहा था। पुलिस के पूछने पर उसने बताया कि अस्पताल ले जा रहा हूं। पुलिस ने मरीज के कागजात देखे तो वे एक साल के बच्चे के निकले। पुलिस ने कहा सवारियाें में एक साल का कोई बच्चा नहीं है। पुलिस ने वाहन जब्त कर मुकदमा दर्जकर दिया। एक ने कहा कि वह माता-पिता की दवाई लेने जा रहा है। डाॅक्टर का पर्चा मांगने पर पता चला कि वह 5 महीने पुराना है। कुछ लोग पत्नी को घुमाने ले जाते हैं और पकड़े जाने पर कहते हैं कि अस्पताल दिखाने जा रहे हैं।



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वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि लॉकडाउन में दो तरह के मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। पहला आईपीसी की धारा 188 के तहत। दूसरा क्वारेंटाइन से संबंधित, जिसमें सेंटर से भागना, वहां बदतमीजी करना आदि शामिल है।


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