Sunday, March 15, 2020

गुरुनानक चैरिटेबल डिस्पेंसरी में मरीजों का होता है मुफ्त इलाज, डिस्पेंसरी में टेस्ट बाजार रेट से छह गुना तक सस्ते

नई दिल्ली (शेखर घोष).पूरे देश ने शनिवार को जन औषधि दिवस मनाया गया। इस मौके पर बहुत से लोगों ने सस्ती दवाओं के लिए पीएम को शुक्रिया भी कहा। दरअसल मेडिकल टेस्ट और दवाएं बाजार में इतनी महंगी हैं कि किसी का भी बजट बिगाड़ सकती हैं। लेकिन रजौरी गार्डन के जे-ब्लॉक में 3 साल से चल रही गुरुनानक चैरिटेबल डिस्पेंसरी में महंगी से महंगी दवाएं भी मुफ्त दी जाती हैं और मेडिकल टेस्ट मार्केट रेट से 5 से 6 गुना सस्ते किए जाते हैं। इसे गुरुद्वारा सिंह सभा की ओर से संचालित किया जाता है।

रोज करीब 600-650 मरीज आतेहैं

यहां तमाम बड़े अस्पतालों के मशहूर डॉक्टर मुफ्त कंसल्टेशन देते हैं। डॉक्टर मरीजों को जो दवा लिखते हैं, जब तक मरीज ठीक नहीं हो जाता वह फ्री दी जाती है। डिस्पेंसरी के पास खुद की लैब है, जिसमें हाई स्टैंडर्ड मशीनें हैं। यहां दिल्ली-एनसीआर से रोज करीब 600-650 मरीज आते हैं। डिस्पेंसरी के चेयरमैन सुरजीत सिंह सव्वरवाल ने बताया कि यहां तीन साल में यहां 6 लाख से अधिक मरीजों को कंस्लटेशन और इलाज दिया जा चुका है। ओपीडी खुलने का समय सुबह 8:30-11:30 और शाम को 6.00-8.00 के बीच। डिस्पेंसरी रविवार और सोमवार की सुबह तो खुलती है लेकिन शाम को बंद रहती है। रजौरी गार्डन के जे-ब्लॉक की डिस्पेंसरी में की जा रही है सेवा।

होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और एक्युप्रेशर पद्धति में भी होता है ट्रीटमेंट

आंख, दांत, हडि्डयों, त्वचा, घुटने का दर्द, किडनी, दिल, गर्भाशय, ब्लैडर से जुड़ी बीमारियों के इलाज के अलावा डिस्पेंसरी में फिजियोथेरेपी भी की जाती है। यहां चाइल्ड स्पेस्लिस्ट भी बैठते हैं। लेप्रोस्कोपी सर्जरी करने के साथ ही कैंसर के मरीजों को भी देखा जाता है।

टेस्ट: एमआरआई से डायलिसिस तक
एमआरआई, अल्ट्रा सांउड, किडनी इको, सीटी स्कैन, एक्सरे, लिपिड प्रोफाइल, लिवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट, सीबीसी, थाइरॉयड टेस्ट सहित रक्त, मल, मूत्र, थूक, बोन आदि से जुड़े सभी अहम टेस्ट किए जाते हैं। यहां डायलिसिस 750 रुपए में और रूट कैनाल 900-1500 रुपए में किया जाता है। फिजियोथैरेपी की अलग-अगल मशीनों से 40, 60, 80, 100 रुपए की सिटिंग है।

सभी सदस्यों को साथ लेकर दवाओं और मशीनों का इंतजाम किया

प्रधान गुरुद्वारा सिंह सभा (सदस्य दिल्ली कमेटी) के हरमनजीत सिंह ने बताया किहमने बहुत से लोग देखे जो जिन्हें कैंसर और किडनी की बीमारियों के इलाज के लिए अपनी जायदात बेचनी पड़ी। हमने डिस्पेंसरी में ऐसे मरीजों को राहत देने की सोची। गुरुद्वारे के सभी सदस्यों को साथ लेकर दवाओं और मशीनों का इंतजाम किया। यह गुरुनानकदेव जी का घर है। किसी के पास पैसा नहीं है, तो उसका भी इलाज किया जाता है।



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यहां रोज करीब 600-650 मरीज आते हैं।


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