वाराणसी. मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की उपासना का पर्व नवरात्रि आज शुरू हो गया। लेकिन कोरोनावायरस महामारी के चलते सदियों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि, जब भक्त व भगवान के बीच दूर रहने की पाबंदी लगी हो। बुधवार को काशी में अलईपुरा स्थित मां शैलपुत्री के मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे। सुबह पुजारी ने मां की श्रृंगार आरती की और उन्हें भोग लगाया। इक्का-दुक्का लोग अराधना के लिए पहुंचे थे, लेकिन उन्हें मायूस होकर वापस लौटना पड़ा।
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के दर्शन-पूजन का विधान है। काशी में अलईपुरा में मां शैलपुत्री के मंदिर में आम दिनों में आज के दिन श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ता था, लेकिन इस बार मंदिरों में ताले लटके हुए हैं। कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन को देखते हुए जिला प्रशासन ने धर्म की नगरी काशी में सभी मंदिरों को बंद करने का आदेश दिया है। ऐसे में माता शैलपुत्री का मंदिर भी बन्द कर दिया गया है।
कोरोनावायरस की वजह से किसी भी भक्त को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। सुबह पुजारी द्वारा मां का श्रृंगार कर आरती किया गया।मंदिर में केवल पुजारी ही पूजा कर रहे हैं, बाकी श्रद्धालुओं के लिए मंदिर पूरी तरह से बंद है। मंदिर के पुजारी ज्युत तिवारी की माने तो उनके जीवन में पहली बार ऐसा हुआ है कि मंदिर को चैत्र नवरात्र के पहले दिन बंद किया गया हो। मां महामारी जल्द खत्म करने की कामना की है।
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