झांसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन का ऐलान करते हुए कहा था कि, जो जहां है, वह वहीं रह जाए। लेकिन उनकी इस अपील का असर दिख नहीं रहा है। वाहनों का आवागमन ठप होने के कारण लोग परिवार के साथ लंबी दूरी पैदल चलकर तय कर रहे हैं। गुरुवार सुबह झांसी में एक समूह दिखा, जिन्हें अपने घर तक पहुंचने में 200 किमी की दूरी तय करना पड़ेगा। सभी मजदूरी पेशा से हैं।
लॉकडाउन के चलते रोज कमाने खाने वालों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। उनके सामने भुखमरी का संकट है। गुरुवार को कई परिवार समूह बनाकर पैदल ही मध्य प्रदेश की तरफ जाते दिखे। एक समूह में शामिल गौरा ने बताया- वे मध्य प्रदेश के जनपद टीकमगढ़ की रहने वाली हैं। अपने जनपद से 200 किलोमीटर दूर डबरा में दैनिक मजदूरी करके परिवार का पेट पालती थी। लेकिन अब सब जगह कर्फ्यू जैसे हालात हो गए हैं। डबरा से जब टीकमगढ़ के लिए जाते हैं तो बीच में उत्तर प्रदेश का झांसी जनपद पड़ता है। यूपी-एमपी का बॉर्डर पूरी तरह सील है। जिसके चलते हम सभी लोग पैदल सफर कर रहे हैं।
वहीं, विनोद बताते हैं कि मैं टीकमगढ़ के खैरा गांव का रहने वाला हूं। तकरीबन सब मिलाकर 25 लोग पैदल सफर कर रहे हैं। कल शाम को 4 बजे हम डबरा से निकले थे, तब से लगातार चल रहे हैं। बीच-बीच में थोड़ी देर के लिए आराम करते हैं। तब तक ऐसी माताएं जिनके बच्चे छोटे हैं वह बच्चों को दूध पिला लेती हैं और हम सब जो खाना बांध कर चले थे। उसमें से थोड़ा खा लेते हैं। फिर से उठते हैं और मंजिल की ओर आगे बढ़ने लगते हैं.।
टीकमगढ़ जनपद और डबरा दोनों ही मध्यप्रदेश में पढ़ते हैं। लेकिन एक दूसरे जनपद में पहुंचने के लिए झांसी होकर गुजरना पड़ता है। लॉकडाउन के चलते सीमाएं पूरी तरह से सील हैं। जिसकी वजह से तमाम मजदूर अपनी मंजिल तक पैदल चलकर पहुंच रहे हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2UDoL7C
0 comments: