गोरखपुर. उत्तर प्रदेश की राजधानी में रविवार सुबह विश्व हिंदू महासभा के अध्यक्ष रंजीत बच्चन की हत्या मामले में पुलिस को पूर्वांचल के शॉर्प शूटरों पर वारदात को अंजाम देने का शक है। इसलिए पूर्वांचल की कई जेलों में बंद अपराधियों को संदिग्ध युवकों की फोटो दिखाकर पहचान कराई जा रही है। लखनऊ पुलिस को वारदात के बाद एक सीसीटीवी मिला था, जिसमें दो युवक कंबल ओढ़कर जा रहे थे। शक है कि, उन्हीं लोगों ने रंजीत को गोली मारी थी। इसके अलावा रंजीत के मोबाइल से दो संदिग्ध नंबर मिले हैं, जिन्हें रडार पर लिया गया है।
गोरखपुर के सीओ क्राइम प्रवीण कुमार ने बताया कि, रंजीत हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए लखनऊ पुलिस की मदद की जा रही है। यहां से जुड़ी जानकारियों को लखनऊ पुलिस के साथ साझा किया गया है। बताया कि, गोरखपुर में किसी से विवाद, किसी से रूपए का लेनदेन, आय का स्रोत, किस तरह के लोगों से उनके संबंध थे, उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि जैसी तमाम जानकारी दी गई है।
यह है पूरा मामला
विश्व हिंदू महासभा अध्यक्ष रंजीत बच्चन (42) रविवार सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। उनके साथ दोस्त आदित्य कुमार श्रीवास्तव भी थे। हजरतगंज इलाके के ग्लोक पार्क के पास पहुंचे थे, कि अज्ञात बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। जिससे रंजीत की मौत हो गई। वहीं, आदित्य भी गोली लगने से घायल हो गए। उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। रंजीत गोरखपुर में गोला क्षेत्र के अहिरौली गांव के लाला टोला के रहने वाले थे।
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