Wednesday, February 12, 2020

हिंसा के दौरान 53 ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया; अदालत ने कहा- 23 लाख इन्हीं से वसूलिए

मुजफ्फरनगर. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बीते साल 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हुई हिंसा के मामले में जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है। यहां 53 लोगों को सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान करने का दोषी पाया गया है। कोर्ट ने दोषियों से 23 लाख रुपए वसूलने का निर्देश दिया है।

बीते साल 20 दिसंबर को हुई थी हिंसा

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) अमित सिंह ने बताया कि, 20 दिसंबर 2019 को सीएए के विरोध के दौरान हुई हिंसा के बाद सिविल लाइंस और कोतवाली पुलिस स्टेशन ने लगभग 76 लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किए थे। 53 लोगों को लगभग 23,41,290 रूपए के नुकसान की भरपाई करने के आदेश जारी किए हैं। कोतवाली पुलिस स्टेशन भी अपने आदेश जारी करने की प्रक्रिया में है, 17 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।

चार लोगों को आरोपमुक्त किया गया

एडीएम अमित सिंह ने बताया कि, सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन ने 57 लोगों को नोटिस जारी किया था। सभी आरोपी अदालत में पेश हुए। जांच में पूछताछ के दौरान चार लोगों के खिलाफ नोटिस वापस ले ली गई। आरोपियों ने एक किशोर था और 3 को घटनाओं में शामिल नहीं पाया गया। यहां हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।



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मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा की जांच एसआईटी कर रही है।


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