![](https://i9.dainikbhaskar.com/thumbnails/680x588/web2images/www.bhaskar.com/2020/02/01/rakhigarhi_1580544599.jpg)
भोपाल. संसद में वित्त मंत्र निर्मला सीतारमण ने बजट 2020-21 पेश करते हुए 5 पुरातात्विक स्थलों को विकसित करने की घोषणा की है। ये पांच स्थल हैं राखीगढ़ी, हस्तिनापुर, शिवसागर, धोलावीरा और आदिचनल्लूर। इन पांचों स्थलों पर इन-साइट म्यूजियमबनाए जाएंगे, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को इन जगहों का महत्व मालूम हो सकेगा। जानिए पांचों जगहों से जुड़ी खास बातें...
- सिंधु घाटी सभ्यता का स्थल है राखीगढ़ी
हरियाणा राज्य के हिसार जिले में एक गांव है राखीगढ़ी। ये जगह दिल्ली से करीब 150 किमी दूर स्थित है। राखीगढ़ी करीब 6500 ईसा पूर्व की सिंधु घाटी सभ्यता का स्थल है। भारतीय पुरातत्वविदों और डीएनए विशेषज्ञों की एक टीम ने यहां रिसर्च की थी। इस रिसर्च के दौरान की गई खुदाई में मिले कंकालों की कार्बन डेटिंग से मालूम हुआ है कि ये प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित हैं। ये जगह हिसार के पास 300 हेक्टेयर में फैली है। यहां हड़प्पा काल से जुड़ी निशानियां भी मिली हैं, जो कि लगभग 2800-2300 ईसा पूर्व की हैं।
![](https://i10.dainikbhaskar.com/web2images/www.bhaskar.com/2020/02/01/hastinapur_1580544446.jpg)
- महाभारत काल से संबंधित है हस्तिनापुर
हिन्दू धर्म में चार युग बताए गए हैं, सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग। हस्तिनापुर द्वापर युग यानी महाभारत काल से संबंधित है। ये नगर उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में स्थित है। महाभारत के अनुसार हस्तिनापुर पर कौरवों का अधिकार था। हस्तिनापुर का इतिहास श्रीकृष्ण भीष्म, पांडव, धृतराष्ट्र, दुर्योधन, और युधिष्ठिर और अन्य पांडवों से जुड़ा हुआ है। इस क्षेत्र में की गई खुदाई में मिली निशानियों से ये मालूम होता है कि ये जगह महाभारत के आसपास यानी 1500-2000 ईसा पूर्व से संबंधित है।
![](https://i10.dainikbhaskar.com/web2images/www.bhaskar.com/2020/02/01/adichanallur_1580544455.jpg)
- तमिलनाड़ू के पांडियन साम्राज्य से संबंधित है आदिचनल्लूर
तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले में आदिचनल्लूर स्थित है, ये भी एक पुरातात्विक स्थल है। यहां भी पुरातत्वविदों द्वारा खोज की गई है। खोज में मालूम हुआ है कि ये जगह पांडियन साम्राज्य से संबंधित है। आदिचनल्लूर में खोजे गए नमूनों की कार्बन डेटिंग से मालूम हुआ है कि ये चीजें 905 ईसा पूर्व और 696 ईसा पूर्व के बीच की हो सकती है। यहां मिले मानव कंकालों की रिसर्च करने पर मालूम हुआ कि ये 2500-2200 ईसा पूर्व के हो सकते हैं।
![](https://i10.dainikbhaskar.com/web2images/www.bhaskar.com/2020/02/01/dholapur_1580544508.jpg)
- सिंधु घाटी सभ्यता और हड़प्पा संस्कृति से संबंधित है धोलावीरा
गुजराज के कच्छ जिले में भचाऊ क्षेत्र में धोलावीरा स्थित है। ये क्षेत्र भी पुरातत्व स्थल है। धोलावीरा का स्थान कर्क रेखा पर है। यहां की गई पुरातत्वविदों द्वारा की गई रिसर्च में मालूम हुआ है कि ये जगह पांच सबसे बड़े हड़प्पा स्थलों में से एक है। ये क्षेत्र सिंधु घाटी सभ्यता से भी संबंधित है।
![](https://i10.dainikbhaskar.com/web2images/www.bhaskar.com/2020/02/01/shivasagar_1580544582.jpg)
- अहोम राजा शिव सिंह ने बनाई थी शिवसागर नगरी
असम में शिवसागर जिला स्थित है। इस नगर को अहोम राजा शिव सिंहा द्वारा बनाया गया था। ये जगह गुवाहाटी से करीब 360 किमी दूर स्थित है। अहोम राजा का काल 1699 से 1788 के बीच का माना जाता है। अहोम वंश ने असम पर लंबे समय तक शासन किया था। शिवसागर में शिवजी और विष्णुजी की प्राचीन प्रतिमाएं स्थापित हैं। आने वाले समय में इस क्षेत्र को विकसित किया जाएगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2vH8qpB
0 comments: