आगरा. दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र गुटों के बीच हुई हिंसा मामले की आंच आगरा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय तक पहुंच गई है। यहां शनिवार दोपहर वामपंथी छात्र संगठनों पर प्रतिबंध की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ताओं की भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) कार्यकर्ताओं से टकराव की स्थिति बन गई। नारेबाजी व धक्का मुक्की होते देख पुलिस ने लाठियां बरसाईं। छात्रों को दौड़ाकर पीटा। जिसमें 12 से अधिक छात्र घायल हुए हैं।
दरअसल, एबीवीपी कार्यकर्ता जेएनयू में हिंसा करने वाले वामपंथी छात्र संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में धरना दे रहे थे। इसी बीच एनएसयूआई और सपा छात्र के कार्यकर्ता भी पहुंच गए। दोनों ओर से नारेबाजी होने लगी। एबीवीवी और एनएसयूआइ ने सिटी मैजिस्ट्रेट अरुण कुमार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने के बाद दोनों संगठनों में फिर जवाबी नारेबाजी होने लगी। देखते ही देखते कार्यकर्ता भिड़ गए और धक्का मुक्की होने लगी।
मामला बढ़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। छात्र नेताओं को दौड़ा दौड़ाकर पीटा गया। इस दौरान छात्र नेता अंकुश गौतम पुलिस की पिटाई से बेहोश हो कर जमीन पर गिर गया। इसके बाद भी उसे जमकर पीटा गया। इस लाठीचार्ज में एनएसयूआई और सपा छात्र सभा के कई कार्यकर्ताओं को गंभीर चोटे आई हैं। उनको पुलिस ने हिरासत में लेकर इलाज के लिए अस्पताल भिजवा दिया है। एनएसयूआई और सपा के छात्र नेताओं का कहना है कि पुलिस ने सत्ता के दबाब में आकर एक तरफा कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज किया गया है।
एएसपी हरीपर्वत सौरभ दीक्षित ने बताया कि दो छात्र गुट ज्ञापन देने आए थे। स्थिति नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा है। क्योंकि पुलिस को संदेह था कि दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हो सकती है। सभी पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हिंसा फैलाने की कोशिश करने वाले सभी लोगों पर कार्रवाई की गई है।
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