हरदोई. उत्तर प्रदेशके औद्योगिक मंत्री सतीश महाना ने बसपा मुखिया मायावती के सीएए पाठ्यक्रम को लेकर आये बयान को लेकर पलटवार करते हुए कहा कि बसपा सुप्रीमो को अपनी पार्टी की चिंता करनी चाहिए। अब वह और उनकी पार्टी देश के इतिहास का हिस्सा बनने जा रही है। दरअसल मायावती ने लखनऊ विश्वविद्यालय में नागरिकता कानून को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने को लेकर तीखी प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए कहा था कि उनकी पार्टी सत्ता में आयी तो इसे अवश्य हटा दिया जाएगा।
औद्योगिक मंत्री सतीश महाना ने शुक्रवार देर शाम एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ''जिसे सत्ता में आना ही नहीं है उसकी क्या बात की जाए। बसपा मुखिया मायावती की पार्टी उत्तर प्रदेश में इतिहास बनने जा रही है। कम से कम वह इतिहास लोग याद रखेंगे कि कभी एक पार्टी हुआ करती थी। वह अपने इतिहास की चिंता करें। बाकी देश का इतिहास गौरवशाली इतिहास है उसको पढ़ाया जाएगा। जो वास्तविकता है, जो सत्य है, जो आम जनता से जुड़े हुए प्रकरण हैं, जो इस देश के स्वाभिमान से जुड़े हुए हैं , वह सारे के सारे पढ़ाए जाएंगे।''
शुक्रवार को मायावती ने टि्वट कर विरोध किया था
मायावती ने ट्वीट किया- ''सीएए पर बहस आदि तो ठीक है लेकिन कोर्ट में इस पर सुनवाई जारी होनेके बावजूद लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा इस अतिविवादित व विभाजनकारी नागरिकता कानून को पाठ्यक्रम में शामिल करना पूरी तरह से गलत व अनुचित। बसपा इसका सख्त विरोध करती है तथा यूपी में सत्ता में आने पर इसे अवश्य वापस ले लेगी।''
राजनीति शास्त्र की विभागाध्यक्षका तर्क
लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र की विभाग्याध्यक्ष शशि शुक्ला ने बताया कि वो जल्द ही सीएए को पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे।हम एक पेपर लाएंगे, जिसका विषय भारतीय राजनीति में समसामयिक मुद्दे होंगे। ये विचाराधीन है कि सीएए के मुद्दे को भी इस पेपर में शामिल करें। हम इसे सिलेबस (पाठ्यक्रम) में शामिल करेंगे और इसे बोर्ड में प्रस्ताव के रूप में रखेंगे, पास हो जाने पर इसे एकेडमिक (अकादमिक) काउंसिल के पास भेजा जाएगा।वहां से पास होने पर इसकी पढ़ाई शुरू होगी।
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