
प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री रंगनाथ मिश्रा की पांच करोड़ रुपए कीमत की संपत्ति को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में कुर्क की है। एजेंसी की यह जांच आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले से जुड़ी हुई है।
जांच एजेंसी के मुताबिक उसने मनी लॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) के तहत आदेश जारी कर इलाहाबाद में टैगोर टाउन के जॉर्ज टाउन एक्सटेंक्शन में आवासीय भूमि को कुर्क करने को कहा है। इस संपत्ति की कीमत बाजार में पांच करोड़ रुपए आंकी गई है।
ईडी के मुताबिक, रंगनाथ मिश्रा ने 2010 में अपने और अपने परिवार के नाम पर यह संपत्ति ली थी। मिश्रा 2007-2011 तक माध्यमिक शिक्षा और आवास मंत्री थे।
उत्तर प्रदेश सतर्कता विभाग की ओर से मिश्रा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को पढ़ने के बाद यह जांच शुरू की गई है।
लैकफेड घोटाले में रंगनाथ मिश्रा का नाम आया था
वर्ष 2007 से वर्ष 2011 के मध्य बसपा शासनकाल में मंत्री रहे रंगनाथ मिश्रा का नाम लैकफेड घोटाले में भी आया था और इस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। मंत्री पद पर रहने के दौरान उन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी। ईडी रंगनाथ मिश्रा व उनके परिवारीजन द्वारा ट्रस्ट, समिति और संस्थानों के नाम पर खरीदी गई संपत्तियों के श्रोतों के बारे में जांच कर रही है।
बसपा सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके हैं रंगनाथ मिश्रा
उत्तर प्रदेश सरकार में रंगनाथ मिश्र माध्यमिक शिक्षा मंत्री के पद पर वर्ष 2007 से वर्ष 2011 तक रहे। उनके खिलाफ भदोही के थाना औराई में 30 अक्टूबर, 2012 को उप सेनानायक पीएसी राजपाल सिंह ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया था।
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