Saturday, October 3, 2020

पीड़िता के घरवाले बोले: ठाकुर-ब्राह्मण के गांव में डरकर जी रहे हैं, पर इंसाफ लेकर रहेंगे

(धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया) उत्तर प्रदेश के हाथरस से करीब 10 किलोमीटर दूर आगरा रोड पर मुख्य सड़क से दो किलोमीटर अंदर, बाजरे और धान के खेतों के बाद आता है वूलगढ़ी गांव। वही वूलगढ़ी गांव, जहां की दलित बेटी से दुष्कर्म के बाद पूरा देश गुस्से में है। यहां पहले दुष्कर्म जैसा संगीन अपराध हुआ और फिर इसका राजनीतिकरण शुरू हो गया। अब गांव में जो माहौल है, उससे यहां पर जातिगत टकराव साफ देखा जा सकता है।

दो कमरे और बरामदे वाले घर में चारों ओर मीडिया वालों का डेरा है। तुलसी के पौधे के पास बैठी ऐटा से आई पीड़िता की मामी ने बताया कि परिवार कई दिनों से चटनी-रोटी और बिस्कुट पर जिंदा है। गांव में हमें किसी ने एक कप चाय तक के लिए नहीं पूछा। पीड़िता की मां ने कहा कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं। उच्च जाति के लोगों ने हमसे कहा है कि अगर उनके लड़कों को कुछ हुआ तो हम तुम लोगों को छोड़ेंगे नहीं। हमें गांव छोड़ना पड़ेगा तो हम तैयार हैं लेकिन बेटी को इंसाफ जरूर दिलवाएंगे।

वहीं युवती के घर से थोड़े पहले ही आरोपी रामू का घर है। रामू की मां का कहना है कि मेरे बेटे को फंसाया गया है, घटना वाले समय वह दूध चिलिंग प्लांट पर था। 14 सितंबर को हुई घटना के बाद से पुलिस-प्रशासन का रवैया सवालों के घेरे में है। पुलिस-प्रशासन की कार्यवाही से कोई भी पक्ष संतुष्ट नहीं है।

मामले की जांच और कार्यवाही सवालों के घेरे में है। वहीं दूसरी ओर लंबी चुप्पी के बाद फॉरेंसिक जांच में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि न होने के बाद सवर्ण समाज भी एकजुट हो निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है। शुक्रवार को आरोपियों के पक्ष में सवर्ण समाज के 12 गांवों ने बघना गांव में पंचायत की। जहां आरोपियों को निर्दोष बताते हुए सीबीआई जांच और नार्को टेस्ट के बाद गांव वाले संतुष्ट दिखाई दिए।

वहीं भाजपा के पूर्व विधायक राजवीर सिंह पहलवान ने अनुसूचित जाति की बिटिया की मौत को ऑनर किलिंग बताया है। उन्होंने बिटिया की मां और भाई पर ही उसकी हत्या का आरोप लगाया। आज राजवीर आरोपी लड़कों के समर्थन में एक बैठक भी कर रहे हैैं। गांव में भी घूमने पर सवर्ण और दलित के बीच का अंतर स्पष्ट दिखाई देता है। पंचायत प्रधान रूपबती बताती हैं कि गांव में ठाकुर और ब्राह्मणों की संख्या सर्वाधिक है। दलित समुदाय की संख्या कम है।

गांव के किसान और वेटनरी डॉक्टर दुष्यंत सिंह कहते हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं, गांव की बेटी के साथ गलत हुआ है, दोषियों को सजा मिले। लेकिन निर्दोष लोगों को नहीं फंसना चाहिए। हाथरस के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता हरीश शर्मा कहते हैं कि जिस तरह से कुछ-कुछ दिन के अंतराल में धाराएं बढ़ीं, उससे पुलिस प्रशासन की लापरवाही संदेह पैदा करती है। राजनीतिक लोग अपने नजरिए से देख रहे हैं।

लोगों की संवेदनशीलता और मानवता मर गई है, जो सत्य, न्याय और धर्म नीति की बात नहीं करते हैं। नार्को टेस्ट और सीबीआई जांच से दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। बिटिया की लाश पर राजनीति हो रही है। सवर्ण और दलित वर्ग के बीच भी बहस तेज हो रही है। हाथरस सांसद सहित कई राजनेताओं की भूमिका संदेह में है। शनिवार को ही उत्तर प्रदेश के डीजीपी और गृह सचिव भी हाथरस पहुंचे।

यहां उन्होंने अलग-अलग वर्ग और समुदाय के नताओं से मुलाकात की। उनकी कोशिश रही है कि यहां जातिगत टकराव न हो। हाथरस की बेटी के बहाने योगी सरकार और वर्ष 2022 में होने विधानसभा के मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियों की ओर से जिला में कोई ना कोई आंदोलन होता है। देश की दलित राजनीतक का केंद्र वूलगढ़ी बनता जा रहा है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में सक्रिय भीम आर्मी के चंद्रशेखर पहले ही यहां आकर बहुत बड़ा प्रदर्शन कर चुके हैं।

मुख्य विपक्षी पार्टियां बसपा, सपा और कांग्रेस इस मुद्दे पर आक्रामक हैं। साथ ही तृणमूल कांग्रेस और देशभर के सामाजिक कार्यकर्ता भी एक जुट हो रहे हैं। एक बार डीएनडी पुल से लौट जाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी शनिवार को हाथरस पहुंचे।

और इधर पहले ऐसे बढ़ाई धाराएं, फिर आया दुष्कर्म नहीं

  • 14 सितंबर को पुलिस थाना चंदपा में वूलगढ़ी गांव में अनुसूचित जाति की युवती के साथ के गला दबाने की कोशिश और जान से मारने का प्रयास की शिकायत हुई। युवती को अलीगढ़ स्थित मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया।
  • चंदपा थाना पुलिस ने एक आरोपी संदीप के खिलाफ जानलेवा हमले व एससीएसटी उत्पीड़न अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।
  • 19 सितंबर को नामजद आरोपी संदीप को गिरफ्तार किया गया। इसी दिन पुलिस ने इस मुकदमें में धारा 354 को बढ़ाया।
  • 22 सितंबर को पीड़िता के बयान के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म की धारा 376 डी बढ़ाई गई व तीन अन्य अभियुक्तों के नाम भी जुड़े।
  • 29 सितंबर को दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल में युवती की मौत हुई। हत्या की धाराएं जोड़ी गईं।
  • 30 सितंबर वूलगढ़ी गांव में पुलिस ने रात को अंतिम संस्कार किया। पुलिस ने कहा कि पिता की अनुमति ले ली गई थी।
  • एक अक्टूबर को यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि शुरुआती मेडिकल जांच, पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जांच में मृतका से दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई।

सीबीआई जांच की सिफारिश; पीड़ित परिवार से मिले राहुल और प्रियंका

  • कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी समेत पांच कांग्रेस नेताओं ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की।
  • इससे पहले, राहुल-प्रियंका को भारी संख्या में तैनात पुलिसबल ने दिल्ली-नोएडा फ्लाइवे (नोएडा बॉर्डर) पर रोक दिया। तब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। 9 किमी का जाम लग गया और लोग घंटों तक फंसे रहे।
  • सीएम योगी ने केस की जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश की है। वहीं दूसरी तरफ वाराणसी में सपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का काफिले रोक दिया।


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हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के घर जा रहीं प्रियंका गांधी से उत्तरप्रदेेश पुलिस ने धक्का-मुक्की की। एक पुलिसवाले ने उनका कुर्ता खींचा।


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