कालिंदी कुंज इलाके में एक व्यक्ति की हुई मौत से पुलिस सवालों के घेरे में है। आरोप है दो पुलिस कर्मी इनके घर रात को पहुंचे, जहां एक ने उनकी छाती में लात मार दी। इसके बाद परिजन उन्हें हॉस्पिटल में लेकर गए, वहां उन्हें डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का आरोप है कि घटना के बाद उन्होंने मदद के लिए 100 नंबर पर पुलिस और एंबुलेंस के लिए कई बार फोन किया लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। इसके बाद मृतक का साढ़ू निजी वाहन से उन्हें अस्पताल लेकर गया। वहीं, पुलिस का दावा है कि मृतक के शरीर पर चोट के निशान नहीं है।
यहां पुलिस इनके बेटे को ढूंढने के लिए आई थी, जिसका आपराधिक रिकॉर्ड बताया गया है। मृतक का नाम जितेंद्र शर्मा है। गुरूवार को उनकी मौत से गुस्साए वाल्मीकि समाज के लोगों के साथ ही भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर प्रदर्शन कर दोषी पुलिस कर्मी के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग की है।
जितेंद्र ड्राइवर का काम करते थे। इनके बेटे नोनी को पुलिस तलाश थी, जो अभी कुछ समय पहले ही जेल से छूटकर आया था। कई बार पुलिस इसके घर गई लेकिन वह नहीं मिला। पीड़ित परिजन का आरोप है बीती रात करीब दस बजे दो पुलिस कर्मी इनके घर आए, जिनमें से एक का नाम नितिन है।
यहां मदन पुर खादर स्थित घर पर पुलिस कर्मियों ने नोनी के बारे में पूछा, इस पर उसके पिता ने कहा वह घर पर नहीं है। आरोप है एक पुलिस कर्मी ने उन्हें गाली देते हुए छाती में लात मार दी, जिस वजह से वह बेहोश हो गए। इसके बाद घर वाले उन्हें सफदरजंग हॉस्पिटल लेकर गए। वहा डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने अब इस मामले में जांच कराने की बात कही है।
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