
समयपुर बादली थाने के लॉकअप रुम में रविवार सुबह दुष्कर्म के आरोपी ने बेड शीट की मदद से फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। मृतक की पहचान धर्मेंद्र (40)के रुप में हुई है। वहीं मृतक के परिवार को पुलिस की थ्योरी पर बिल्कुल यकीन नहीं है। परिजनों ने इसे हत्या बताया है। उनका कहना है जिस बेडशीट से खुदकुशी की गई है, वह बेडशीट किसने और कहां से आई थी।
परिजनों का आरोप है पुलिस ने पीट-पीट कर हत्या कर दी और मामले को खुदकुशी का रूप दे दिया। परिजनों ने पुलिस पर बदसलूकी का भी आरोप लगाया। परिवार ने शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से करवाने की भी मांग की है। पुलिस मामले दर्ज कर जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक धर्मेंद्र कादीपुर इलाके में परिवार के साथ रहता था। वह 2005 में खजूरी खास इलाके में लूट की मंशा से हुई एक युवक की हत्या मामले में सजा काट रहा था।
गत मार्च महीने में ही वह जमानत पर बाहर आया था। डीसीपी गौरव शर्मा ने बताया कि बीते शनिवार को स्वरूप नगर इलाके में घर मे घुसकर 13 साल की बच्ची से दुष्कर्म हुआ था, जिसमे धर्मेंद्र का नाम सामने आया था। वारदात के वक्त बच्ची घर में अकेली थी। उसकी मां काम पर गई हुई थी। उसके पिता के देहांत हो चुका है। जिसको इलाके से गिरफ्तार किया और बादली थाने की लॉकअप में बंद कर दिया। पुलिस ने नहीं दिए परिजनों के सवालों के जवाब
परिवार ने पुलिस से कई सवाल पूछे लेकिन किसी ने भी सवालों का जवाब नहीं दिया। उन्होंने बताया कि स्वरूप नगर में किस लड़की के साथ दुष्कर्म किया था। पुलिस को उसकी बहन और धर्मेंद्र का फोन नंबर कहां से मिला। लॉकअप में बेडशीट कहां से आई। धर्मेंद्र के शरीर पर चोट के निशान कहां से आए।
उसने फांसी लगाई उस वक्त लॉकअप के बाहर तैनात पुलिसकर्मी कहां थे। जो चोट लगी हैं, उसके बारे में पुलिस को कैसे पता नहीं चला। स्वरूप नगर पुलिस ने क्या लड़की का मेडिकल करवाया। कब और कहां पर दुष्कर्म हुआ था।
सीसीटीवी कैमरों में क्या दिखाई नहीं दिया
परिजनों का कहना है और उनकी मांग है कि थाने में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को उनके सामने खंगाला जाए। क्योंकि जिस लॉकअप में धर्मेंद्र बंद था, उस लॉकअप की देखरेख के लिए भी वहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं।
इतना सब कुछ हो जाने कब बाद भी आखिर कंट्रोल रूम में बैठे पुलिस वाले ने क्यों इसे नहीं देखा। यही नहीं ड्यूटी रूम और एसएचओ के रूम समेत थाने के रिसेप्शन पर भी निगाह रखने के लिए स्क्रीन लगी रहती है। यहां भी किसी ने भी लॉकअप की तरफ नहीं देखा।
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