
(आनंद पवार) दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल जनता को आसानी से बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध होने की जानकारी बताने वाले दिल्ली कोरोना एप और दिल्ली फाइट कोरोना वेबसाइट के डेशबोर्ड को कई अस्पताल अपडेट ही नहीं कर रहे है।
खास बात तो यह है कि दिल्ली सरकार ने अस्पतालों को प्रतिदिन डेशबोर्ड पर जानकारी अपडेट करने के निर्देश दिए है। इसमें अस्पतालों को बेड, वेंटिलेटर के खाली और भरे होने की जानकारी देना है। इस संबंध में मिली शिकायत पर भास्कर ने रविवार दोपहर 3 बजे दिल्ली कोरोना एप पर अस्पतालों के अंतिम अपडेट की जानकारी देखी तो पता चला कि पिछले डेढ़ महीने से अस्पताल जानकारी अपडेट नहीं कर रहे है।
कई अस्पताल दो से तीन दिन में जानकारी अपडेट कर रहे है। इसमें दिल्ली सरकार समेत बड़ी संख्या में ऐसे अस्पतालों भी है जो एक दिन बाद जानकारी अपडेट कर रहे है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की सचिव पद्मनी सिंघला और स्पेशल सेक्रेटरी एमएम अली को कॉल और एमएमएस कर पक्ष जानने का प्रयास किया, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया।
1 अगस्त से ही डेशबोर्ड अपडेट नहीं
दिल्ली कोरोना एप पर कोविड-19 आईसीयू बेड विद वेंटिलेटर के डेशबोर्ड में नजफगढ़ का चयन निजी अस्पताल ने 9 अगस्त से डेशबोर्ड अपडेट नहीं किया है। इसके पहले 1 अगस्त से बसाईदारपुर का ईएसआई अस्पताल ने जानकारी अपडेट नहीं की गई।
जीवन माला अस्पताल रोहतक रोड 9 सितंबर, सरदार वल्लभ भाई पटेल कोविड-19 अस्पताल दिल्ली कैंट 11 सितंबर, विमहंस अस्पताल 18 सितंबर दोपहर 2.13 बजे, श्री अग्रसेन इंटरनेशनल अस्पताल ने 18 सितंबर सुबह 11.22 बजे, ह्यूमन मेडिकल चेरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल 14 सितंबर, सर गंगा राम कोलमेट अस्पताल 14 सितंबर, धर्मशाला नारायणा अस्पताल 15 सितंबर, बेनसप्स अस्पताल द्वारका 18 सितंबर सुबह 8.20 बजे, महाराज अग्रसेन अस्पताल द्वारका ने 18 सितंबर सुबह 11 बजे, दिव्य प्रस्थ अस्पताल 16 सितंबर, धर्मवीर सोनी अस्पताल रोहिणी 18 सितंबर, मेडस्टार अस्पताल पश्चिम विहार 26 अगस्त, जीवन अनमोल अस्पताल मयूर विहार 12 सितंबर, चयन अस्पताल नजफगढ़ 9 अगस्त, वर्ल्ड ब्रेन सेंटर अस्पताल ने 18 सितंबर, पुष्पांजली मेडिकल सेंटर विकास मार्ग 15 सितंबर को अंतिम बार अपना डेशबोर्ड अपडेट किया है।
सरकारी अस्पताल खाली, निजी फुल
कोरोना एप के डेशबोर्ड के अनुसार बड़े निजी अस्पताल के बेड और वेंटिलेटर करीब करीब भर चुके है। इसके उलट सरकारी अस्पताल में बेड से लेकर वेंटिलेटर और आईसीयू बेड बड़ी संख्या में खाली है। हांलाकि सरकार ने हाल ही में 33 बड़े अस्पतालों को कोरोना मरीजों के लिए 33 प्रतिशत आईसीयू बेड रिजर्व रखने के निर्देश दिए थे।
- कोविड-19 बेड 15,655 है। इनमें से 6961 बेड भरे है। वहीं, 8694 बेड खाली है।
- कोविड-19 आईसीयू बेड विद वेंटिलेटर 1264 बेड है। इनमें से 774 बेड भरे हुए है। 490 बेड खाली है।
- कोविड-19 आईसीयू बेड बिना वेंटिलेटर के 1694 बेड है। इनमें से 1199 बेड भरे हुए है। 495 बेड खाली है।
दिल्ली में पिछले 10 दिन में बढ़े 600 कंटेंनमेंट जोन
दिल्ली में कंटेंनमेंट जोन की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले 10 दिन में दिल्ली में 600 नए कंटेंनमेंट जुड़ गए। दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में 10 सितंबर को 1272 एक्टिव जोन थे। वहीं,19 सितंबर की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में 1872 एक्टिव जोन है।
दिल्ली सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिए माइक्रो स्तर पर कंटेंनमेंट जोन बनाने की कार्रवाई की थी, लेकिन अब कंटेंनमेंट जोन की संख्या बढ़ने से इनकी मॉनीटरिंग करने को लेकर दिक्कत हो रही है। इसके लिए अब दोबारा कंटेंनमेंट जोन की रणनीति को लेकर बदलाव करने की कार्रवाई चल रही है।
रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में अब तक 3222 कंटेंनमेंट जोन बन चुके है। इसमें से 1350 डी-कंटेन किए जा चुके है। 21 जून के बाद दिल्ली में 2888 कंटेंनमेंट जोन बने है। दिल्ली के 11 जिलों में सबसे ज्यादा साउथ वेस्ट जिले में 324 कंटेंनमेंट जोन है। वहीं, सबसे कम नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में 65 कंटेंनमेंट जोन है।
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