Tuesday, September 1, 2020

जीएसटी काउंसिल केन्द्र को अपनी ओर से कर्ज लेने को अधिकृत करने पर विचार करें

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राज्यों को उनका जीएसटी बकाया उपलब्ध कराने के लिए कानूनी रूप से व्यवहार्य और टिकाऊ विकल्पों पर विचार करने की अपील की है। जिससे राज्यों को महामारी के दौरान वित्तीय संकट से उबरने में मदद मिल सके।

केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि जीएसटी परिषद को केंद्र को अपनी ओर से कर्ज लेने के लिए अधिकृत करने पर विचार करना चाहिए और 2022 से आगे उपकर संग्रह की अवधि बढ़ानी चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय की तरफ से दिए दो विकल्प जिनमें राज्यों को कर्ज लेने और फर्स्ट पुनर्भुगतान करने के लिए कहा गया है। इससे राज्यों पर भारी बोझ पड़ेगा।

बता दें 27 अस्त को जीएसटी परिषद ने राज्यों को अपनी जीएसटी राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए कर्ज लेने के दो विकल्पों की पेशकश की थी, क्योंकि कार और तंबाकू जैसी वस्तुओं से प्राप्त जीएसटी उपकरण इस वित्तीय वर्ष की भरपाई के ए पर्याप्त नहीं था। केन्द्र ने निर्दिष्ट किया है कि राज्य सरकारें एक विशेष विंडो के माध्यम से या तो भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से कर्ज ले सकती है या बाजार से ऋण उठा सकती है।

जीएसटी सुधार को भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे में भूमि सुधार के रूप में करार देते हुए केजरीवाल ने पत्र में कहा कि जीएसटी संग्रह में कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को जीएसटी मुआवजे का आश्वासन उन स्तंभों में से एक हैं, जिन पर जीएसटी की पूरी इमारत टिकी हुई है। बता दें दिल्ली समेत पांच राज्यों ने जीएसटी काउंसिल के विकल्प को खारिज कर दिया है।



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फाइल फोटो


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