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आर्थिक संकट से जूझ रही पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने इस वर्ष अब तक मात्र 120 करोड रुपए हाउस टैक्स के रूप में वसूले गए हैं। जबकि लक्ष्य 300 करोड़ रुपए का रखा गया था। हैरानी की बात यह है कि निगम के नेता इसे अपनी उपलब्धि बताकर खुद ही पीठ थपथपा रही हैं। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन सत्यपाल सिंह ने बताया कि कोरोना काल में निगम अधिकारियों के प्रयास से लगभग 120 करोड़ में हाउस टैक्स के रूप में जमा हुआ है। जबकि लक्ष्य लगभग 300 करोड़ रुपए का था।
लॉकडाउन के दौरान जहां लोगों के रोजगार जा रहे थे तो ऐसे में निगम द्वारा 120 करोड़ रुपए हाउस टैक्स के रूप में वसूलना एक बड़ी उपलब्धि है। आगे भी हाउस टैक्स जमा करने के लिए हम कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रहे हैं। जिसमें प्रत्येक वार्ड में हाउस टैक्स वसूलने के लिए कैंप लगाए जाएंगे।
सत्यपाल सिंह ने कहा कि बस हाउस टैक्स जमा करने से हम अपने कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दे सकते। हमें और कुछ भी प्रयास करने होंगे। समय से दिल्ली सरकार हमें फंड दे देती तो हम अपने सभी कर्मचारियों को समय से वेतन दे पाते। लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा हमारे फंड को रोक दिया गया है। सत्यपाल सिंह ने कहा कि हाउस टैक्स वसूलने के लिए हम किसी व्यक्ति पर दबाव नहीं बना सकते।
जबरदस्ती नहीं वसूल सकते हाउस टैक्स: लॉकडाउन के दौरान कई लोगों रोजगार विहीन हो चुके हैं। पूर्वी दिल्ली नगर निगम में निम्न मध्यम आय वर्ग के लोग रहते हैं। ऐसे में हम जबरदस्ती हाउस टैक्स नहीं वसूल सकते। निगम द्वारा हाउस टैक्स पर लगने वाले जुर्माने को भी माफ कर दिया गया है और लोग 30 सितंबर तक बिना किसी जुर्माने की अपना हाउस जमा कर सकते हैं। निगम के कर्मचारी भी हाउस टैक्स जमा करने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
आर्थिक तंगी से जूझ रही ईडीएमसी ने दिल्ली सरकार से बकाया धनराशि मांगी
पूर्वी दिल्ली नगर निगम गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। जिसके चलते नागरिक सेवाओं की आपूर्ति में कठिनाइयां आने के साथ सफाई कर्मचारियों को छोड़कर अन्य कर्मचारियों का 3 महीने से वेतन भी लंबित है। इसके चलते मंगलवार को पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर पूर्वी दिल्ली नगर निगम को पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में 2 किश्तों के 1100 करोड़ रुपए की बकाया धनराशि देने का निवेदन किया।
महापौर ने कहा कि दिल्ली सरकार राजनीतिक द्वेष से ऊपर उठकर अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन करते हुए पूर्वी दिल्ली नगर निगम को जल्द से जल्द बकाया धनराशि उपलब्ध कराए। महापौर ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद पूर्वी दिल्ली नगर निगम को बेसिक टैक्स असाइनमेंट के रूप में कोई पैसा नहीं दिया गया जबकि अन्य निगमों को इसके अन्तर्गत किश्तें दी गई हैं।
उन्होंने कहा के इससे लगता है कि दिल्ली सरकार का रवैया पूर्वी दिल्ली नगर निगम के प्रति उपेक्षापूर्ण रहा है। आर्थिक संकट के चलते पूर्वी निगम 3 महीने से उनको वेतन देने में असमर्थ है जोकि बहुत निराशा की बात है।
एमसीडी ने कई तरह का टैक्स बढ़ाकर कारोबारियों का तोड़ रही मनोबल : आप
आम आदमी पार्टी(आप) के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा शासित एमसीडी पर फिर से निशाना साधा है। मंगलवार को पाठक ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी टैक्स में कई तरह से वृद्धि कर व्यापारियों का मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रही है, जो दिल्ली के करीब 20 से 25 हजार व्यापारियों और ट्रेडर्स को प्रभावित करेगा।
साउथ दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने किराए पर ली गई वाणिज्यिक और औद्योगिक भवन पर 100 प्रतिशत टैक्स बढ़ा दिया है, खाली व्यवसायिक भवनों पर टैक्स में 50 प्रतिशत और खाली भूमि पर 66 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है।
बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल, होटल और गेस्ट हाउस पर 25 प्रतिशत टैक्स वृद्धि की है। वहीं एसडीएमसी ने भी स्कूलों पर 200 प्रतिशत से अधिक टैक्स बढ़ाया है। एसडीएमसी ने टेलीकॉम टावरों के लिए 200 प्रतिशत, क्लबों और मनोरंजन टॉवरों के लिए 36 प्रतिशत टैक्स बढ़ाया है।
विवाह व अन्य समारोह के 25 आयोजन स्थलों की ई-नीलामी करेगा डीडीए
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) जल्द ही मेगा ई-नीलामी का दसवां चरण शुरू करने जा रहा है। इसमें दिल्ली के 25 आयोजन स्थलों की ई-नीलामी होगी। इन स्थलों पर विवाह और अन्य समारोहों के दौरान भारत सरकार की तरफ से समय-समय पर जारी कोरोना को लेकर दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।
डीडीए की ओर से दी जानकारी के मुताबिक यह आवंटन लाइसेंस शुल्क के आधार पर किया जाएगा, जो स्वच्छ हरित प्रोटोकॉल और स्वच्छ भारत मिशन के सभी मानकों/प्रावधानों के अनुपालन करने की शर्त के आधार पर होगा। डीडीए विभिन्न स्थलों पर कियोस्कों की ई-नीलामी करने की योजना भी बना रहा है।
इसके अलावा विभिन्न प्रकार के प्लॉट, जिसमें औद्योगिक, सांस्थानिक, व्यवसायिक, आवासीय विस्तारणीय आवासीय योजना के प्लॉट, दुकानों को भी आगामी मेगा ई-नीलामी में शामिल किया जाएगा।
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