
पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी की आज दूसरी पुण्यतिथि है। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोक भवन में उनकी प्रतिमा पर लोकार्पण करेंगे। बता दें कि अटलजी की 95वीं जयंती पर 8 माह पहले लोकभवन में 25 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा लगाई गई थी। अटलजी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था।
भारतीय जनता पार्टी के प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष थे अटल जी
6 अप्रैल 1980 को बंबई में भारतीय जनता पार्टी का जन्म हुआ और अटल जी उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए थे। इस महाधिवेशन में आपका जो भव्य स्वागत किया गया वह ऐतिहासिक था। शोभायात्रा में देश के कोने-कोने से आए पच्चीस हजार से अधिक लोगों ने अपने जननायक को अभूतपूर्व सम्मान प्रदान किया था।
जन्म, बाल्यकाल और शिक्षा
उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद के प्रसिद्ध तीर्थस्थान बटेश्वर में एक धर्मावलंबी कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार रहता था। अटलजी के पितामह प. श्यामलाल बटेश्वर में ही जीवनपर्यंत रहे किंतु अपने पुत्र कृष्ण बिहारी को ग्वालियर में बसने की सलाह दी। ग्वालियर में अटलजी के पिता पं. कृष्ण बिहारी जी अध्यापक बने। अध्यापन के साथ-साथ वे काव्य रचना भी करते थे। उनकी कविताओं में राष्ट्रप्रेम के स्वर भरे रहते थे। वे उन दिनों ग्वालियर के प्रख्यात कवि थे। अपने अध्यापक जीवन में उन्नति करते-करते वे प्रिंसिपल और विद्यालय-निरीक्षक रहे। ग्वालियर राजदरबार में भी उनका मान-सम्मान था अटलजी की माताजी का नाम कृष्णा देवी था। ग्वालियर में शिंदे की छावनी में 25 सितंबर सन् 1925 को ब्रह्ममुहूर्त में अटलजी का जन्म हुआ था। पं. कृष्ण बिहारी के चार पुत्र अवध बिहारी, सदा बिहारी, प्रेम बिहारी, अटलबिहारी तथा तीन पुत्रियाँ विमला, कमला, उर्मिला हुईं। अटलजी के सभी भाई बहनों का निधन हो चुका है।
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