राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को राष्ट्रीय खेल दिवस पर पहलवान नेत्रपाल हुड्डा को कुश्ती के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने पर ‘ध्यानचंद पुरस्कार’ से नवाजा। कोविड-19 के कारण यह पुरस्कार वर्चुअल तरीके से दिया गया।
पहलवान नेत्रपाल हुड्डा को ध्यानचंद पुरस्कार वर्ष 1970 में बैंकाक में आयोजित एशियन गेम्स में कुश्ती के 74 किलो भार वर्ग में फ्री स्टाइल वर्ग में कांस्य पदक, 1974 में न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में फ्री स्टाइल 82 किलो भार वर्ग में रजत पदक, वर्ष 1970 से लेकर 1982 तक लगातार राष्ट्रीय खेल पदक प्राप्त करने तथा वर्ष 1968, 1969, 70, 74, 75 व 76 में नेशनल चैंपियन बनने जैसे कारनामे करने पर दिया गया।
दयालपुर गांव में जन्मे नेत्रपाल हुड्डा 18 वर्ष की आयु में ही सेना में सिपाही के रूप में भर्ती हुए थे। वर्ष 1965 में उनकी पोस्टिंग असम में हुई। ध्यानचंद अवार्ड मिलने पर सरबत दा भला चेरिटेबल ट्रस्ट के सेवादारों ने पहलवान नेत्रपाल हुड्डा का उनके आवास पर पहुंचकर फूलमालाओं ने स्वागत किया।
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