
कानपुर शूटआउट को 45 दिन हो चुके हैं। लेकिन आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। ताजा मामला गैंगस्टर विकास दुबे पर एफआईआर लिखाने वाले राहुल तिवारी व चौबेपुर थानाध्यक्ष रहे विनय तिवारी से जुड़ा है। दोनों की एक बातचीत का ऑडियो सामने आया है। जिसमें विनय तिवारी राहुल को धैर्य बनाए रखने और गैंगस्टर विकास दुबे पर कार्रवाई करने की बात कह रहा है। ऑडियो सामने आने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या सच में विनय तिवारी राहुल की मदद करना चाहता था या जिस तरह से विकास दुबे थाने को चला रहा था उसी की तरीके से सारी पटकथा लिखी जा रही थी?
बता दें कि, दरोगा विनय तिवारी को मुखबिरी करने के आरोप में और दबिश के वक्त मौके से भाग जाने के आरोप में जेल भेज दिया गया था। उन पर केस भी दर्ज है। वहीं, वादी राहुल तिवारी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद सामने आया था। वॉयरल ऑडियो की पुष्टि दैनिक भास्कर नहीं करता है।
ऑडियो में क्या-क्या हुईं बातें-
ऑडियो में तत्कालीन थाना प्रभारी विनय तिवारी से वादी राहुल तिवारी कह रहा है कि, साहब मैं और एसओ साहब गए थे, उसने (विकास दुबे) बहुत मारा पीटा है और बंधक बना लिया था। जिसके बाद विनय तिवारी ने सवाल किया कि राहुल हमारे ऊपर भरोसा है कि नहीं? हमारे ऊपर भरोसा रखो। जल्द ही तुम्हें हमारी कार्रवाई दिखाई देगी। रही खेत वाली बात तो कागज से तुम कमजोर हो। यह बात मैं भी जानता हूं और तुम भी जानते हो। अगर तुम्हें मेरे ऊपर भरोसा है तो बस थोड़ा इंतजार कर लो। उसके बाद हमारी कार्रवाई देख लेना और मैं किस टाइप का आदमी हूं और क्या कार्रवाई करेंगे यह भी देख लेना। हम तुम्हें अभी बता नहीं सकते कि हम क्या कार्रवाई करेंगे। लेकिन जो भी कार्रवाई करेंगे तुम्हें पता जरूर चल जाएगा। अगर भरोसा है हमारे ऊपर थोड़ा सा धीरज रखो बस। मुझे ज्यादा नहीं मात्र 1 हफ्ते का समय दो राहुल तुम देखना है। 1 हफ्ते में इनकी (विकास दुबे) मैं वह दशा बनाऊंगा इसमें समझ में आ जाएगा कि मैं चीज क्या हूं।
एक थानाध्यक्ष के ऊपर बहुत सारी जिम्मेदारियां होती हैं और बहुत कुछ सोचना पड़ता है। इसलिए मैंने उस दिन वहां पर बहुत कुछ निभाया। लेकिन ऐसा थोड़ी ना है कि सारे रास्ते बंद हो गए हैं। हमारे पास एक नहीं 20 रास्ते हैं और यह बात वह भी जानता है अच्छी तरीके से। राहुल अगर भरोसा है मेरे ऊपर तो थोड़ा सा समय दे दो। मैं बिना किसी लालच के तुम्हारे साथ गया था और जो कुछ हो रहा है वह मुझे ना काबिले बर्दाश्त है। तुमसे ज्यादा मेरी स्थिति खराब है और जितनी जल्दी से जल्दी हो सके तो मैं फैसला करूंगा। जो कुछ तुम्हारे साथ हुआ उसका कष्ट तुमसे ज्यादा मुझको है। थोड़ा सा धीरज रखो। कोई भी ऐसा काम मत करना जिससे कि मैं अपने आप को माफ न कर पाऊं। और कुछ करना नहीं अपने बीवी बच्चों के साथ इतना बड़ा अन्याय मत करना कुछ भी हो जाए। मुझसे ज्यादा तुम को परेशानी है। राहुल भरोसा रखो हमारे ऊपर कार्रवाई तुमको दिखाई पड़ेगी।
दो जुलाई की रात को हुआ था बिकरु कांड
2 व 3 जुलाई को पुलिस की एक टीम विकास दुबे के घर दबिश देने गई थी, जिसकी जानकारी भनक विकास दुबे को पहले ही पुलिस के द्वारा लग गई थी। इसके बाद विकास दूबे ने पुलिस वालों पर हमला कर दिया, जिसमें उसके कई साथी मौजूद थे। इस हमले से पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए थे। जिसके बाद पुलिस ने कई राज्यों में सर्च अभियान चलाया।
इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया था। उत्तर प्रदेश आते समय कानपुर के पास पुलिस की गाड़ी पलट गई। इसी बीच भागने के दौरान एनकाउंटर में मारा गया।

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