25 मार्च से बंद पड़े मॉल बुधवार को खुल गए, लेकिन पहले दिन कोई चहल पहल नहीं दिखाई दी। दुकानदारों के चेहरे पर थोड़ी रौनक तो नजर आई लेकिन ग्राहकों के गायब रहने से मायूसी भी दिखाई दी। दुकानदारों का कहना है कि जून का सीजन मॉल के लिए पीक समय होता है। वह बीत चुका है। ऐसे में अब अगस्त में जब त्यौहारों की शुरूआत होने वाली होगी तभी कारोबार शुरू होने की संभावना बनेगी। क्योंकि मॉल में कारोबार सिनेमा घरों पर निर्भर होताहै। ग्राहक यहां मनोरंजन करने, घूमने और खरीदारी करने आते हैं।
चूंकि अभी सिनेमा हाॅल बंद हैं तो ग्राहकों का आना भी मुश्किल है। दुकानदारों का कहना है कि सरकार सुरक्षा उपायों के साथ सिनेमा घरों को भी चलाने की अनुमति दे ताकि कारोबार को रफ्तार मिल सके। बुधवार को दैनिक भास्कर संवाददाता ने शहर के कई शाॅपिंग माल का अवलोकन कर दुकानदारो से उनकी उम्मीदें और समस्याओं के बारे में जाना।
सेक्टर 12 सिल्वर सिटी शाॅपिंग मॉल में आने जाने को दो अलग अलग गेट बनाए गए हैं
सेक्टर 12 सिल्वर सिटी शाॅपिंग मॉल में आने जाने के लिए दो अलग अलग गेट बनाए गए हैं। शॉपिंग मॉल में आने वाले हर व्यक्ति की स्कैनिंग कर अंदर आने दिया जा रहा था। यहां अधिकांश दुकानदार ग्राहकों के इंतजार में बैठे रहे। अधिकांश दुकानें गारमेंटस और मोबाइल शॉप की है। दुकानदार नितिन अग्रवाल, अमित कुमार, सुनील कुमार आदि का कहना था कि खुशी इस बात की है कि माॅल खुल गए। 90 दिन से घर पर बैठकर लोग बोर हो चुके थे। अब चूंकि मॉल खुले हैं तो ग्राहक भी धीरे-धीरे आएंगे। लेकिन इतनी जल्दी कारोबार रफ्तार नहीं पकड़ने वाला है। क्योंकि गर्मी का सीजन खत्म हो चुका है। यही सीजन कारोबार का होता है।
दुकानदारों में रोजी रोटी का संकट
दुकानदारों के सामने रोजी रोटी का संकट भी सताने लगा है। उनका कहना है कि करीब डेढ़ दो साल से कारोबार ढीला चल रहा है। इससे रोजी रोटी चल रही थी लेकिन कमाई नहीं थी। लेकिन काेराेना ने तो सब कुछ खत्म कर दिया। अब तो रोटी का संकट भी पैदा हो गया है। क्याेंकि जब कारोबार नहीं होगा तो दुकान और घर का खर्च कैसे निकलेगा। यह समझ नहीं आ रहा। जिन दुकानदारों के पास दो-चार कर्मचारी काम करते थे उन्हें अभी बुलाने से परहेज कर रहे हैं।
सिनेमा, शनिवार व रविवार को मॉल खोलने पर जोर
एसआरएस माॅल सेक्टर 12 के दुकानदार संजय कटारिया व मनोहर सैनी का कहना है कि शॉपिंग माॅल का कारोबार पूरी तरह से सिनेमा पर निर्भर रहता है। वह भी वीकेंड पर। क्याेंकि वर्किंग वाले लोग शनिवार रविवार को ही बाहर निकलते हैं। अब चूंकि सिनेमा घर अभी बंद हैं तो लोगों का बाहर निकलना भी संभव नहीं होगा। दुकानदारों की मांग है कि सरकार सुरक्षा उपायों के साथ सिनेमा घरों को खोलने की अनुमति दे ताकि मॉल की रौनक लौट सके। साथ ही शनिवार और रविवार को भी मॉल खुले होने चाहिए।
किराए को लेकर सरकार से मदद की गुहार: दुकानदारों ने लॉकडाउन के दौरान तीन महीने से बंद पड़ी दुकानों के किराए को लेकर सरकार से मदद की गुहार लगाई है। दुकानदारों का कहना है कि सरकार को बीच का रास्ता निकालना चाहिए ताकि दुकान मालिक और दुकानदार दोनों को नुकसान कम से कम हो। मॉल में एक दुकान 30 हजार से लेकर लाख रुपए तक किराए की हैं। दुकानदारों ने सरकार से इस पर विचार करने की मांग की है।
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