सरकारी स्कूलों में अध्यापक ड्यूटी की समय अवधि को बदला गया है। शिक्षकों को अब पांच घंटे ही समय स्कूल में बिताना होगा। सोमवार से ये नियम स्कूलों में लागू हो गया है। पहले शिक्षक सुबह 8 बजे से 2.30 बजे तक स्कूलों में ड्यूटी देते थे। लेकिन अब दोपहर एक बजे तक ही स्कूल में रहेंगे। दरअसल, अध्यापकों द्वारा लगभग सभी प्रशासनिक कार्य निपटा लिए गए हैं। इस दौरान स्कूलों में बैठने के सिवाय अध्यापकों का कोई कार्य भी नहीं रह गया। अध्यापकों का कहना है कि बेवजह स्कूल में बैठाने से शिक्षक मानसिक प्रताड़ित हो रहे हैं।
ऐसे में डेढ़ घंटा कम समय करना तो ठीक है लेकिन स्कूल के 100 फीसदी स्टाफ को बुलाकर केवल बिठाए रखने की ड्यूटी करवाना सही नहीं है। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान दुष्यंत ठाकरान ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा के तहत अध्यापकों को मेटीरियल भी तैयार करना होता है। वहीं छात्रों और अभिभावकों से बात भी करनी होती हैं। पूरा काम ऑनलाइन तरीके से ही होता है। पिछले दिनों तीन स्कूलों में पॉजिटिव मामले भी आ चुके हैं। ऐसे में सभी शिक्षकों को रोजाना बुलाना सही नहीं है। विभाग को इस पर भी विचार करना चाहिए।
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