
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए एक महिला को उसके डेढ़ साल से काेमा में पड़े पति का संरक्षक नियुक्त किया है। अभी तक देश में इसके लिए कोई कानून नहीं है और हाईकोर्ट ने अनुच्छेट 226 के तहत अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह फैसला दिया है।
पति सुनील कुमार मित्तल के इलाज के लिए पत्नी उमा मित्तल ने अपने पति के बैंक खातों के संचालन और उनकी संपत्ति बेचने का अधिकार हाईकोर्ट से मांगा था। जस्टिस शशिकांत गुप्ता और एस एस शमशेरी की बेंच ने प्रयागराज की उमा मित्तल व अन्य की याचिका पर कहा है कि उनको अचल संपत्ति बेचने के लिए पहले महानिबंधक से अनुमति लेनी होगी, लेकिन वह मकान खाली कराने या किराये पर उठाने के लिए अधिकृत हैं। साथ ही परिवार हित में खर्च की छूट होगी और उनकाे पति की तरफ से निर्णय लेने और दस्तखत करने का अधिकार होगा।
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