बेटा पापा से बोला कि कि आप कोरोना के संक्रमण से खुद को बचाकर रखना, मेरे लिए यही सबसे महत्वपूर्ण गिफ्ट होगा। यह बात गुरु तेग बहादुर अस्पताल में लैब टेक्नीशियन के तौर पर कार्यरत गुलाब रब्बानी के दस साल के बेटे ने अपने पिता से कही। रब्बानी का कहना है कि रमजान के दौरान उनकी डयूटी कोविड-19 में लगा दी गई। इस कारण वह अपने दो बच्चों का बर्थडे नहीं मना सके। उनकी एक बेटी का बर्थडे 22 मई को बेटे का 27 मई को बर्थडे होता है। बर्थडे के दिन जब वीडियो कॉल कर बेटा को जन्मदिन की बधाई दी तो वह कुछ नहीं बोले, केवल बातें सुनते रहे।
आखिर में उन्होंने कहा कि पापा आप खुद का ख्याल रखना। कोरोना के संक्रमण से खुद को बचाकर रखना मेरे लिए यही आपकी तरफ से सबसे बडा गिफ्ट होगा। रब्बानी ने बताया कि कोविड डयूटी के समय उन्हें होटल में रखा जाता है। हम लोग घर नहीं जा सकते है। घर जाने में परिवार में कोरोना संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में कोविड ड्यूटी के लोगों को परिवार से अलग रखा जाता है।
पैरामेडिक व नर्सिंग स्टाफ को नहीं मिल रही मेडिकल कार्ड व लीव
दिल्ली सरकार के अस्पतालों में काम कर रहे संविदा पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टॉफ को मेडिकल कार्ड व लीव नहीं मिल रही है। इस कारण स्वास्थ्यकर्मी इंफेक्टिड होने पर उसकी सेलरी काट दी जाती है और किसी प्राइवेट अस्पताल में इलाज भी ठीक प्रकार से नहीं हो रहा है। दिल्ली स्टेट कॉन्टैक्ट एंप्लाइज एसोसिएशन के महासचिव गुलाब रब्बानी का कहना है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में संविदा पर करीब 2000 से अधिक पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टॉफ इस कोरोना महामारी में मरीजों की सेवा पूरी तन्मयता से काम कर रहा है।
लेकिन जब उनके ये कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो जाते है तो उनकी सेलरी काटी जा रही है और ना ही प्राइवेट अस्पतालों में अच्छा इलाज मिल पा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इन दो हजार स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य कर्मियों की तरह मेडिकल कार्ड व लीव दी जाए। जिससे ये स्वास्थ्य कर्मियों खुद को और अपने परिवार को भी कोरोना संक्रमण होने से बचा सके।
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