(शेखर घोष)दिल्ली में 2017 राशन की दुकानों पर 71 लाख लोगों को 29 अप्रैल को राशन बांटा जाना था। लेकिन ‘सीएम किट’ और पूरा राशन नहीं पंहुचने से इसे सारी दुकानों पर नहीं बांटा जा सका। जबकि दिल्ली के सभी विधायकों ने 27 अप्रैल को ही अपने-अपने क्षेत्र में मैसेज भेज दिया कि मई महीने का राशन 29 अप्रैल को सुबह 9 बजे से मिलना शुरू हो जाएगा। मैसेज में यह भी था कि इस बार राशन दोगुना मिलेगा। साथ ही हर कार्ड पर एक ‘सीएम किट’ भी मिलेगी।
इस संदेश के कारण बुधवार को ही दिल्ली के सभी 70 सर्कलों में राशन लेने के लिए भीड़ लग गई। कई जगह लड़ाई-झगड़े की नौबत आई। मुख्यमंत्री के घोषणा और विधायकों के मैसेज के बाद भी दिल्ली में 29 और 30 अप्रैल यानी दो दिन में केवल 500 दुकानों पर ही राशन बांटा गया। वहां ‘सीएम किट’ भी बांटी गई। नियमानुसार राशन बुधवार को ही सभी दुकानों पर मिलना शुरू हो जाना था। जहां राशन अभी तक नहीं बंटा वहां के दुकानदारों ने भास्कर को बताया कि उनके पास ‘सीएम किट’ ही नहीं पंहुची। ‘सीएम किट’ के बिना सामान्य राशन भी भी नहीं बांट सकते।
खाद्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा ही नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया जा रहा है इसे जयपुर की एक कंपनी से खरीदा गया है। कई दुकानदारों ने बताया कि उन्हें एफसीआई (फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) के गोदाम से पूरा राशन भी नहीं मिला है।
इस पर भास्कर ने दक्षिण दिल्ली की एक ट्रासंपोर्ट एंजेसी के मालिक कैलाश चंद्र अग्रवाल से बात की। उन्होंने बताया कि दुकानों तक राशन पंहुचाने के लिए 17 ट्रक सुबह 9:30 से ओखला स्थित एफसीआई के गोदाम के सामने खड़े हैं। ढाई बजे तक एफसीआई के कर्मचारियों ने ट्रकों को गोदाम के अंदर ही प्रवेश नहीं करने दिया। इस बारे में सरकार का पक्ष जानने के लिए खाद्य मंत्री इमरान हुसैन को फोन, एसएमएस और वाट्सएप किया गया पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
ट्रक चालकों का आरोप: एफसीआई के गोदाम में अनाज लोड करने के लिए कर्मचारी मांगते हैं रिश्वत
ट्रासंपोर्ट एंजेसी के मालिक के आरोप पर भास्कर संवाददाता ओखला गोदाम पहुंचा। वहां गेट के बाहर खाली ट्रक, ड्राइवर और मजदूर खड़े थे। ट्रक चालक चंदन, चालक संजीव, चालक रामबचन ने आरोप लगाया कि एफसीआई के कर्मचारी ट्रकों पर आनाज लोड करने के लिए रिश्वत मांगते हैं। उन्होंने ऑन कैमरा बताया कि वे सुबह से खड़े हैं लेकिन उन्हें एंट्री नहीं दी गई, जबकि बाद में आए कई ट्रक वालों को एफसीआई के गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने एंट्री दी और वे अनाज लेकर चले गए। वहां खड़े मजदूरों के ठेकेदारों जावेद, इमरान, वसीम, मदनलाल रोशन राम ने बताया कि 11 बजे तक कांटे पर कर्मचारी नहीं होते। जबकि इन्हें लॉकडाउन में 9रू30 ही आनाज लोड कर देना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें साबुन, सेनिटाइजर, मास्क भी नहीं दिए जाते।
एफसीआई बोला- आरोप गलत, ट्रक चालक अन्य कारण से गोदाम के अंदर नहीं आए होंगे
एफसीआई में डिप्टी जनरल मैनेजर और इंचार्ज (ओखला) बलंवत सिंह ने बताया कि ट्रक ड्राइवरों के आरोप गलत हैं कि अनाज भरने के लिए कर्मचारी पैसे मांगते हैं। जो ट्रक जिस क्रम से आता है उसे उसी आधार पर अनाज लोड करने के लिए एंट्री दी जाती है। किसी को दिक्कत नहीं हो इसलिए हमने गेट के कर्मचारी का लंच टाइम 1.50-2.00 बजे रखा है। अंदर कांटे के कर्मचारी का लंच टाइम 2.00 -2.30 बजे है ताकि जो ट्रक अंदर जाए उसमें अनाज लोड कर बाहर भेज दे। हम प्राइवेट ट्रक लोड-अनलोड करने वाले कर्मचारियों को भी मास्क, साबुन भी उपलब्ध करवाए हैं। जबकि यह समान ठेकेदार को उपलब्ध कराने चाहिए। जो चालक 2:30 बजे तक अंदर नहीं आ सके वे अन्य कारण से नहीं आए होंगे।
डीएसआरडीएस ने खाद्य विभाग पर फोड़ा ठीकरा
यह खाद्य विभाग की कुव्यवस्था है। 1517 राशन की दुकानों पर ‘सीएम किट’ अभी तक नहीं पंहुची है। 40 प्रतिशत से अधिक दुकानों पर पूरा राशन भी नहीं आया है। 60 से अधिक विधायकों ने 27 अप्रैल को ही वॉटसएप मैसेज कर सीएम किट और राशन आने की सूचना दे दी थी। इससे दुकानों पर भीड़ लग गई और कई जगह पुलिस की भी मदद लेनी पड़ी। सभी दुकानों पर राशन बंटने में अभी दो दिन का वक्त और लग सकता है।
-शिव कुमार गर्ग, अध्यक्ष, डीएसआरडीएस, दिल्ली
‘एफसीआई में भ्रष्टाचार के हम भी शिकार’
दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन सभी 70 सर्कलों में एफसीआई के गोदामों से राशन पंहुचाने के लिए टेंडर जारी करती है। एफसीआई में काफी भ्रष्टाचार है। इसका शिकार मैं ओखला एफसीआई केंद्र पर हो रहा हूं। मेरे ट्रक ड्राइवरों के अनुसार बड़ी ट्रकों का 1500 और छोटी ट्रकों में माल भरने के लिए 500 रुपए एफसीआई के कर्मचारी रिश्वत मांगते हैं।
- कैलाश अग्रवाल, दिल्ली स्टेट ट्रांसपोर्ट कंपनी, ओखला
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