कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉक डाउन को एक महीने हो चुके हैं। इस एक महीने के दौरान गुड़गांव के उद्योग जगत को 10 हजार करोड़ रुपए का उत्पादन हानि हो चुकी है। लॉकडाउन से पहले जिले में जहां 12500 कंपनियों में काम तेज गति से काम चल रहा था, वहीं एक महीने से सभी कंपनियों में ताले लगे हुए हैं। जिले में लगभग 4 लाख कर्मी घरों में बैठे हुए हैं, जबकि डेढ़ से दो लाख लोग कंपनियों की आवश्यकता अनुसार घरों से काम कर रहे हैं। पूरे प्रदेश को 60 फीसदी राजस्व देने वाली गुड़गांव की इंडस्ट्री पहले से ही मंदी झेल रही थी। मगर, बीते 23 मार्च से चल रहे लॉक डाउन में गुड़गांव की लगभग 12500 मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री बंद पड़ी हैं, इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के अनुमान के अ नुसार यहां अब तक 6 हजार हजार करोड़ रुपए के टर्नओवर की हानि हो चुकी है। यह लॉकडाउन और बढ़ा तो इंडस्ट्री पूरी तरह से बैठ जाएगी। लॉकडाउन समय पर खुलने के बाद भी इंडस्ट्री को अपने उत्पादन को पटरी पर लाने में एक साल लग जाएंगे।
कोरोना संक्रमण सेे हमारे सामने अस्तित्व बचाने का संकट है
एनसीआर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री गुड़गांव के अध्यक्ष एचपी यादव ने केंद्र और राज्य सरकार से इस मामले में तत्काल कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा की एमएसएमई कंपनी पहले से ही दुनिया में व्याप्त मंदी और नोटबंदी के साथ-साथ जीएसटी के लागू होने के कारण बहुत अधिक नुकसान भुगत चुकी है। अब कोरोना वायरस संक्रमण ने हमारे सामने अस्तित्व बचाने का संकट पैदा कर दिया है। दुनिया के सभी बड़े और विकसित देश के साथ-साथ विकासशील देशों की भी स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है जहां कोरोना संक्रमण ने व्यवसाय और उद्योग जगत की कमर तोड़ दी है।
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