
गोरखपुर. उत्तर प्रदेश में 12 शहरों में अबतक कोरोना वायरस से 42 संक्रमित व्यक्ति मिले हैं। संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए समूचा भारत लॉकडाउन है। ऐसे में यदि कोई नया पॉजिटिव केस सामने आए तो उसे कोरंटाइन सेंटर तक कैसे पहुंचाया जाएगा? इसके लिए पुलिस अब मॉकड्रिल कर रही है। गोरखपुर में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण का कोई केस नहीं आया है। लेकिन यहां पुलिस सतर्क है।
गोरखपुर के गोलघर चेतना तिराहे पर पुलिस ने मॉकड्रिल की। पुलिस फोर्स और पूरी तरह से कवर युवक हाथ में ग्लव्स और चेहरे पर मास्क पहने नजर आए। इसी बीच एक कार वहां से गुजरी। कार को पुलिस के आलाधिकारी हाथ में लिए लाउडस्पीकर के माध्यम से रुकने के लिए कहा। कार पुलिस वालों के पास आकर रुकती है। उसमें से सफेद शर्ट पहने एक युवक बाहर निकलता है। उसके बाद उसका थर्मल चेकअप किया जाता है। थर्मल जांच में संदिग्ध पाए जाने पर उसे उसी कार में बैठकर मेडिकल कालेज की ओर स्कॉट के पीछे चलने के लिए निर्देश प्रसारित किए जाते हैं।
इसके बाद युवक कार में सवार हो जाता है और पूरी कार को सैनेटाइज कर दिया जाता है। इसके बाद उसे मेडिकल कालेज के लिए रवाना कर दिया जाता है। एसपी सिटी डा. कौस्तुभ ने बताया कि किसी भी कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित संदिग्ध को कोरेंटाइन में भेजने के लिए मॉक-ड्रिल किया गया है। इसमें सभी सेफ्टी उपाय करते हुए मॉस्क और ग्लब्स ऑफर करते हुए उन्हें प्रोटेक्ट करते हैं।
एसपी सिटी ने बताया कि ड्रोन और नॉन कांटैक्ट थर्मामीटर के साथ उनकी निगरानी करते हैं। इसके बाद उन्हें उनके वाहन में ही मेडिकल कालेज पहुंचाया गया। एसपी सिटी ने बताया कि इस दौरान किसी भी सूरत में प्रशिक्षित एंबुलेंस की जरूरत पड़ने पर उन्हें भी बुलाया जाता है। उन्होंने बताया कि लाइन में ऐसी चार टीम तैयार की गई है। हर थाने पर एक टीम को प्रशिक्षित किया गया है। इसके साथ ही फायर टीम और रेडियो शाखा को भी हमनें इसे प्रशिक्षित किया गया है।
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