अलीगढ़. नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अलीगढ़ के पुरानी चुंगी गेट के बाहर 68 दिनों से चल रहा महिलाओं का धरना बीते शनिवार को खत्म हो गया। उसके बाद से पुलिस उन इलाकों का दौरा कर रही है, जहां से आकर महिलाएं धरने में शामिल हो रही थीं। इस दौरान एक ऐसी सच्चाई सामने आई, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावों को बल मिला है। योगी ने कहा था- पुरुष खुद घर में रजाई में बैठ जाते हैं, जबकि अपने घरों की महिलाओं को धरने में भेजते हैं। महिलाओं ने कहा- उनके पति खाने-पीने की लालच देकर धरने में भेजते थे। पुलिस वालों ने उन्हें दोबारा धरने में न जाने की हिदायत दी है।
दरअसल, जिला प्रशासन को जानकारी मिली कि सिविल लाइंस व क्वार्सी थाना क्षेत्र में कुछ लोग महिलाओं और पुरुषों को अनूप शहर चुंगी पर धरने पर जाने के लिए उकसा रहे हैं। इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने नई पहल शुरू की। सोमवार को अपर सिटी मजिस्ट्रेट रंजीत सिंह व सीओ अनिल समानिया के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन की टीम ने मोहल्लों में जाकर महिलाओं पुरुषों को धरना प्रदर्शन में न जाने की बात कही।
फिरदौस नगर में पुलिस ने एक घर दरवाजा खुलवाया तो एक बुजुर्ग बाहर आया। पुलिस ने उससे पूछा कि, आपकी पत्नी रोजाना धरने में जाती है। बुजुर्ग ने कहा- इतना साहब समझाया, पर क्या करें। इसी बीच घर के भीतर से बाहर भागती हुई 65 वर्षीय सरवरी आई। उसने पुलिस को बताया कि, उसके पति ही उसे लालच देकर धरने में भेजते थे। कहते थे कि, शाहजमाल में धरना चल रहा है, वहां जाओ। महिला ने कहा- वह झूठ नहीं बोल रही है।
अलीगढ़ के अपर सिटी मजिस्ट्रेट रंजीत सिंह ने बताया कि चुंगी गेट पर जो लोग धरने में जाते थे, उसमें कई महिलाओं के बारे में जानकारी मिली थी। यह पता चला कि नगरा पटवारी और आसपास के इलाकों में कुछ लोग इनको प्रेरित करते हैं कि आप जाकर धरने पर बैठिए। सभी लोगों को समझाया गया कि इस तरह के काम न करें। अनावश्यक रूप से शांति भंग न करें। 1- 2 महिलाओं की पहचान की गई है। हम उनसे भी पूछेंगे। बाकी और जो भी लोग इसमें अनावश्यक रूप से प्रभावित कर रहे हैं। उनको नोटिस भी दिया जाएगा।
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