लंदन. दुनिया में तेजी से फैल रही महामारी के कारण लोगों में सोशल डिस्टेंस बढ़ रहा है। लोग एक दूसरे के पास जाने के बच रहे हैं। हाथ मिलाना और पब्लिकली गले मिलना अभी लगभग बंद ही है। लोगों के इस बदलते व्यवहार को लेकर वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आने वाले कुछ सालों के बाद मानव समाज से हाथ मिलाना और गले मिलने जैसी सामाजिक परंपराएं विलुप्त हो जाएंगी।
डेलिगेशन, बिजनेस मीटिंग और कॉन्फ्रेंस में लंबे समय तक हाथ मिलाते रहने वाले राजनीतिज्ञ और कारोबारी इसकी जगह दूसरे विकल्प तलाशेंगे। शरीर पर मौजूद वायरस को मारने और कपड़ों के साथ-साथ आसपास की चीजों की सतहों को साफ करने पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। इससे सैनिटाइज जैसे पदार्थों की बिक्री बढ़ेगी और वे महंगे भी होंगे।
6 महीने बाद ही हम इसे आदत बना लेंगे
नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में सामाजिक विज्ञान के प्रोफेसर रॉबर्ट डिंगवाल के मुताबिक, ‘‘यूके में 6 महीने या उससे ज्यादा समय के लिए सोशल डिस्टेंस को बनाए रखा जा सकता है। इसके बाद ये आदतें हमारी दिनचर्या में शामिल हो जाएंगी। फिर हमारा ध्यान लंबे समय तक हाथ मिलाने से ज्यादा देर तक हाथ धोने में रहेगा।’’
6 तक भी ठीक डेढ़ साल चला तो व्यवहार बदलेगा
पूर्व अमेरिकन सोशलॉजिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जो फ्येगिन ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि सोशल डिस्टेंसिंग लंबे समय तक बनी रहेगी, हालांकि यह #मी टू जैसे अभियान के कारण पहले ही बढ़ गई थी। हम अपने परिचितों से शायद ही 6 फीट की दूरी पर हमेशा रह पाएं, लेकिन हम उनसे उतनी बार गले नहीं मिल पाएंगे जितना 5 साल पहले मिलते थे। यदि लॉकडाउन 6 महीने से कम समय के लिए रहता है तो हम स्वच्छता को बढ़ा सकेंगे। यह किसी तरह बुरा नहीं होगा। लेकिन यदि यह डेढ़ साल के आसपास रहा तो हमारे व्यवहार में बदलाव आने की संभावना ज्यादा है।’’
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Jtp7Z7
0 comments: