गोरखपुर. तीन साल पहले अगस्त माह में बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में हुई बच्चों की मौत के मामले में निलंबित चल रहे पूर्व प्राचार्य डॉक्टर राजीव मिश्रा व पूर्व विभागाध्यक्ष एनेस्थीसिया डॉक्टर सतीश कुमार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के आदेश पर बहाल कर दिया गया है। इनके अलावा डॉक्टर पूर्णिमा शुक्ला को भी बहाल किया गया है, लेकिन वे रिटायर हो चुकी हैं। प्राचार्य डॉक्टर गणेश ने डॉक्टर राजीव को पैथोलॉजी व डॉक्टर सतीश को एनेस्थीसिया विभाग में ज्वॉइन कराया।
दो दिन के भीतर 50 से अधिक बच्चों की हुई थी मौत
10 व 11 अगस्त 2017के बीच ऑक्सीजन की अनुपलब्धता के चलते बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 50 से अधिक बच्चों की मौत हुई थी। शासन ने 12 अगस्त 2017 को प्राचार्य रहे डॉक्टर राजीव मिश्रा व डॉक्टर सतीश कुमार को निलंबित कर दिया था। प्राचार्य डॉक्टर गणेश कुमार ने बताया कि, दोनों डॉक्टर अपने विभाग में काम करते रहेंगे और उनके खिलाफ विभागीय जांच जारी रहेगी। डॉक्टर पूर्णिमा मिश्रा का पेंशन और सभी फंड उनके खाते में ट्रांसफर हो गए हैं।
लखनऊ में दर्ज हुई थी रिपोर्ट
पूर्व प्राचार्य डॉक्टर राजीव मिश्रा, उनकी पत्नी डॉक्टर पूर्णिमा शुक्ला, इंसेफ्लाइटिस वार्ड के प्रभारी रहे डॉक्टर कफील खान, एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष रहे डॉक्टर सतीश, चीफ फार्मासिस्ट गजानंद जायसवाल, लेखा विभाग के सहायक लिपिक संजय त्रिपाठी, कनिष्ठ लिपिक सुधीर कुमार व उदय शर्मा और मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म पुष्पा सेल्स के संचालक मनीष भंडारी के विरुद्ध 23 अगस्त 2017 को लखनऊ के हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। बाद में मुकदमे की विवेचना के लिए फाइल गोरखपुर के गुलरिहा थाने में भेजी गई थी। इस मामले की जांच मुख्य सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय टीम ने की थी।
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