
नई दिल्ली.चांदबाग इलाके में हुई हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने सड़क पर जमकर बवाल काटा था, जिसमें शाहदरा डीसीपी अमित शर्मा और गोकुलपुरी सब डिजीवन के एसीपी अनुज कुमार फंस गए थे। पुलिस के ऊपर न केवल पथराव किया गया था बल्कि उन पर चारों तरफ से हमला भी किया। दरअसल, चांदबाग में लोग सड़क पर नागरिकता कानून के विरोध सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे थे। डीसीपी अमित शर्मा और एसीपी अनुज कुमार उन्हें समझाने के लिए वहां गए थे। कम संख्या में पुलिस बल को देख अचानक से प्रदर्शनकारियों के बीच से लोगों ने पुलिस पर पथराव करना एकदम से शुरू कर दिया। भारी संख्या में उग्र भीड़ में महिलाएं भी शामिल थीं। इसी भीड़ का शिकार हेड कांस्टेबल रतनलाल बने थे, जो पुलिस अफसरों को बचाने की वजह से लोगों के बीच फंस गए।
इसी दौरान हुई पत्थरबाजी और फायरिंग में रतनलाल की मौत हुई थी। किसी तरह डीसीपी और एसीपी को स्टाफ के अन्य जवानों ने बचाकर वहां से निकाला था। दूसरी वीडियो में डीसीपी अमित शर्मा को पुलिस बचाकर यमुना विहार की ओर सर्विस रोड पर ले जाते हुए नजर आई है। वहां भी पुलिस वालों को देख भीड़ ने पथराव करना शुरु कर दिया था। दोनों ही वीडियो 24 फरवरी को हुई दंगा की घटना के दौरान के हैं। वीडियो में बेकाबू हुई भीड़ को देख पुलिसकर्मियों ने ग्रिल फांदकर अपने को बचाया था।
पुलिस के लिए हत्या के केस सुलझाना टेढ़ी खीर
हत्याओं के मामले की जांच कर रही पुलिस के पसीने छूट रहे हैं। अभी तक केवल एक ही मुकदमा ऐसा है, जिसमें पुलिस के सामने आरोपी का चेहरा बतौर पार्षद ताहिर हुसैन नजर आया है। बाकी चालीस से ज्यादा हत्याओं के मामले में पुलिस को अभी तक न तो कातिल के बारे में ही कोई जानकारी मिल पाई है और ना ही कोई चश्मदीद। अभी तक पांच सौ लोगों से ज्यादा के बयान हो चुके हैं, लेकिन पुलिस के सामने जांच में केवल यही बात सामने आई है कि हत्यारा भीड़ में शामिल था। वह कौन था इस बारे में लोग पुलिस को बता नहीं पा रहे हैं। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी लोगों को दिखायी जा रही है।
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