
सिद्धार्थनगर. कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए पड़ोसी देश नेपाल से आने वालों की थर्मल स्कैनिंग के आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए थे। लेकिन सिद्धार्थनगर जिले में स्थित अलीगढ़वा बॉर्डर पर तैयारियां नाकाफी हैं। यहां पुलिस के बैरीकेडर पर कोरोनावायरस से बचाव संबंधी जागरुकता का बैनर टांग दिया तो गया है, लेकिन स्कैनिंग में हीलाहवाली बरती जा रही है। नेपाल से लोग बेरोकटोक भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहे हैं।
यह मुद्दा दैनिक भास्कर ऐप प्लस ने जिलाधिकारी दीपक मीणा व सीएमओ के समक्ष उठाया। सीएम ने मामले की जांच कराई तो बॉर्डर पर तैनात स्वास्थ्य टीम गायब मिली। डीएम ने पुलिस अधीक्षक विजय ढुल के साथ बॉर्डर का दौरा किया। डीएम ने कहा- कुछ जगहों से शिकायतें मिली थीं। सीएमओ की जांच में भी लापरवाही उजागर हुई है। उन लोगों पर कार्रवाई की जा रही है। सोमवार को डीएम व एसपी ने नेपाल के अधिकारियों के साथ बैठक कर कोरोनावायरस से निपटने की रणनीति बनाई है।
उत्तर प्रदेश के सात शहर, बहराइच, लखीमपुर, श्रावस्ती, बलरामपुर, महाराजगंज, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी की सीमाएं नेपाल से जुड़ी हुई है। सिद्धार्थनगर में 68 किमी. की खुली सीमा है। सीमा पर कोरोनावायरस की थर्मल स्कैनिंग के लिए हेल्प डेस्क बनाया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि, अक्सर स्वास्थ्य विभाग की टीम नदारद रहती है। हालांकि, रेडक्रॉस सोसायटी के लोग अपने कैंप में मौजूद रहते हैं।
जिलाधिकारी के निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर आ गया है। अब अलीगढ़वा, हरिवंशपुर खुनुआ में स्वास्थ्य विभाग की टीम आने जाने वालों की थर्मल स्कैनिंग कर रही है। लेकिन सवाल उठता है कि, अधिकारी के निरीक्षण के समय सभी व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गईं, लेकिन अन्य समय पर नदारद रहना प्रदेशवासियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसको लेकर बॉर्डर पर रहने वालों में भय है।
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