Saturday, March 14, 2020

'सरफरोश' के डायरेक्टर जॉन मैथ्यू मथान ने कहा,सेट पर जो ज्यादा ज्ञान देता है, आमिर उसके साथ चेस खेलने लग जाते हैं'

अमित कर्ण. आमिर खान आज अपना जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। इस मौके पर उनके साथ काम कर चुके डायरेक्टर जॉन मैथ्यू मथान ने उनसे जुड़ी बातें साझा कीं।मैंने जब आमिर के साथ फिल्म 'सरफरोश' पर काम किया उस वक्त वे एक ऐड फिल्म कर रहे थे। मैं उनको राजकमल स्टूडियो में मिला। वह शूट कर रहे थे। मैंने उनसे कहा कि एक स्क्रिप्ट लिखी है, जो मैं आप को सुनाना चाहता हूं तो उन्होंने दस दिन के अंदर टाइम दिया। मैं गया सनी सुपर साउंड जहां उनकी फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक स्कोर का काम चल रहा था। वह उनके पिताजी की फिल्म थी। उसमें उनके साथ जूही चावला थीं और डायरेक्शन महेश भट्ट कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि कहानी सुनाने के लिए आपके पास सिर्फ आधा घंटा है, उसमें सुनाओ। मैं वहां हार्ड बाउंड स्क्रिप्ट लेकर गया था तो मैंने कहा कि आधे घंटे में नहीं सुना सकता, कम से कम तीन घंटे चाहिए। उन्होंने उस पर भी हामी भरी। एक हफ्तेबाद उन्होंने मुझे अपने घर बुलाया। दरवाजा बंद करके वाइफ को कहा कि फोन वगैरा अटेंड मत करना क्योंकि मैं स्क्रिप्ट सुनना चाहता हूं। मैंने तब उन्हें पूरे तीन घंटे तक पूरी फिल्म सुनी और जैसे ही नरेशन खत्म हुई उन्होंने कहा मैं तेरी फिल्म कर रहा हूं। आज तक मेरे दोस्त नहीं मानते कि एक ही सिटिंग में आमिर ने मुझे हां कैसे कहा? हालांकि, फिल्म को फ्लोर पर जाने में चार साल लग गए क्योंकि बीच में उनकी फिल्मों की कमिटमेंट थी। उस वक्त वह दो-तीन फिल्में कर रहे थे जिनको बनने में काफी वक्त लगा। इस बीच जब-जब आमिर मुझे मिले वो कहते रहे कि बस हम चार महीने बाद फिल्म बनाने वाले हैं।

आमिर डायरेक्टर की बात पूरी तरह से मानते हैं। उन्होंने मेरी हर बात मानी। हम फिल्म के एक सीन की शूटिंग कर रहे थे जहां वे नसीरुद्दीन शाह की हवेली से बाहर निकलते हैं। इस दौरान आमिर ने अपने ड्रेस मैन से काला चश्मा ले लिया और मुझसे पूछा कि जॉन क्या मैं इस चश्मे को पहन लूं? मैंने जुबान से हां बोला पर सिर ना में हिला दिया। इस पर आमिर में वह चश्मा वापस ड्रेस मैन को दे दिया। इसके पीछे तर्क सिर्फ इतना था कि मेरा हीरो ऑलरेडी हीरो है उसे किसी तरह की सजावट की जरूरत नहीं है। पूरी फिल्म के दौरान आमिर मेरे साथ बहुत सपोर्टिव रहे। मेकिंग के दौरान जो भी मुझे तंग करता तो खुद आमिर उसके पास जाकर उसे समझाते बुझाते और फिर फिल्म की शूटिंग आराम से होती रही।

सेट पर अगर कोई ज्यादा ज्ञान देता तो आमिर उसके साथ बैठकर चेस खेलने लग जाते थे। बाकी आमिर को सवाल पूछने की आदत है। मुझसे भी उन्होंने काफी सवाल किए। जैसे यह सीन क्यों? डायलॉग ऐसा क्यों? वगैराह-वगैराह। कुल मिलाकर उनके साथ काम करने का बड़ा ही सुखद अनुभव रहा। हमने 112 दिन में फिल्म की शूटिंग पूरी की। उसके बाद ऐसी कोई स्क्रिप्ट मेरे पास नहीं आई जो आमिर के लायक हो इसलिए हम लोगों ने उसके बाद कभी साथ में काम भी नहीं किया। मैं अक्सर उनसे मिलता रहता हूं। उनके जन्मदिन पर यही कहना चाहूंगा कि ऐसे ही खुश रहें। जीवन में अगर आप खुश हैं तो ही सब कुछ कर सकते हैं।



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Aamir Khan birthday special,'Sarfarosh' director John Mathew Mathan reveals interesting fact


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