नई दिल्ली (तोषी शर्मा).पूरी दुनिया खतरनाक कोरोनावायरस से जूझ रही है। इससे निपटने के लिए धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमितों को बचाने में जुटे हैं। ऐसे ही आज हम आपको दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटे सीनियर रेजिडेंट डॉ. प्रकाश ठाकुर और उनकी टीम के अनुभव बता रहे हैं। कि किस तरह से डॉ. ठाकुर और उनकी टीम 24-24 घंटे काम कर रही है। उनके कई साथियों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण नोएडा और गुड़गांव से अस्पताल आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सफदरगंज अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट और आरडीए के प्रेजिडेंट डॉक्टर प्रकाश ठाकुर ने बताया कि वे डॉ.कृष्ण कुमार, डॉ.प्रमोद, डॉ. पलक और टीम के साथ जब से दिल्ली में कोरोना के मरीज दिल्ली में आए हैं। उसके बाद से वे लगातार 24-24 घंटे की शिफ्ट में रोटेशन पर काम में जुटे हैं। डॉ. ठाकुर ने बताया कि उनकी पत्नी भी डॉक्टर है। ऐसे में वे दोनों यहां रहते हैं। इसलिए उन्हें ये घर पर बताने में परेशानी नहीं हुई कि वे कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। लेकिन जो उनकी टीम के बाकी कुछ सदस्य है वे परिवार के साथ रहते हैं ऐसे जो घर पर ये बात बताने में घबराते हैं। इसलिए वे घर पर बिना इस बारे में बताए लगातार काम में जुटे हैं।
डॉ. ठाकुर ने बताया कि उनकी टीम के साथी शुरू-शुरू में जब अस्पताल से घर जाते थे तो घर वाले डरते थे। चीन में कई डॉक्टरों के संक्रमित होने की खबरें आईं तो वे और डरने लगे। फिर उन्होंने समझाया कि घबराएं नहीं हम खुद एहतियात रखते हैं। डॉ. ठाकुर ने बताया कि उपचार के दौरान अधिकतर मरीज ऐसे थे जो लक्षणों के आधार पर दी गई दवाओं से ही ठीक होने लगते थे। वर्तमान में करीब 30 मरीजों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस खतरनाक वायरस से बचने का सबसे अच्छा उपाय सोशल डिस्टेसिंग ही है।डॉ प्रकाश ठाकुर ने कहा- सरकार कोरोना के इलाज में लगे डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ के लिए ऑपरेशन थियेटर वाला कॉन्सेप्ट लागू करना चाहिए
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