नई दिल्ली.नेहरू नगर से पार्षद ताहिर हुसैन खुद को बेकसूर होने का दावा कर रहा है। उसने खुद को साजिश के तहत फंसाने की बात कही है। क्राइम ब्रांच अधिकारियों के सामने उसने कहा 24 फरवरी की रात लगभग 11 बजे पुलिस के अफसरों ने ही उसे भीड़ के बीच से बचाया था। पुलिस ने ताहिर को बचाने के बाद उनके परिवार वालों को सौंप दिया था। अंकित शर्मा के लापता होने का वाक्या 25 फरवरी की शाम पांच बजे का है। आईबी कर्मी की हत्या के मामले में आरोपी ने कहा मेरा नाम ताहिर हुसैन है और मैं राजनीतिक दल आप से जुड़ा हुआ था। इसलिए साजिश के तहत उसे मोहरा बनाया गया। दूसरी तरफ अंकित शर्मा के पिता ने पुलिस को दर्ज कराए गए मुकदमे में बेटे की मौत के लिए उसे ही जिम्मेदार ठहराया है।
बहरहाल, रात ग्यारह बजे से शाम पांच बजे के बीच अठारह घंटे की पुलिस जांच ही तय करेगी कि हत्या की इस वारदात में पार्षद का कितना रोल है। पुलिस अब इतने ही घंटों के एक-एक पल का हिसाब पार्षद से जानेगी कि वह इतने समय कहां था। अगर पार्षद ताहिर हुसैन इस दरम्यान खुद को घटनास्थल से दूर होने का कोई सबूत पेश कर पाया तो पुलिस के लिए उसे कम से कम हत्या मामले में दोषी साबित करना इतना आसान नहीं होगा। ताहिर हुसैन का दावा है वह 24 फरवरी के बाद बिल्डिंग में नहीं गया। ऐसे में उसके मोबाइल की लोकेशन से काफी हद तक स्थिति साफ होगी। उधर, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि हिंसा के दौरान लापता लोगों को पता लगाने के लिए सभी तरह के प्रयास करें। साथ ही हिंसा में मारे गए लोगों के उन सभी शवों का विवरण भी प्रकाशित करें जिनकी पहचान नहीं हो पाई है।
पार्षद की छत पर आखिर कैसे पहुंची भीड़ ?
वायरल वीडियो में पार्षद छत पर छत पर नजर आया है। इस पर उसकी दलील है यह वीडियो 24 तारीख का है। छत पर वह लगातार पुलिस अधिकारियों व पार्टी से जुड़े लोगों को फोन पर बात कर हालात के बारे में जानकारी दे रहा था। उन्हें बता रहा था कि घर के बाहर माहौल एकदम से खराब हो गया था। उसने यह भी कहा छत पर नजर आ रहे कुछ लोगों को वह खुद भगा रहा था। पुलिस वीडियो की सच्चाई का पता करेगी कि उसमें कुछ छोड़छाड़ की गई है या नहीं। पार्षद की छत पर आखिर भीड़ कैसे पहुंची। पार्षद की भूमिका केवल हत्या में ही नहीं बल्कि दंगे में भी सामने आ रही है। पुलिस पार्षद की पूरी कुंडली खंगाल पता करेगी कि कहीं इस सब दंगे के पीछे वह तो मास्टरमाइंड नहीं। या फिर उसे मोहरा बना पीछे कोई ओर चेहरा छिपा हुआ है।
‘पार्टी के नेताओं व पुलिस को मामले की जानकारी’
क्राइम ब्रांच के सामने ताहिर हुसैन ने 24 फरवरी को पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। उसने कहा दोपहर से ही घर के बाहर माहौल खराब हो गया था। लोग हिंसा पर उतारू थे। पथराव से लेकर आगजनी शुरू हो चुकी थी। यह देख उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से लेकर पुलिस अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी। पूरे हालात को लेकर बताया गया था कि स्थिति नियंत्रण में नहीं है। पार्षद का कहना है वह खुद दंगा पीड़ित है, किसी तरह उसने अपने और परिवार की जान बचाई थी। दंगे के हालात बन जाने पर वह लगातार पुलिस अफसरों को कॉल कर मदद की गुहार लगा रहा था, जिसके बाद रात में ईस्टर्न रेंज के संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार समेत अन्य पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंच सुरक्षित निकाला। उस वक्त पुलिस ने घर की तलाशी भी ली थी, तब उन्हें कोई ऐसी आपत्तिजनक चीज नहीं मिली थी।
साजिश के पीछे कपिल मिश्रा जिम्मेदार: ताहिर
पार्षद ने दावा किया इसके बाद वह उस बिल्डिंग में नहीं गया। रात में ही पैर मीलिट्री फोर्स के जवान तैनात हो गए थे, जो दिनभर वहां मौजूद रहे। अगले दिन शाम चार बजे के बाद वे फिर से कहीं चले गए, जिसके बाद वहां दोबारा से हिंसा भड़क गई। पुलिस फोर्स के वहां से चले जाने के बारे में उन्होंने पुलिस को कई बार इस बारे में अवगत कराया था कि इधर पुलिस फोर्स तैनात की जाए। हालात खराब हो सकते हैं। पार्षद ताहिर हुसैन ने पुराने सहयोगी कपिल मिश्रा तक को इस सब साजिश के पीछे जिम्मेदार ठहरा दिया। उसने कहा वह खुद अंकित की मौत को लेकर परेशान है। कैसे उसकी छत पर आपत्तिजनक सामान पहुंच गया, उसे खुद इस बारे में कोई जानकारी नहीं।
अंकित शर्मा की हत्या के मामले में पिता ने दिया था ये बयान
26 फरवरी को दयालपुर थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे में अंकित के पिता रविन्द्र ने बताया वह परिवार के साथ गली नंबर छह मकान संख्या ई-140 खजूरी खास में परिवार के साथ रहते हैं। परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं, जिसमें अंकित छोटा था। कुछ दिन से सीएए कानून के समर्थन और विरोध में भजनपुरा से करावल नगर जाने वाली मेन रोड चांद बाग पुलिया के पास प्रदर्शन हो रहे थे। जिसमें दोनों ओर से लोगों ने न केवल पत्थरबाजी की बल्कि फायरिंग भी की। निगम पार्षद का ऑफिस भी चांदबाग पुलिस के पास है, जिसने ऑफिस में गुंडे जमा किए हुए थे। 25 फरवरी की शाम पांच बजे अंकित घर से बाहर कोई सामान लेने गया था। जो वापस नहीं लौटा। इसके बाद उन्होंने अंकित की तलाश की। वह नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने आसपास के अस्पताल जाकर भी जानकारी जुटाई। कुछ पता नहीं चलने पर उसकी गुमशुदगी दयालपुर थाने में दर्ज कराई। आसपास के लोगों से बात करने पर पता चला वह कालू और अन्य लोगों के साथ गया था।
नाले में मिला था अंकित का शव
पूछताछ करने पर भीड़ में से ही किसी ने बताया चांद बाग पुलिस के पास एक धार्मिक स्थल से किसी लड़के को मारकर नाले में ऊपर से फेंका गया है। पुलिस को बुलाया गया, नाले को चेक करने पर अंकित का शव अंडरवियर में मिला। पहचान छिपाने के लिए उसकी बॉडी पर तेजाब जैसी चीज भी डाली गई थी। उन्होंने यकीन जाहिर किया कि अंकित की मौत के पीछे पार्षद और उसके गुंडो का हाथ है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2PRLk6W

0 comments: